अणुव्रत संसद का आयोजन

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अणुव्रत संसद का आयोजन

भीलवाड़ा
पर्युषण महापर्व के पांचवें दिन 16 सितंबर को अणुव्रत चेतना दिवस के उपलक्ष में अणुव्रत समिति भीलवाड़ा द्वारा रात्रिकालीन कार्यक्रम में समसामयिक मुद्दों को लेकर चर्चा- परिचर्चा की गई जिसे अणुव्रत संसद का नाम दिया गया। अणुव्रत संसद का आयोजन शासनश्री मुनिश्री हर्ष लाल जी स्वामी ठाणा -3 के पावन सान्निध्य में हुआ मंगलाचरण द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।मुनिश्री पारस कुमार जी ने अपने प्रेरणा पाथेय में कहा कि अणुव्रत विचारधारा जाति, धर्म, रंग और लिंग में भेदभाव किए बिना मानव के श्रेष्ठ चरित्र को उजागर करने का मार्ग प्रस्तुत करता है जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाये जा सकते हैं। मुनिश्री यशवंत कुमार जी ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा कि इस तरह के मंचीय कार्यक्रम समाज एवं राष्ट्र को नई दिशा की ओर अग्रसर कर सकते हैं। आज जरूरत है कि देश का प्रत्येक व्यक्ति सामाजिक मुल्यो एवं राष्ट्रीय मुद्दो पर अपना चिंतन प्रस्तुत करें तो स्वस्थ समाज एवं स्वस्थ राष्ट्र की संरचना में अपनी अहम भूमिका निभा सकता है। आचार्य श्री तुलसी द्वारा प्रतिपादित अणुव्रत आंदोलन का लक्ष्य भी यही है कि देश में सद्भावना, नैतिकता और नशा मुक्ति का विकास हो। अणुव्रत समिति अध्यक्ष अभिषेक कोठारी ने स्वागत वक्तव्य दिया। इस संसद में दो दल बनाए गए अहिंसा दल एवं शांति दल। अहिंसा दल के सांसदों ने श्रीमान मदन लाल जी टोडरवाल को अपना नेता चुना एवं शांति दल के सांसदों ने श्रीमती आनंद बालाजी टोडरवाल को अपना नेता चुना। दोनों दलों को चिट के माध्यम से विषय प्रेषित किए गए कुछ विषय राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर थे तो कुछ विषय सामाजिक मुद्दों को लेकर। पक्ष विपक्ष में दोनों दलों ने अपनी तरफ से टिप्पणिया प्रस्तुत की। अणुव्रत संसद की अध्यक्षता कर रहे अणुविभा के उपाध्यक्ष श्रीमान् निर्मल जी गोखरू एवं अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की सहमंत्री श्रीमती नीतु जी ओस्तवाल ने दोनों दलों की बहस सुनकर निष्कर्ष प्रस्तुत किये। इस कार्यक्रम में अणुव्रत सप्ताह एवं जैन विश्व भारती द्वारा संचालित दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रम के बैनर का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन अणुव्रत समिति सदस्य अंकित लोढ़ा एवं अंकिता मारु ने किया एवं आभार मंत्री रेणु चौरडिया ने किया। श्रावक - श्राविकाओ की उपस्थिति से कार्यक्रम रोचक एवं सार्थक रहा।