शिक्षण संस्थानों से महत्वपूर्ण अनुबन्ध के साथ जीवन विज्ञान चिन्तन-गोष्ठी सम्पन्न

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शिक्षण संस्थानों से महत्वपूर्ण अनुबन्ध के साथ जीवन विज्ञान चिन्तन-गोष्ठी सम्पन्न

मुम्बई, 19 जुलाई 2023
अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी द्वारा आयोजित जीवन विज्ञान चिन्तन संगोष्ठी, आचार्यश्री महाश्रमण चातुर्मास प्रवास स्थल नंदनवन, मुम्बई में उपस्थित संभागियों को संबोधित करते हुए अणुव्रत अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी ने फरमाया कि ‘जीवन विज्ञान का उपक्रम परम पूजनीय अणुव्रत अनुशास्ता अणुव्रत प्रवर्तक आचार्यश्री तुलसी के समय में प्रारम्भ हुआ था। आचार्यश्री महाप्रज्ञजी का पथदर्शन, निर्देशन उसमें मानो जुड़ा हुआ रहा और आज जीवन विज्ञान ने भी कुछ यात्रा की है, स्थान परिवर्तन भी किया है। कभी यह जीवन विज्ञान जैन विश्व भारती के तत्वावधान में चला करता था, आज भी विश्व भारती तो है पर ‘जैन’ की जगह ‘अणुव्रत’ जुड़ गया है। स्थान भले बदले पर तत्व तो वही है। जीवन विज्ञान अभी अणुव्रत विश्व भारती का एक आयाम बना हुआ है। जो जैन श्वेताम्बर तेरापंथ से जुड़े हुए विद्या संस्थान हैं, भले वे तेरापंथी सभाओं के द्वारा संचालित हो या व्यक्तिगत तेरापंथी समाज के लोगों से जुड़े हुए हों, जो भी हों वहां जीवन विज्ञान पर भी चिन्तन-मंथन हो सकता है।
जीवन विज्ञान चिन्तन-गोष्ठी में विभिन्न लोग उपस्थित हुए होंगे उनको जीवन विज्ञान के भी प्रयोग वहां लागू हो सके, काम में लिया जा सके। भले प्रार्थना सभा में जीवन विज्ञान के रूप में शुरू हो, जो जैसे अनुकूलता हो वैसे चिन्तन-मंथन किया जा सकता है। आज का कार्यक्रम, चिन्तन-मंथन जो भी हो सके अच्छा हो यह मंगलकामना है। संगोष्ठी संभागियों को मुख्यमुनि मुनिश्री महावीरकुमारजी, मुनिश्री मननकुमारजी, मुनिश्री योगेशकुमारजी के साथ साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी, साध्वीवर्या संबुद्धयशाजी का भी प्रेरणात्मक उद्बोधन एवं पाथेय प्राप्त हुआ।
अणुविभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश नाहर ने कहा कि सोसायटी को जीवन विज्ञान प्रकल्प का दायित्व मिला तब से पूर्व के कार्यकर्तागण और वर्तमान टीम ने इस कार्य को और अच्छे ढंग से आगे बढ़ाया है साथ ही आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनिश्री मनन कुमार जी के साथ अनेकों चारित्रात्माओं एवं मुनिश्री धर्मेशकुमारजी का भी मार्गदर्शन हमें मिला है। आज की संगोष्ठी में 9 राज्यों के 60 विद्यालयों से लगभग 80 प्रतिभागियों के साथ मुम्बई क्षेत्र के अनेक कार्यकर्ता -गण भी उपस्थित रहे। अविनाश नाहर ने आह्वान किया कि बैठक में उपस्थित शिक्षण संस्थाओं के साथ तेरापंथ समाज के सभी शैक्षिक संस्थानों को अपने यहां जीवन विज्ञान को प्रारम्भ करना चाहिए।
जीव विज्ञान के राष्ट्रीय संयोजक रमेश पटावरी ने बताया कि पूज्यप्रवर के आशीर्वचन एवं पाथेय पश्चात् अनेक शिक्षण संस्थाओं ने अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर कर अपने यहां जीवन विज्ञान को प्रारम्भ करने का संकल्प व्यक्त किया है साथ ही अनेक विद्यालयों से उपस्थित प्रतिनिधियों ने अनुबंध-पत्रक पर शीघ्र सक्षम पदाधिकारी द्वारा हस्ताक्षर करवा कर लौटाने की बात कही। राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रभारी राकेश खटेड़ ने ‘जीवन विज्ञान क्या, क्यों और कैसे’ विषय पर पॉवर प्वाइंट के माध्यम से सांगोपांग प्रशिक्षण प्रदान किया।
संगोष्ठी में अणुविभा महामंत्री भीखम सुराणा, उपाध्यक्ष विनोद कोठारी, माला कातरेला, जीवन विज्ञान के राष्ट्रीय परामर्शक मूलचन्द नाहर, प्रकाशन मंत्री देवेन्द्र डागलिया, मध्यांचल संगठन मंत्री साधना कोठारी, जीवन विज्ञान अकादमी छत्तीसगढ़, मध्य-प्रदेश एवं कर्नाटक के राज्य संयोजक क्रमशः दानमल पोरवाल, सुरेश कोठारी, ललित आच्छा, जैन विश्व भारती अध्यक्ष अमरचंद लूंकड़, आचार्यश्री महाश्रमण चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति अध्यक्ष मदनलाल तातेड़, किशनलाल डागलिया, भीकमचन्द कोठारी ‘भ्रमर’, जीवन विज्ञान राष्ट्रीय टीम से कमल बैंगाणी, रीना गोयल, ममता श्रीश्रीमाल, नीरज बम्बोली, हनुमान मल शर्मा, अणुव्रत समिति, मुम्बई के अध्यक्ष रोशनलाल मेहता, मंत्री राजेश चौधरी सहित अनेक गणमान्य महानुभावों की उपस्थिति रही।