स्कूलों-कॉलेजों, कारागारों, कार्यालयों तथा सभा भवनों में रही ‘संयममय जीवन हो’ की गूँज

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स्कूलों-कॉलेजों, कारागारों, कार्यालयों तथा सभा भवनों में रही ‘संयममय जीवन हो’ की गूँज

अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के युवा शक्ति की रही सक्रिय सहभागिता

- विश्व की अधिकांश समस्याओं का कारण असंयम है। अणुव्रत गीत हमें संयममय जीवन की ओर प्रशस्त करता है। नैतिक एवं चारित्रिक मूल्य ही किसी समाज एवं देश को महान बनाते हैं। इन मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए अणुव्रत गीत उत्तम प्रेरणा का अमोघ साधन है। जब तक व्यक्ति स्वयं अनुशासित नहीं रहता, तब तक विश्व को सुंदर बनाने की परिकल्पना करना निरर्थक है। अणुव्रत गीत के माध्यम से अखिल विश्व में निवास करने वाले व्यक्तियों के मध्य मैत्री भाव बढ़ाने पर बल दिया गया है। इस प्रकार आचार्य तुलसी कृत अणुव्रत गीत में अणुव्रत के मानवतावादी दर्शन का बेहतरीन दिग्दर्शन है।
- अणुव्रत गीत महासंगान की सफलता देशभर में अणुव्रत कार्यकर्ताओं का समर्पित श्रम मुखरित हुआ। अणुव्रत गीत के माध्यम से प्रत्येक कार्यकर्ता के मन में अणुव्रत आंदोलन के प्रवर्तक परम पूज्य आचार्यश्री तुलसी के प्रति श्रद्धा के गहरे भाव जुड़े हैं। अणुव्रत आंदोलन के 75वें वर्ष में कृतज्ञ कार्यकर्ताओं की अपने आध्यात्मिक गुरु के प्रति यह एक हार्दिक व रचनात्मक श्रद्धांजलि का ही रूप था।
- अणुव्रत गीत का 13 भाषाओं में लिप्यांतरण करवाकर उपलब्ध कराया गया ताकि गैर-हिंदीभाषी क्षेत्रों में भी इसे सहजता के साथ गाया जा सके। अणुव्रत गीत की धुन के साथ-साथ इसके बोलों को दिखाते हुए वीडियो बनाया गया जिसे अनेक आयोजन स्थलों पर स्क्रीन लगाकर दिखाया गया। अणुव्रत गीत के भावार्थ को व्याख्यायित करने वाली 6ः15 मिनट की डोक्यूमेंट्री जन-जन को अणुव्रत के दर्शन से परिचित कराने में प्रभावी बनी। डोक्यूमेंट्री निर्माण में मुंबई के ललित छाजेड़ का सहयोग प्राप्त हुआ।
- अणुव्रत गीत महासंगान की आयोजना में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद का सहयोगी संस्था के रूप में जुड़ना एक विशिष्ट उपलब्धि रही। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष रमेश डागा, महामंत्री अमित नाहटा ने जिस उत्साह और आत्मीयता के साथ इस अभियान में अपना सहयोग प्रदान किया, वह निश्चय ही प्रशंसनीय है। उन्होंने अपने स्तर पर कुलदीप कोठारी को संयोजकीय दायित्व प्रदान कर इस जुड़ाव को सहज बना दिया। देशभर में फैली 300 से अधिक परिषदों के कार्यकर्ताओं ने इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लिया। जिन क्षेत्रों में अणुव्रत का संगठन नहीं है, वहाँ परिषदों ने अपने स्तर पर अणुव्रत गीत महासंगान का आयोजन किया।
- अणुव्रत गीत महासंगान के कार्यक्रम को लेकर अणुव्रत कार्यकर्ताओं ने एक व्यापक अभियान चलाकर राजनेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों, साहित्यकारों व कलाकारों, आध्यात्मिक गुरुओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं से संपर्क किया। इनसे प्राप्त भावपूर्ण समर्थन कार्यकर्ताओं के उत्साह को बढ़ाने वाला था। अनेक विशिष्ट जनों ने अणुव्रत गीत महासंगान को लिखित में अपना समर्थन दिया और वीडियो बाइट्स के माध्यम से आमजन को इस अभियान से जुड़ने का संदेश दिया।
- अनेक स्थानों पर जिला अधिकारियों, शिक्षा अधिकारियों व जेल प्रशासकों ने अपने कार्यक्षेत्र में आने वाले संस्थानों में अणुव्रत गीत गाने का लिखित निर्देश जारी किया।
- अणुव्रत गीत महासंगान में विद्यालयी बच्चों की बहुत बड़ी संख्या में सहभागिता एक उज्ज्वल भविष्य का दिशासूचक बनकर सामने आई। देशभर में विद्या भारती के लगभग 25 हजार विद्यालयों के लाखों विद्यार्थियों ने 18 जनवरी को अणुव्रत गीत का संगान किया। राष्ट्रीय स्तर पर विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के महामंत्री अवनीश भटनागर ने अपने पत्र में यह निर्देश भी जारी किया कि न सिर्फ अणुव्रत गीत को गाया जाए, वरन बच्चे इस गीत को कंठस्थ करें ताकि गीत में निहित भावों को वे आत्मसात कर सकें।
- एक ओर जहाँ अणुव्रत अनुशास्ता ने स्वयं अपने श्रीमुख से अणुव्रत गीत का संगान किया, वहीं देशभर में प्रवासित साधु-साध्वी व समणीवृंद ने उपस्थित श्रद्धालुओं के मध्य गीत का संगान कर अणुव्रत के संदेश को मुखरित किया।
- श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, तेयुप, तेममं, टीपीएफ ने भी अपने स्थानों पर अणुव्रत गीत महासंगान के अभियान में सहभागिता की। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष मनसुख सेठिया ने उस दिन अपने परिवार में आयोजित वैवाहिक समारोह में उपस्थित अतिथियों के साथ अणुव्रत गीत का सामूहिक संगान किया। अन्य कई स्थानों पर भी वैवाहिक समारोहों में अणुव्रत गीत का संगान किया गया।
- स्थानीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों की रिपोर्टिंग हेतु एक ऑनलाइन फॉर्म उपलब्ध कराया गया था। समाचार लिखे जाने तक 3083 स्थानों से कार्यक्रम आयोजित किए जाने की सूचना प्राप्त हो चुकी थी। अन्य काफी स्थानों से अभी जानकारी प्राप्त की जानी है।
- अणुव्रत गीत महासंगान के लिए अनेकों जिला शिक्षा अधिकारियों, कारागृहों एवं राज्य सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर आदेश जारी कर संगान हेतु प्रेरित किया।
- विभिन्न जाति एवं संप्रदायों के अनेकों लोगों ने देश-विदेश में बढ़-चढ़कर इस कार्यक्रम में भाग लिया।