चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के आयोजन
पेटलावद
जीवन में आसक्ति बहुत बड़ा खतरा है। हम लोगों को आसक्ति छोड़ने का प्रयास करना चाहिए और चतुर्मास के इस अवसर पर जागरूकतापूर्वक भरपूर लाभ उठाने का प्रयास करना चाहिए। उक्त उद्गार मुनि सुव्रत कुमार जी ने तेरापंथ भवन में चातुर्मासिक प्रवेश के अवसर पर व्यक्त किए। आपने कहा कि जीवन बीत रहा है और इसका स्थायित्व भी नहीं है। अतः प्राप्त समय का अच्छे ढंग से सदुपयोग करें। इस अवसर पर मुनि मंगलप्रकाश जी ने कहा कि साधु-संतों के प्रवचन सुनने से ज्ञान प्राप्त होता है और जीवन में करणीय-अकरणीय का बोध मिलता है। संत एक ओर जहाँ स्वयं तरते हैं, वहीं दूसरों को भी तिरने की प्रेरणा प्रदान करते हैं। आपने चातुर्मास में किशोर, युवाओं, कन्याओं और युवती बहनों को विशेष रूप से चतुर्मास का लाभ उठाने की प्रेरणा प्रदान की।
इस अवसर पर मुझे शुभम कुमार जी ने भी संबोधित किया। स्वागत कार्यक्रम में ज्ञानशाला के बच्चों, तेरापंथ कन्या मंडल, तेममं ने गीत की प्रस्तुति दी। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष मनोज गादिया, तेरापंथी महासभा के आंचलिक प्रभारी दिलीप भंडारी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह आकाश चौहान, तेयुप नवमनोनीत अध्यक्ष सिद्धु कोठारी ने भी मुनिवृंद का स्वागत करते हुए अपनी भावनाएँ व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथी सभा के मंत्री राजेश वोरा ने किया। कार्यक्रम में आसपास के चोखले के विभिन्न क्षेत्रों रायपुरिया, करवड़, थांदला, सारंगी, बोरी, झाबुआ, कालीदेवी, झकनावद, मेघनगर, करड़ावद, बामनिया, कतवारा, श्रावक-श्राविकाएँ उपस्थित थे। इस दौरान भानशाला के बच्चों, तेरापंथ कन्या मंडल, किशोर मंडल, तेयुप, तेरापंथी सभा के सदस्यों ने मुनिवृंद की अगवानी करते हुए जुलूस के रूप में तेरापंथ भवन में प्रवेश किया।