अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के 48वें महिला अधिवेशन ‘क्षितिज--- असीम संभावनाओं के’ का शुभारंभ

गुरुवाणी/ केन्द्र

अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के 48वें महिला अधिवेशन ‘क्षितिज--- असीम संभावनाओं के’ का शुभारंभ

नंदनवन।
शुभारंभ सत्र
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के 48वें महिला अधिवेशन ‘क्षितिज--- असीम संभावनाओं के’ का शुभारंभ नंदनवन परिसर में आचार्य श्री महाश्रमण की पावन सन्निधि में हुआ। अधिवेशन का शुभारंभ लोगो अनावरण के साथ हुआ। राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलम सेठिया ने गुरु चरणों में प्रतिभागी सभी बहनों की ओर से अभिवंदना एवं सुखप्रच्छा की। द्विवर्षीय सफर हेतु राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कृतज्ञ भाव से निवेदन किया कि 16 वर्ष पूर्व तलहटी से प्रारंभ हुई यह यात्रा गुरु कृपा से पूर्णता की ओर है। महामंत्री मधु देरासरिया ने प्रतिवेदन समर्पित किया। आचार्यप्रवर ने अपने मंगल आशीर्वचन में फरमाया कि ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप जीवन की अमूल्य संपत्ति हैं। ज्ञान का जीवन में विकास हो, सम्यक् दर्शन पुष्ट रहे, त्याग प्रत्याख्यान द्वारा चारित्र की पुष्टि करें, जीवन में तप की आराधना करें। आचार्यप्रवर ने महिला मंडल के विकास में शासनमाता के अमूल्य योगदान का भी स्मरण किया। पूज्य गुरुदेव ने महिला मंडल के कार्यों के प्रति संतोष व्यक्त करते हुए फरमाया कि आगामी अधिवेशन में अच्छा चिंतन-मंथन हो, अच्छा कार्य हो, अच्छी रूपरेखा बने। नये अध्यक्ष के नेतृत्व में महिला मंडल अच्छा आध्यात्मिक विकास करे - इस आशीर्वाद के साथ पूज्यप्रवर ने समुपस्थित केंद्रीय टीम को मंगल पाठ से कृतार्थ किया।
अभिनंदन सत्र
तत्पश्चात कार्यक्रम के द्वितीय चरण में राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलम सेठिया द्वारा सभी शाखा मंडल के अध्यक्षों को अध्यक्षीय काॅलर पहनाकर अभिनंदन किया गया। सभी प्रांतों का विशिष्ट अंदाज में अभिनंदन किया गया। इस इंडक्शन सेरेमनी से शाखा मंडलों को अतिरेक प्रसन्नता एवं गौरव की अनुभूति हुई। सभी से अनुरोध किया गया कि इस काॅलर बैज को उन्हें खास अवसरों पर पहनना है और अपना कार्यकाल संपन्न होने के बाद आगामी नेतृत्व को सौंप देना है। महामंत्री मधु देरासरिया ने सभी का उत्साहवर्धन किया। इस सत्र को सफल बनाने में मंजुला डूंगरवाल, विनीता बैंगानी एवं संगीता बाफना का सार्थक श्रम लगा।
उत्साहवर्धक सत्र
परम श्रद्धेय आचार्य श्री महाश्रमण जी के मुखारविंद से मंगल पाठ श्रवण कर राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलम जी सेठिया ने 48वें राष्ट्रीय अधिवेशन के शुभारंभ की घोषणा की। श्रद्धेया साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी के सान्निध्य में इस सत्र का आयोजन हुआ। मुंबई महिला मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण के पश्चात चीफ ट्रस्टी श्रीमती पुष्पा बैंगानी ने अधिवेशन में पधारी सभी बहनों का स्वागत करते हुए कहा कि जिस संगठन का नेतृत्व मजबूत हो उस संगठन को आगे आने से कोई नहीं रोक सकता। साध्वीवर्या सम्बुद्धयशाजी ने कहा कि संगठन के नेता का ये दायित्व होता है कि वह सभी को साथ लेकर चले और संगठन के सदस्यों का भी दायित्व होता है कि वे अपने नेता की बात को प्राथमिकता दें। जो संगठन समय अनुसार कार्य करता है वह संगठन आगे बढ़ता है। जिस संस्था में परंपरा के साथ नवीनता भी अपनायी जाती है वह संस्था विकास करती है। आपने कहा कि अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल पुरानी परंपराओं के साथ नवीनता को सम्मिलित कर हर कार्य पूर्ण करती है। इस सत्र का संचालन रमन पटावरी ने किया।
साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी ने सभी बहनों को प्रेरणा देते हुए कहा कि मंडल किसी एक बहन का नहीं अपितु सब का होता है। मंडल के सभी सदस्यों को मंडल के कार्यों को महत्त्व देना चाहिए। मंडल से जुड़कर बहनों की अपनी एक पहचान बनती है। हमें कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि मंडल हमारे लिए क्या कर रहा है बल्कि यह सोचना है कि हम मंडल के लिए क्या कर रहे हैं। आपने बहनों को तत्त्व ज्ञान सीखने, सादगी पूर्ण एवं अनुशासित जीवन जीने की प्रेरणा दी। राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलम सेठिया, महामंत्री मधु देरासरिया सहित सभी पदाधिकारियों ने साध्वीप्रमुखाश्री व साध्वीवर्याजी के श्रीचरणों में प्रतिवेदन भेंट किया। महामंत्री मधु देरासरिया ने साध्वीप्रमुखाश्री के चरणों में कृतज्ञता ज्ञापित की। सत्र का संचालन सहमंत्री नीतू ओस्तवाल ने किया।
उत्कर्ष सत्र
सायंकालीन सत्र में शनिवार की सामायिक के साथ तेरापंथ प्रबोध एवं पुरानी ढालों का पुनरावर्तन करवाया गया। राजुल मनोत, शिल्पा बैद, संगीता बाफना (पालघर) ने प्रतियोगिता करवाई। कुमुद कछारा एवं निर्मला चंडालिया ने अर्हत् वंदना एवं जप करवाया। आतिथ्य देने वालों का सम्मान किया गया एवं स्थाई प्रकल्प/आयाम हेतु शाखाओं को मेमोटो प्रदान किए गए। संचालन अदिति सेखानी एवं रचना हिरण ने किया।
अभ्युदय सत्र
अधिवेशन के द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र अभ्युदय सत्र का आयोजन साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के सान्निध्य में गानसाम्राज्ञी लता मंगेशकर आॅडिटोरियम में आयोजित हुआ। महिला मंडल, सूरत के मंगलाचरण से प्रारंभ हुए इस सत्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलम सेठिया ने सभी का अभिनंदन किया और सभी बहनों को मोटिवेट करते हुए अपने विचारों की प्रस्तुति दी। प्रमुखाश्रीजी के प्रति अपने कृतज्ञ भावोद्गार प्रस्तुत किए। विपरीत परिस्थिति मर्यादित मनःस्थिति विषय पर साध्वी प्रमुखाश्री ने कहा कि बहनों के विकास का श्रेय गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी को जाता है जिन्होंने बहनों को आगे लाने का चिंतन किया और आज उनके ही कारण बहनें अपना विकास कर स्वयं की पहचान बना रही है। पद तो एक व्यवस्था है। पदस्थ व्यक्ति तो कार्य करता ही है लेकिन पद मुक्त व्यक्ति को भी कार्य करते रहना चाहिए क्योंकि महत्त्व सभी का होता है सिर्फ पद का नहीं होता। संगठन के विकास के लिए सभी बहनों को सोचना है। सभी बहनों को अपना व्यवहार मधुर रखना चाहिए, क्योंकि हमारा व्यवहार हमारी पहचान है। प्रमुखाश्रीजी ने कहा सभी बहनों को अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण तथा कषायों को मंद करना चाहिए तभी वह अपने परिवार में खुशियाँ ला सकती है।
महासतीवरम के प्रेरक उद्बोधन के पश्चात ‘संवाद महासतीवरम के साथ’ एक सत्र रखा गया जिसमें बहनों ने अपनी जिज्ञासा रखी और प्रमुखाश्री जी ने सभी को समाधान दिया। साध्वी स्तुतिप्रभा जी द्वारा गीतिका का संगान किया। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा सभी अनुदानदाताओं एवं आचार्य महाश्रमण चतुर्मास व्यवस्था समिति, मुंबई का अभिनंदन किया गया। उपाध्यक्ष सरिता डागा ने साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की एवं सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। सत्र का संचालन वीणा बैद ने किया।
उन्मेष सत्र
लुधियाना महिला मंडल के मंगलाचरण के साथ ‘उन्मेष सत्र’ का शुभारंभ हुआ। सुमन नाहटा ने पूरे सदन के समक्ष संविधान के मुख्य बिंदुओं को प्रश्नोत्तर शैली में बहुत ही रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन सरिता बरलोटा ने किया।
पुरस्कार एवं सम्मान सत्र के अन्तर्गत शाखा मंडलों द्वारा कृत कार्यों का मूल्यांकन करते हुए उन्हें सम्मानित किया गया। इस क्रम में वरीयता प्राप्त करने वाले क्षेत्र रहेµ

कस्बा वर्ग में: प्रथम - गुरुग्राम; द्वितीय - बेहाला; तृतीय - चूरू; प्रोत्साहन - के0जी0एफ0, टी0 दासरहल्ली, इस्लामपुर, डूंगरी।
ग्राम वर्ग में: प्रथम - नोएडा; द्वितीय - जलगांव, कांकरोली; तृतीय - मैसूर, फरीदाबाद; प्रोत्साहन - लाडनूं, कोयम्बतूर, पाली, राजाजीनगर।
शहर वर्ग में: प्रथम - काठमांडू; द्वितीय - रायपुर; तृतीय - सिलीगुड़ी; प्रोत्साहन - जोधपुर सरदारपुरा, राजाराजेश्वरी नगर।
नगर वर्ग में: प्रथम - विजयनगर; द्वितीय - पूर्वांचल कोलकाता, बालोतरा; तृतीय - उधना, उदयपुर; प्रोत्साहन - जयपुर सी-स्कीम।
महानगर वर्ग में: प्रथम - अहमदाबाद; द्वितीय - मुंबई, सूरत; तृतीय - साउथ कोलकाता।

कार्यक्रम का संचालन निधि सेखानी, तरुणा बोहरा एवं डाॅ0 वंदना बरडिया ने किया।
पुरस्कार एवं सम्मान सत्र में जूली मेहता एवं संगीता बाफना (पालघर) का सार्थक श्रम लगा।
अभिनव सत्र
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के साधारण सदन का आयोजन नन्दनवन - परिसर, मुम्बई में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ महिला मण्डल, रायपुर के मंगलाचरण से हुआ। महामंत्री मधु देरासरिया ने गत साधारण सदन की कार्यवाही का वाचन किया जिसे सदन ने सहर्ष पारित किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलम सठिया ने अपने अन्तर्मन के उद्गारों को अभिव्यक्त करते हुए परम पूज्य गुरुदेव व समस्त चारित्रात्माओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की, शासन गौरव साध्वी कल्पलता जी के प्रति वंदन एवं कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए सम्पूर्ण राष्ट्रीय टीम के प्रति व सदन के प्रति आभार व्यक्त किया। महामंत्री मधु देरासरिया ने मंत्री प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जिसे सदन ने पारित किया। कोषाध्यक्ष रंजू लुनिया ने आय व्यय का ब्योरा प्रस्तुत किया जिसे सदन ने स्वीकृत किया एवं डाॅ0 सूरज बरडिया ने संविधान वाचन किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलम सेठिया ने अपनी पूरी टीम सहित पद का विसर्जन करते हुए, गुरुदेव, प्रमुखाश्रीजी, साध्वी कल्पलता जी और शासनमाता को कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए अपने चारों माता-पिता को प्रणाम करते हुए अपना पद संपूर्ण कार्यसमिति के साथ विसर्जित किया।
शांता पुगलिया को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया। तत्पश्चात चुनाव अधिकारी कुमुद कच्छारा व सह-चुनाव अधिकारी कल्पना बैद ने सरिता डागा का नाम वर्ष 2023-25 के लिए सदन के समक्ष रखा जिसे सदन ने सर्वसम्मति से पारित किया। मंगल मंत्रोच्चार के साथ सरिता डागा (जयपुर) को राष्ट्रीय अध्यक्ष (2023-2025) पद के लिए मनोनीत किया गया। नव-अध्यक्ष ने अध्यक्षीय पद को ग्रहण करने की स्वीकृति प्रदान की।
आस्था सत्र
परम पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी के सान्निध्य में प्रातःकाल भावना सेवा हेतु किचन वेन का लोकार्पण पूजयप्रवर के मंगलपाठ से किया गया। इस किचन वेन के प्रायोजक कन्हैयालाल-सुशीला पटावरी एवं महेंद्र नाहटा हैं। प्रातःकालीन प्रवचन के पश्चात आस्था सत्र का शुभारंभ हुआ। दक्षिण दिल्ली एवं मुम्बई महिला मंडल ने मंगलाचरण किया। निवर्तमान अध्यक्ष नीलम सेठिया ने अपने भावों की अभिव्यक्ति देते हुए विगत दो वर्षों में जाने अनजाने हुई भूलों के लिए पूज्य गुरुदेव से संपूर्ण महिला मंडल की तरफ से क्षमायाचना की। निवर्तमान महामंत्री मधु देरासरिया ने भी अपने उद्गार व्यक्त करते हुए मंत्री प्रतिवेदन का संक्षिप्त रूप गुरुदेव के समक्ष प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अगले चरण में श्राविका गौरव अलंकरण भंवरी देवी भंसाली को प्रदान किया गया और सीता देवी सरावगी प्रतिभा पुरस्कार शुभा मेहता, (न्यायाधीश-जयपुर हाईकोर्ट) एवं जयश्री जैन आईएएस (उपसचिव - छत्तीसगढ़ सरकार) को प्रदान किया गया।
साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी ने अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा कृत कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि सभी शाखा मंडलों में नारी लोक और उसमें दिए गए कार्यों के प्रति बहुत ही उत्साह का भाव रहता है और सभी शाखा मंडल नारीलोक में दिए गए कार्यों को पूर्ण करने के लिए तत्पर रहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल को अब एक हाई परफार्मर संस्था बनकर दिखाना है। एक हाई परफार्मर संस्था बनने के लिए 3ब. ब्ींतंबजमतए ब्वददमबजवद ंदक बवदजतपइनजपवद आवश्यक हैं। आचार्यप्रवर ने महती कृपा कर फरमाया कि महिला मंडल बहुत ही गति-प्रगति कर रहा है। महिलाओं ने बहुत विकास किया है। उनके बोलने की शैली भी बहुत अच्छी हुई है और साथ ही साथ उनकी श्रद्धा, भक्ति, समर्पण और सेवा भावना भी अप्रतिम है। पूज्य गुरुदेव ने नए अध्यक्ष को धार्मिक, आध्यात्मिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी।
तत्पश्चात नव-मनोनीत अध्यक्ष सरिता डागा को निवर्तमान अध्यक्ष नीलम सेठिया ने शपथ ग्रहण करवाई। राष्ट्रीय अध्यक्ष सरिता जी डागा ने अपनी नई टीम की घोषणा करते हुए उन्हें शपथ दिलवाई। नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष ने गुरु चरणों में अपनी अभिवंदना निवेदित करते हुए संस्कार सेतु के रूप अपना ग्यारह सूत्री विजन प्रस्तुत किया।