अवबोध

स्वाध्याय

अवबोध

प्रश्न: द्रव्य करण किसे कहते हैं?
उत्तर: कर्म वर्गणाओं को आकर्षित कर आत्मसात् करना तथा उन्हें स्कंध के रूप में बांधना अर्थात् कार्मण शरीर के रूप में परिणत करना द्रव्य करण है।
प्रश्न: क्षेत्र करण किसे कहते हैं?
उत्तर: जिस क्षेत्र से जीव वर्गणा को ग्रहण कर कार्मण शरीर के रूप में परिणत करता है, उसे क्षेत्र करण कहते हैं। यह अपने संलग्न कर्म पुद्गलों को ही ग्रहण करता है। गृहीत कर्म वर्गणा कितने क्षेत्र को अवगाहित करती है तथा किस क्षेत्र विशेष में उदय में आएगी, इस निर्धारण को भी क्षेत्र करण कहते हैं।
प्रश्न: जिस क्षेत्र में जीव अवस्थित है, वहां से कुछ आकाश प्रदेश छोड़कर अगले आकाश प्रदेश पर स्थित चतुःस्पर्शी पुद्गल वर्गणा को ग्रहण कर सकता है?
उत्तर: नहीं कर सकता। अपने संलग्न आकाश प्रदेश में स्थित पुद्गल वर्गणा को ही जीव ग्रहण कर सकता है।

(क्रमशः)