कन्याएं उजाला प्राप्त कर उज्ज्वलता की ओर पथ प्रशस्त करती रहें: आचार्यश्री महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

कन्याएं उजाला प्राप्त कर उज्ज्वलता की ओर पथ प्रशस्त करती रहें: आचार्यश्री महाश्रमण

'उजाला - बी द लाईट, स्प्रेड द लाईट' का हुआ भव्य आयोजन

नंदनवन-मुंबई, 25 जुलाई, 2023
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमण जी के पावन सान्निध्य में आयोजित तेरापंथ कन्या मंडल के 19वें राष्ट्रीय अधिवेशन के तीसरे दिन समापन सत्र पर कन्याओं को परेणा पाथेय प्रदान करते हुए परम पावन आचार्यश्री महाश्रमणजी ने फरमाया कि मनुष्य को अपने जीवन में कुछ बनने का लक्ष्य बना उसके अनुरूप चलने का प्रयास करना चाहिए। लक्ष्य ऐसा हो कि जीवन धन्य बन जाए। जीवन इसलिए जीएं कि हम पूर्व कर्म क्षय कर मोक्ष प्राप्त कर सकें। हमारे धर्मसंघ की कन्याओं में प्रतिभा भी देखने को मिलती है।
शिक्षा का विकास हो रहा है। उजाला ज्ञान से संबंधित होता है। उजाले की निष्पत्ति उज्ज्वलता में आए। कन्याएं उजाला प्राप्त कर उज्ज्वलता की ओर पथ प्रशस्त करती रहें। उज्ज्वलता के अनेक आयाम हैं। ईमानदारी, अचौर्य, अबोध, अमृषावाद, अनाग्रह की चेतना जीवन में हो। दिमाग संतुलित रहे, चित्त में प्रसन्नता बनी रहे। उजाला और उज्ज्वलता में निरंतर विकास होता रहे। आगे और ज्यादा धार्मिक-आध्यात्मिक विकास होता रहे।
परिषहों को जितने का प्रयास करे साधु
आचार्यश्री महाश्रमणजी ने मुख्य प्रवचन के अंतर्गत पावन पाथेय प्रदान करते हुए फरमाया कि भगवती सूत्र के आठवें शतक में कहा गया है कि साधु जीवन में प्रतिकूल स्थितियाँ हो सकती हैं, तो अनुकूल स्थितियाँ भी आ सकती हैं। मानसिक- शारीरिक परिस्थितियाँ आ सकती हैं। साधु जीवन परमार्थ का मार्ग है, इसमें कठिनाइयाँ भी आ सकती हैं।
साधु जीवन में प्रतिकूल परिस्थितियाँ आती हैं, उन्हें 22 परिषह कहा गया है। साधु इन परिषहों पर जय पाए। प्रभावित या अस्थिरता न आए। निश्चय पर अटल रहे। आकुल-व्याकुल न हो। क्षुधा-शीत आदि 22 परिषह हैं। परिषह सहन के दो लक्ष्य हैं- मार्ग से अच्यवन और निर्जरा। इसलिए परिषहों को साधु जीते। कई परिषह शरीर से संबंधित हैं। भूख-प्यास सहन करने से सहज तपस्या हो जाती है। सर्दी-गर्मी रोग आदि भी शरीर से संबंधित परिषह है। गृहस्थों के जीवन में भी परिस्थितियाँ आ सकती हैं। परिस्थितियों को शांति से सहन करें, मनोबल बनाए रखें। चित्त प्रसन्नता रहे। शरीर स्वस्थ रहे। चारित्रात्माओं को तो इन परिषहों को जीतने की विशेष साधना करनी चाहिए।
महामनीषी ने कालू यशोविलास का सुंदर विवेचन करते हुए पूज्य कालूगणी के द्वारा उदयपुर के राणाजी को दिए गए उपदेश के संदर्भ को विस्तार से समझाया। सत्संगत से सम्यक्त्व प्राप्त हो सकता है। श्रावक अणुव्रतों को धारण करें। तेरापंथ के सिद्धांत को भी समझाते हैं। उपासक सुरेश बाफणा, सूरत ने 31 की तपस्या, त्रिशला सेमलानी व नेहा विजयराज, पुष्पा कोठारी, सुनीता बोथरा, सुरेखा कावड़िया, नेहा मनीष, प्रेमलता बांठिया ने तपस्या के प्रत्याख्यान पूज्यप्रवर से ग्रहण किए।
साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी ने कहा कि शासनमाता ने कन्याओं को धरातल प्रदान करवाया था। अधिवेशन के अनेक रूपों को समझें। अपनी भावी योजनाओं का चित्रण, कन्या योजनाओं को पूरा कर कृतत्व को उजागर करें।
कन्या मंडल अधिवेशन के समापन सत्र ‘उजाला डेस्टिनेशन’ में मुख्य प्रवचन कार्यक्रम में परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी के सानिध्य में अधिवेशन का मंचीय उपक्रम रखा गया। तेरापंथ कन्या मण्डल की प्रभारी अर्चना भण्डारी ने कन्या मंडल प्रतिवेदन को कलात्मक विद्या से प्रस्तुत किया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलम सेठिया ने अधिवेशन से संबंधित कार्यक्रम का संचालन करते हुए अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। ‘उजाला’ के थीम गीत पर मुंबई की कन्याओं ने अपनी प्रस्तुति दी। मुख्य प्रवचन कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया।

कन्यामंडल अधिवेशन की विस्तृत रिपोर्ट . . .

परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी के पावन सान्निध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में तेरापंथ कन्या मंडल के 19वें राष्ट्रीय अधिवेशन ‘उजाला - बी द लाईट, स्प्रेड द लाईट’ का दिनांक 23-24-25 जुलाई 2023 को नंदनवन, मुम्बई में भव्य आयोजन हुआ।
आचार्यप्रवर ने प्रथम सत्र में ही मानसिक औज आहार कन्याओं को प्रदान करवाया था। कन्याएँ आध्यात्मिक मूल्यों के साथ पारिवारिक संस्कारों के मूल्य को भी जीवन में उतारें।
अधिवेशन के प्रथम दिवस के प्रथम सत्र में के शुभारम्भ में अभातेममं की राष्ट्रीय अध्यक्षा नीलम सेठिया ने स्वागत वक्तव्य देते हुए पूज्य गुरुदेव से कन्याओं को प्रेरणा पाथेय प्रदान कराने का निवेदन किया। पूज्य गुरुदेव ने कृपा करके कन्याओं को अमृत पाथेय प्रदान किया। सूरत कन्या मंडल ने पुराने गीतों की प्रस्तुति दी। जिज्ञासा समाधान सत्र में कन्याओं ने अपने आराध्य गुरुदेव से तत्व ज्ञान संबंधी कई प्रश्न किए जिनका बहुत सुंदर सटीक आध्यात्मिक समाधान पूज्य गुरुदेव ने कन्याओं को प्रदान किया। एक घंटे का गुरु से संवाद का अनुपम अवसर कन्याओं को प्राप्त हुआ। कन्या प्रतिवेदन श्री चरणों में निवेदित किया गया।
द्वितीय चरण ‘ग्लिटरिंग स्टेशन’ में ‘स्ट्रीट ऑफ बीट’ का आयोजन किया गया जिसमें श्रद्धेय साध्वी प्रमुखाश्रीजी एवं श्रद्धेय साध्वीवर्याजी ने पधारकर बेटियों का उत्साहवर्धन किया। जैन धर्म एवं तेरापंथ धर्म के सिद्धांत देश के विभिन्न कलाओं एवं परम्पराओं की प्रस्तुति एवं ‘मांइड सिमुलेटिंग गेम’ का आयोजन किया गया। वहां उपस्थित श्रावक श्राविकाओं के अलावा चारित्र आत्माओं ने भी आध्यात्मिक ज्ञान के स्टाल का अवलोकन किया और उसे सराहा।
इसके अलावा परेड, लघु नाटिका, नुक्कड़ नाटिका, भजन कार्यक्रम इस सत्र के मुख्य आकर्षण रहे। सहमंत्री निधि सेखानी, पूर्व महामंत्री तरुणा बोहरा एवं डॉ वन्दना बरड़िया के सार्थक श्रम से यह शो सफल रहा, इस कार्यक्रम में 3 घंटे की समयावधि में लगभग 3000 लोगों ने हिस्सा लिया।
तीसरे सत्र ‘स्पार्कलिंग स्टेशन’ की शुरुआत नोएडा कन्यामंडल के मंगलाचरण से हुई। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की चीफ ट्रस्टी पुष्पा बैंगानी ने देश विदेश से आई हुई सभी कन्याओं का स्वागत किया। परिचय सत्र में सभी कन्याओं ने अपने क्षेत्र का परिचय दिया। ‘बी द लाईट, स्प्रेड द लाईट’ में राष्ट्रीय अध्यक्षा नीलम सेठिया ने ऑनलाइन पोलिंग के द्वारा सभी कन्याओं से सवाल पूछे। कन्याओं ने इसमें बहुत उत्सुकता से भागीदारी निभाई। राष्ट्रीय महामंत्री मधु देरसरिया ने आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। उपलब्धि दर्पण पर राष्ट्रीय कन्यामंडल की राष्ट्रीय प्रभारी अर्चना भंडारी ने दो वर्षों में सभी क्षेत्रों की कन्या मंडल के कार्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम का कुशल संचालन सुश्री नेहा डूंगरवाल, सेलम ने किया।
लाइटहाउस आफ लॉजिक्स- अगले दिन सुबह के सत्र में कन्या मंडल को 10 ग्रुप्स में बांट दिया गया। अलग अलग 10 साध्वीवृंद ने उन्हें प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए जिज्ञासा को समाहित किया। उसके बाद दो अलग-अलग ग्रुप में साध्वी प्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी एवं साध्वीवर्याजी ने महत्ती कृपा करके मंगल उद्बोधन प्रदान किया। उन्होंने दीर्घ श्वास प्रेक्षा, अच्छी पुस्तकों का अध्ययन, मोबाइल का प्रयोग कम करना, जंक फूड का सेवन न करना , श्रमशीलता को महत्व देने की शिक्षा प्रदान की। तत्पश्चात बेटियों ने अपनी जिज्ञासा और समस्या का समाधान प्राप्त किया।
द्वितीय दिवस के दूसरे सत्र ‘ग्लिमिंग स्टेशन’ का शुभारम्भ सूरत कन्यामंडल के मंगलाचरण से हुआ। ‘जैनिज्म एंड जेन नेक्स’ विषय पर मोटिवेशनल स्पीकर डॉ दिलीप जैन ने सभी कन्याओं को कैरेक्टरिस्ट ऑफ द नेक्स्ट जेनरेशन, अहिंसा, अनेकांत, सत्य, अपरिग्रह, विवेक, आदि विषय पर प्रशिक्षण दिया।
‘इम्प्रोम्पटू टेबल टॉपिक्स’ विषय पर राष्ट्रीय सहमंत्री निधि सेखानी व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्या वंदना बरड़िया ने सभी कन्याओं को अलग अलग टॉपिक्स जैसे कन्यादान, फूड, सोशल मीडिया, ड्रेसअप, फैशन आदि विषय दिए। जिन पर कन्याओं ने अपनी शानदार प्रस्तुतियां दी।
राष्ट्रीय अध्यक्षा नीलम सेठिया ने सभी कन्याओं और कन्यामंडल प्रभारियों के सवालों का समाधान किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन भावना बोथरा -कोयंबटूर ने किया। ‘राइस एंड साइन’ में महामंत्री मधु देरासरिया ने कन्याओं को आध्यात्मिक विकास और आंतरिक उजाले को कैसे प्राप्त किया जाए, अर्हत वंदना के सूत्रों के माध्यम से उन्हें बहुत ही सुंदर तरीके से समझाया।
द्वितीय दिवस ‘लुमिनस स्टेशन’ के सत्र में ‘अस्तित्व की पहचान - एक नई उड़ान में राजेश कुमार व राजश्री ठाकुर ने सभी कन्याओं के सवालों के जवाब दिए और जिंदगी में हम कैसे खुद को मजबूत बनाकर, खुद में खुश रहकर और सभी परिस्थितियों में कैसे खुद को खुश रखें ऐसी कई सकारात्मक बातें बताई। कार्यक्रम का कुशल संचालन तृप्ति कोठारी गदग ने किया।’
‘वायब्रेंट स्टेनशन’ ट्रस्टी सूरज जी बरड़िया के द्वारा भक्तामर एवं नमस्कार महामंत्र के मंत्रों का सही उच्चारण एवं अर्थ बताया और विविध समस्याओं के निवारण के लिए मंत्र का उपयोग कैसे हो इस पर उन्होंने बहुत ही सुंदर प्रशिक्षण दिया।
अगले सत्र ‘गलॉविंग स्टेशन’ कन्या मंडल के कार्यों का मूल्यांकन करते हुए उन्हें मोमेंटो एवं सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।
इस सत्र के अंत में निधि सेखानी एवं जयश्री जोगड़ द्वारा ट्रेजर हंट प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। देश विदेश से लगभग 92 क्षेत्रों की 525 से अधिक कन्याएं अधिवेशन में संभागी बनी।