अवबोध

स्वाध्याय

अवबोध

कर्म बोध
प्रकृति व करण
 
प्रश्न 33 : भाव करण किसे कहते हैं?
उत्तर : पूर्वोक्त चार करण के रूप में जो कर्मों का बंध होता है, उसके उदय को भाव करण कहते हैं।
 
प्रश्न 34: करण की उत्तर प्रकृतियाँ कितनी हैं?
उत्तर : करण की उत्तर प्रकृतियाँ 55 हैं-
द्रव्य-5, शरीर-5, इंद्रिय-5, मन-4, वचन-4, कषाय-4, लेश्या-6, संज्ञा-4, दृष्टि-3, समुद्घात-7, वेद-3, आश्रव-5 त्र कुल 55
 
अवस्था व समवाय
 
प्रश्न 1: कर्म की कितनी अवस्थाएँ हैं?
उत्तर : कर्म की दस अवस्थाएँ हैं-
(1) बंध, (2) उद्वर्तन, (3) अपवर्तन, (4) सत्ता, (5) उदय, (6) उदीरणा, (7) संक्रमण, (8) उपशम, 
(9) निधत्ति, (10) निकाचना।
 
(क्रमशः)