अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के 57वें राष्ट्रीय अधिवेशन ‘नवोदय’ का हुआ भव्य आयोजन

गुरुवाणी/ केन्द्र

अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के 57वें राष्ट्रीय अधिवेशन ‘नवोदय’ का हुआ भव्य आयोजन

परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी के पावन सान्निध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के 57वें राष्ट्रीय अधिवेशन ‘नवोदय’ का हुआ भव्य आयोजन

तेरापंथ युवक परिषद, सूरत बनी ‘श्रेष्ठ परिषद’, अहमदाबाद, विजयनगर और चेन्नई ने जीता ‘विशिष्ट परिषद’ का खिताब

नंदनवन, मुंबई।
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के 57वें राष्ट्रीय अधिवेशन ‘नवोदय- न्यू इंडिया: ब्राइट इंडिया’ का भव्य आयोजन परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी के पावन सान्निध्य में दिनांक 27-28-29 अक्टूबर 2023 को नंदनवन, मुम्बई में हुआ।
परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी ने युवाओं को प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए फरमाया कि आज अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद का यह वार्षिक अधिवेशन हो रहा है। यह युवकों का इतना अच्छा संगठन है। कितने-कितने युवक किशोर भी इसके साथ जुड़े हुए हैं। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा अनेक गतिविधियां चल रही है और अनेक सेवा के कार्य भी हैं, आध्यात्मिकता के भी कार्य हंै। युवकों को संगठन के साथ जुड़ने से मानो एक अच्छा अवसर, अच्छी बातें सुनने का, जानने का और फिर अपनाने का मौका मिल सकता है। पूज्य गुरुदेव ने युवाओं को प्रेरणा देते हुए फरमाया कि नैतिकता, ईमानदारी आदि गुणों के विकास करने हेतु जीवन में आदमी अनेक कलाओं में निष्णात होता है, पर व्यक्ति अगर संयम, ईमानदारी आदि की कलाओं को नहीं सीखता तो उसका अन्य कलाओं में निष्णात होना गौण हो जाता है। युवा अवस्था में शक्ति भी अच्छी हो सकती है। उस शक्ति का बढ़िया उपयोग किया जाए। युवा व्यक्ति शक्ति का सदुपयोग करे तो वह एक प्रकार की शक्ति की पूजा हो सकती है। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद खूब अच्छी धार्मिक, आध्यात्मिक गतिविधियों में आगे बढ़ती रहे। इसका विकास होता रहे, युवा भी आध्यात्मिक उन्नयन की दिशा में आगे बढ़ते रहें।
साध्वी प्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी ने प्रेरणा प्रदान करते हुए फरमाया कि आज का युग टेक्नाॅलोजी का युग है। आज का युग टेक्नॉलोजी का युग है। टेक्नाॅलोजी के युग में भी हमारे युवक अध्यात्म के मार्ग के बारे में चिंतन कर रहे हैं और आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रयत्न कर रहे हैं। आज का युग डिजिटल युग है और हर कार्य डिजिटल हो रहा है। डिजिटल युग में हमारे युवक तपोयज्ञ कर रहे हैं, तपस्या कर रहे हैं। आहार की तपस्या करना आसान है किंतु आज के युग में डिजिटल फास्टिंग (उपवास) करना कठिन है। ऐसे युग में हमारे युवक डिजिटल फास्टिंग की ओर आगे बढ़ रहे हैं। संगठन की मजबूती के लिए तेरापंथ युवक परिषद के पदाधिकारीगण एवं कार्यकर्ताओं का पीसफुल माइंड, पाॅजिटिव माइंड एवं पाॅवरफुल माइंड होना आवश्यक है। युवक अपने मन को पीसफुल, पॉजिटिव और पावरफुल बनाएंगे तो निश्चित रूप से अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ते रहेंगे।
अभातेयुप के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनिश्री योगेशकुमारजी ने अपना उद्बोधन प्रदान करते हुए फरमाया कि आचार्यश्री तुलसी के उस कालजयी चिंतन को नमन, जिसने युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए इस संगठन को जन्म दिया। अभातेयुप में एक से बढ़कर एक सशक्त नेतृत्व हुए हंै, जिन्होंने इस संगठन में अपनी दुर्लभ सेवाएं दी है और दे रहे हैं। देश भर के कार्यकर्ताओं, युवाओं को जब मैं देखता हूं कि उनके भीतर क्या सपने है, क्या जोश है। अभातेयुप की शाखा परिषदों की पेरामीटर के अनुसार छोटी, मध्यम और बड़ी श्रेणी निर्धारित है लेकिन मैं समझता हूं जिस परिषद् के सपने बड़े हैं, वह परिषद् वास्तव में बड़ी परिषद् है। जिस संगठन के कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह है, वह संगठन छोटा होकर भी बहुत बड़ा है। आप जिस संगठन के सदस्य हो, उससे दूसरे सम्प्रदाय ही नहीं, सरकार भी प्रेरित होती है क्योंकि यह कुछ कर दिखाने वाला संगठन है। इन दो वर्षों में ऐसी बुनियादी मजबूती संगठन को मिली है। इन दो वर्षों में कार्यकर्ता, कार्यालय, कार्यक्रम एवं कोष की थीम के आधार पर जो कार्य हुआ है, वह निश्चित रूप से संगठन को मजबूती प्रदान करने वाला है। आप लोगों को 21 से 45 वर्ष की उम्र का जो समय अभातेयुप के लिए मिला है, उसमें दुर्लभ इतिहास बनाया जा सकता है। अभातेयुप विशेष है, अद्वितीय है, उसका मंत्र है एकजुटता, एक गुरु और एक विधान की गौरवशाली परंपरा। गुरु ने जिस पर दृष्टिपात कर आशीर्वाद दिया, वही सिरमौर बन गया। यही एकता और यही निष्ठा हमें अद्वितीय बनाती है। एकता ही हमारा मौलिक आधार है।
मुनिश्री सिद्धकुमारजी ने अपने भाव व्यक्त करते हुए फरमाया कि जब तक हमारा विजन सही नहीं होगा तब तक हम लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। इसलिए आवश्यक है कि हमारा विजन सही और सम्यक हो।
परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी के पावन आशीर्वचन एवं मंगलपाठ के साथ अधिवेशन का आगाज हुआ। नंदनवन परिसर में अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने पूरे प्रबंध मंडल सहित संभागीगण की उपस्थिति में जैन ध्वजारोहण किया। अभातेयुप टीम सदस्यों द्वारा विजय गीत के सामूहिक संगान के साथ मंगलाचरण से उद्घाटन सत्र का शुभारंभ हुआ। राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने त्रिदिवसीय अधिवेशन के शुभारंभ की घोषणा करते हुए कहा कि दो वर्षों का यह कार्यकाल परम पूज्य आचार्य प्रवर के पावन आशीर्वाद एवं कृपा दृष्टि से तथा आप सभी साथियों के सहयोग, श्रम व सहभागिता से सानंद सम्पन्न होने जा रहा है। मैंने इस संघ और संगठन से बहुत कुछ पाया है, जो जीवन भर एक अमूल्य निधि के रूप में मेरे साथ रहेगा। इस संघ और संगठन का ऋण उतार पाना कठिन है। मैं जीवन भर कृतज्ञ बना रहूंगा।
सहमंत्री द्वितीय एवं अधिवेशन संयोजक भूपेश कोठारी ने संयोजकीय वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए मुंबई की धरा पर सभी का स्वागत एवं अभिनंदन किया। महाराष्ट्र की लोक संस्कृति के अद्भुत प्रस्तुतिकरण के साथ अधिवेशन का स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। विडियो प्रेजेंटेसन के साथ अधिवेशन का थीम गीत प्रस्तुत किया गया।
महामंत्री पवन मांडोत ने राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय द्वारा कार्यकाल के प्रारंभ में सुचिंतित रूप से प्रस्तुत चार बिंदुओं- कार्यकर्ता, कार्यालय, कार्यक्रम एवं कोष के संदर्भ में दो वर्षों में किए गए कार्यों एवं कार्यक्रमों का प्रस्तुतिकरण किया। महामंत्री महोदय ने अभातेयुप के विभिन्न आध्यात्मिक और सामाजिक आयामों की दो वर्षों की गति-प्रगति की संक्षिप्त अवगति दी।
बाॅलीवुड अभिनेता जैकी श्राॅफ ने अपने अंदाज में युवाओं को अपने जीवन में संस्कारों एवं संस्कृति की सुरक्षा करते हुए गुरुजनों के बताये सन्मार्ग पर आगे बढ़ने की सलाह दी। उन्होंने माता-पिता की सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया।
वर्ष 2022-2023 के दौरान विभिन्न आयामों में विशिष्ट कार्य करने वाली शाखा परिषदों को सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पदाधिकारीगण ने विभिन्न आयामों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली शाखा परिषदों को मोमेन्टो प्रदान कर सम्मानित किया। अभातेयुप प्रभारीगण एवं योगक्षेम योजना के सहयोगीगण को प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
प्रथम सत्र का संचालन दिनेश मरोठी, राकेश जैन एवं संजय भंडारी ने किया।
दिनांक 28 अक्टूबर 2023 को प्रातः सफेद पोशाक और महाराष्ट्र की लोक संस्कृति को ऊजागर करती हुई केसरिया टोपी और दुपट्टे में सजे युवक एक भव्य रैली के साथ जब पूज्य चरणों में पहुंचे तो प्रवास स्थल ‘जय जय ज्योति चरण: जय जय महाश्रमण’ के उद्घोष से गूंज उठा।
मुख्य प्रवचन में मंचीय कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरुदेव! अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् ने 17 सितंबर 1964 से लेकर 28 अक्टूबर 2023 तक लगभग 59 साल का यह सफर तय किया है। अगले वर्ष अभातेयुप अपनी षष्टिपूर्ति मनाने के लिए तैयार है। पूज्य गुरुदेव के आशीर्वाद, आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनिश्री योगेशकुमारजी के आध्यात्मिक मार्गदर्शन और पूरी टीम के सहयोग से यत्किंचित आगे बढ़ाने का प्रयास किया।
अधिवेशन में पूज्य सन्निधि में विशेष रूप से उपस्थित सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता विवेक ओबेराॅय ने कहा कि मैं जब भी आचार्यश्री महाश्रमणजी के सान्निध्य में आता हूं तो इतनी ऊर्जा मिलती है। हम दिन में कम से कम एक बार अपना फोन चार्ज करते हैं लेकिन हम अपनी आत्मा को और आत्मीय शक्ति को रिचार्ज करना भूल जाते हैं। वह आत्मीय शक्ति हमें आचार्यश्री महाश्रमणजी जैसे महान गुरुओं से मिलती है। मैं जन्म से तो जैन नहीं हूं लेकिन कोशिश करता हूं कि कर्मों से मैं जैन बन सकूं। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद मेरे लिए एक ऐसा संगठन है, जिस पर मुझे बहुत गर्व है। इस संगठन ने रक्तदान का जो काम किया, रिकॉर्ड बनाए, उनसे इस संगठन के साथ देश का भी गौरव बढ़ा है।
अधिवेशन में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रूणवाल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष रूणवाल ने अपने विचार किए। उन्होंने युवाओं को अपनी विकास यात्रा के बारे में बताते हुए जीवन में सफलता प्राप्त करने के कुछ सूत्र बताए।
अभातेयुप के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनिश्री योगेशकुमारजी ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरुदेव! आज अभातेयुप का वार्षिक अधिवेशन है। इस अधिवेशन में देश भर से उपस्थित यह युवा कार्यकत्र्ता आपके सैनानी हैं। यह तेरापंथ के सैनानियों का कुंभ मेला है। यह कार्यकत्र्ता वर्ष भर खूब काम करते हैं, बड़ी मेहनत करते हैं, अपना सब कुछ निछावर करते हंै और फिर यह सभी वार्षिक अधिवेशन में आचार्य प्रवर के पावर हाऊस से ऊर्जा, शक्ति प्राप्त करने एवं पुनः नये जोश के साथ कार्य करने हेतु रिचार्ज होने के लिए उपस्थित होते हैं।
28 अक्टूबर के दूसरे सत्र के प्रारंभ में अभातेयुप के अंतर्गत कार्यरत कर्मीगण का राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा द्वारा सम्मान किया गया। इस सत्र के अंतर्गत युवाओं के लिए पैनल डिस्कसन का क्रम रखा गया। इस डिस्कसन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडन के सलाहकार अजय भूतोड़िया, जे. कुमार इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. के चेयरमैन जगदीश प्रसाद गुप्ता एवं के.एल दूगड़ ग्रुप, के चेयरमैन किशनलाल दूगड़ ने अपने जीवन व व्यापार की शून्य से शिखर की यात्रा को प्रश्नोत्तरी के रूप में प्रस्तुत किया। उनके जीवन के विविध प्रसंगों के बारे में अभातेयुप उपाध्यक्ष जयेश मेहता एवं संगठन मंत्री श्रैयांस कोठारी ने अलग-अलग प्रश्न प्रस्तुत किए, जिनके उत्तर आमंत्रित विशिष्टगण ने रोचक रूप में प्रस्तुत किए। इस प्रेरक सत्र से युवाओं को जीवन और व्यापार में सफलता प्राप्त करने के अनेक रहस्य जानने को मिले।
मुनिश्री दिनेशकुमारजी एवं अभातेयुप आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनिश्री योगेशकुमारजी ने पावन उद्बोधन प्रदान किया।
इसके पश्चात इसके पश्चात अभातेयुप साधारण सदन का क्रम प्रारंभ हुआ, जिसमें एजेंडानुसार कार्यवाही की गई। महामंत्री पवन मांडोत ने वर्ष 2022-23 का प्रगति प्रतिवेदन, कोषाध्यक्ष भरत मरलेचा ने वितीय वर्ष 2022-23 का अंकेक्षित आय-व्यय विवरण प्रस्तुत किया। उपस्थित संभागीगण द्वारा शनिवारीय सामायिक सामूहिक रूप से की गई। सत्र के द्वितीय चरण में अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने अपने द्विवर्षीय कार्यकाल की गति-प्रगति के मुख्य बिंदु प्रस्तुत करते हुए पूज्यप्रवर व आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनिश्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की एवं सभी से प्राप्त सहयोग हेतु आभार ज्ञापित किया तथा सत्र 2021-23 के कार्यकाल के समापन की घोषणा की। सत्र 2023-25 के लिए अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया मुख्य चुनाव अधिकारी अविनाश नाहर एवं सहचुनाव अधिकारी सलिल लोढ़ा के द्वारा सम्पादित करवाई गई, जिसमें रमेश डागा, कंटालिया-चेन्नई का सर्वसम्मति से अध्यक्ष पद पर निर्वाचन हुआ।
29 अक्टूबर 2023 को प्रवचन कार्यक्रम के दौरान आयोजित सत्र में परम पूज्य आचार्य प्रवर के प्रवचन के उपरांत अभातेयुप निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष रमेश डागा को अध्यक्षीय पद की विधिवत शपथ ग्रहण करवायी। नवनिर्वाचित अध्यक्ष रमेश डागा ने अपनी टीम की घोषणा की एवं सभी को शपथ स्वीकार करवायी। परम पूज्य आचार्य प्रवर ने निवर्तमान अध्यक्ष एवं नवनिर्वाचित अध्यक्ष को मंगलपाठ सुनाते हुए आशीर्वाद प्रदान किया एवं उसके पश्चात पूरी टीम को अलग से मंगल पाठ सुनाया।
नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने अपना प्रथम अध्यक्षीय वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि भन्ते! भिक्षु स्वामी की जन्म स्थली कंटालिया मेरी भी जन्मभूमि है। इसी कारण जन्म से ही तेरापंथ रग-रग मे बसा हुआ है। बचपन से लेकर आज तक इस संघ के संयम रत्न चारित्रात्माओं के सान्निध्य में रहने का अवसर मिला, उनसे आध्यात्मिक पोषण के साथ संघ के संस्कार मिले। इस संघ के युवाओं के संगठन तेयुप व अभातेयुप से जुड़ने का अवसर मिला। लगभग 17 वर्षों से मेरा इस संगठन से गहरा नाता रहा, जो आज भी गतिमान है।
गुरुदेव आपश्री की कृपा से आज मैंने इस विलक्षण संगठन के अध्यक्ष पद की शपथ ली है, आपके आशीर्वाद, आपके मार्गदर्शन, आपकी शक्ति के साथ इस संगठन को शिखरों तक पहुंचाने के लिए मैं संकल्पित हूं। आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि योगेश कुमारजी के संरक्षण में नये-पुराने आयामों के साथ किशोरों व युवाओं में आध्यात्मिक व लोकोत्तर पोषण का प्रयास करूंगा एवं समाज के साथ मिलकर मानव सेवा के लौकिक कार्य भी करेंगे। हमारी आने वाली भावी पीढ़ी संस्कारों के साथ आगे बढ़े, इस हेतु सलक्ष्य प्रयास करेंगे। गुरुदेव आप मुझे ऐसा आशीर्वाद दें कि इस युवा शक्ति के साथ मिलकर इसकी आभा व सौरभ में और अभिवृद्धि कर सकंू।
इस अवसर पर अभातेयुप द्वारा वर्ष 2023 का आचार्य महाप्रज्ञ प्रतिभा पुरस्कार लाडनूं निवासी केलिफोर्निया (अमेरिका) प्रवासी अजय भूतोड़िया को प्रदान किया गया। अजय भूतोड़िया ने अपने भाव व्यक्त करते हुए आचार्य प्रवर के प्रति कृतज्ञता और अभातेयुप के प्रति आभार व्यक्त किया।
अधिवेशन में समागत युवाओं की आवास, भोजन, आयोजन आदि व्यवस्थाओं में अभातेयुप सहमंत्री एवं अधिवेशन संयोजक भूपेश कोठारी, के कुशल निर्देशन में सहसंयोजक नरेश सोनी, दीपक समदड़िया तथा अभातेयुप मुम्बई टीम के साथियों का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। आचार्यश्री महाश्रमण चतुर्मास व्यवस्था समिति, मुम्बई द्वारा विभिन्न व्यवस्थाएं सुचारू रूप से उपलब्ध हो पाई। अधिवेशन में आचार्यश्री महाश्रमण चतुर्मास व्यवस्था समिति अध्यक्ष मदनलाल तातेड़, महामंत्री सुरेन्द्र कोठारी, महेश बाफना, जैन विश्व भारती के अध्यक्ष अमरचंद लूंकड़, पूर्व अध्यक्ष धरमचंद लूंकड़, मुख्य न्यासी रमेशचंद बोहरा, मंत्री सलिल लोढ़ा, अभातेयुप पूर्व अध्यक्ष किशनलाल डागलिया, मर्यादा कुमार कोठारी, अविनाश नाहर, बी.सी जैन भलावत, विमल कटारिया, संदीप कोठारी आदि अनेक महानुभावों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
वर्ष 2022-23 में सेवा, संस्कार एवं संगठन के क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाली शाखा परिषदों को विशिष्ट एवं तीनों क्षेत्रों में विशेष कार्य करने वाली परिषद् को श्रेष्ठ परिषद् के रूप में चयन की घोषणा राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा द्वारा की गई। देश भर की शाखा परिषदों से भरकर प्राप्त शाखा प्रतिवेदनों के आधार पर अभातेयुप द्वारा गठित चयन समिति द्वारा मूल्यांकन किया गया। मूल्यांकन की समुचित जांच के आधार पर राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान की घोषणा की गई, जो निम्न प्रकार है-
सेवा, संस्कार एवं संगठन तीनों में श्रेष्ठ परिषद्
सूरत
सेवा में विशिष्ट परिषद्
चेन्नई
संस्कार में विशिष्ट परिषद्
अहमदाबाद
संगठन में विशिष्ट परिषद्
विजयनगर
सदस्य संख्या के अनुसार प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त परिषदें

सेवा:
1 से 50 सदस्यों वाली परिषदें
प्रथम - सैंथिया, द्वितीय - कानपुर, तृतीय - आदमपुर मंडी

51 से 200 सदस्यों वाली परिषदें
प्रथम - सरदारपुरा एवं राजाजीनगर, द्वितीय - पाली, तृतीय - आर. आर. नगर

201 से 500 सदस्यों वाली परिषदें
प्रथम - उŸार हावड़ा एवं पूर्वाचल कोलकाता, द्वितीय - सिलीगुड़ी, तृतीय - साउथ कोलकाता

500 से ज्यादा सदस्यों वाली परिषदें
प्रथम - गांधीनगर-बैंगलोर, द्वितीय - गुवाहाटी

संस्कार:
1 से 50 सदस्यों वाली परिषदें
प्रथम - सादुलपुर एवं सिरसा, द्वितीय - सुनाम, तृतीय - कोपरी

51 से 200 सदस्यों वाली परिषदें
प्रथम - बारडोली, द्वितीय - सांताक्रुज, तृतीय - भुज-कच्छ

201 से 500 सदस्यों वाली परिषदें
प्रथम - भीलवाड़ा, द्वितीय - पर्वत पाटिया एवं गंगाशहर, तृतीय - कांदिवली

500 से ज्यादा सदस्यों वाली परिषदें
प्रथम - उधना, द्वितीय - दिल्ली

संगठन:
1 से 50 सदस्यों वाली परिषदें
प्रथम - कोटा, द्वितीय - मानसा मंडी, तृतीय - दौलतगढ़

51 से 200 सदस्यों वाली परिषदें
प्रथम - नालासोपारा, द्वितीय - चेम्बूर, तृतीय - पालघर, वसई रोड़ एवं ऐरोली

201 से 500 सदस्यों वाली परिषदें
प्रथम - मलाड़, द्वितीय - साउथ हावड़ा, तृतीय - बालोतरा

500 से ज्यादा सदस्यों वाली परिषदें
प्रथम - उदयपुर, द्वितीय - हैदराबाद एवं जयपुर

उक्त सभी चयनित परिषदों के अध्यक्ष, पदाधिकारीगण को अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रबंध मंडल द्वारा प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।