भगवान महावीर के सिद्धान्तों की आज भी प्रासंगिकता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
भगवान महावीर के 2550 वें निर्वाण महोत्सव का उद्घाटन समारोह महावीर जयंती के पावन अवसर पर प्रगति मैदान के भारत मण्डपम् के विशाल एवं सुरम्य हॉल में प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी की विशिष्ट एवं गरिमामय उपस्थिति में तथा दिगम्बर संप्रदाय के मुनि प्रज्ञसागरजी, स्थानकवासी सम्प्रदाय के उपाध्याय रविन्द्र मुनि जी, तेरापंथ धर्म संघ की साध्वी अणिमाश्रीजी, मंदिरमार्गी संप्रदाय की साध्वी सुलक्षणाजी के सान्निध्य में समायोजित हुआ। जिनशासन की प्रभावना करने वाला यह भव्यातिभव्य कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा भगवान महावीर मेमोरियल समिति द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम में संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल एवं मीनाक्षी लेखी की गरिमामयी उपस्थिति रही। माननीय प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम हॉल में प्रवेश करते ही सबसे पहले मंच पर विराजित साधु-साध्वियों से आशीर्वाद लिया। इसी क्रम में माननीय प्रधानमंत्री साध्वी अणिमाश्रीजी के उपपात में भी पहुंचें जहां साध्वीश्री ने पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमणजी का नाम लेकर उनको आशीर्वाद दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने विशाल जनमेदिनी को जय जिनेन्द्र के संबोधन से सम्बोधित करते हुए कहा, भारत दुनिया के सामने मौजूदा समस्याओं के समाधान में अहिंसा एवं सत्य के मंत्रों को आत्मविश्वास के साथ पेश कर रहा है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में युद्ध के समय भगवान महावीर की शिक्षाएं और अधिक प्रासंगिक हो गई है। भारत अपने संस्कार व संस्कृति की बदौलत दुनिया में विश्व बंधु के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। आज विश्व कई प्रकार के संकट से गुजर रहा है, ऐसे में हमारे तीर्थंकरों की शिक्षाएं और भी महत्वपूर्ण हो गईं हैं। उन्होंने कहा आज देश की युवापीढ़ी को यह विश्वास हो गया है कि हमारी पहचान, हमारा स्वाभिमान है। जब राष्ट्र में यह स्वाभिमान का भाव जाग जाता है, तो उसे रोकना असंभव हो जाता है। भारत के लिए आधुनिकता शरीर है पर आध्यात्मिकता उसकी आत्मा है। आचरण में अगर त्याग नहीं है तो बड़े से बड़ा विचार भी विसंगति बन जाता है। यही दृष्टि भगवान महावीर ने हमें सदियों पहले दी थी। समाज में इन मूल्यों को पुनजीर्वित करना समय की मांग है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा- मैं सभी संतो को प्रणाम करता हूँ, उनकी वाणी से मोती प्रकट हो रहे थे। सभी संतों-साध्वियों ने मूलभूत आदर्शों को रखते हुए वर्तमान व्यवस्था में हो रहे एवं करणीय कार्यों को बहुत ही कम समय में अद्भुत तरीके से प्रस्तुत किया, मैं इसके लिए उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ, मैं उनके एक-एक शब्द को आशीर्वाद के रूप में हृदय से ग्रहण करता हूँ। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने स्मारक डाक दिकट एवं सिक्का भी जारी किया। दिगंबर संप्रदाय के मुनि प्रज्ञसागर जी ने कहा कि विश्व में सुख-शांति और आनंद हो, यही जैनधर्म का मूल है। आज पूरी दुनिया को एक का चयन करना है- महावीर या महाविनाश। उन्होंने कहा कि वर्षों पूर्व मेरे गुरु ने एक बात कही थी कि देश में एक चक्रवर्ती आएगा, जो भारत को विश्वगुरु बनाएगा।
आज पता चल रहा है, वो चक्रवर्ती कोई और नहीं हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही हैं।
उपाध्याय मुनि रविन्द्र कुमार जी ने कहा - भगवान महावीर का जीवन-दर्शन युगों-युगों से हमारा मार्गदर्शन कर रहा है, एवं करता रहेगा। आज की हर समस्या का समाधान महावीर वाणी में हैं। भगवान महावीर के सिद्धान्तों को आत्मसात कर लें तो पर्यावरण की समस्या एवं ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं को समाहित कर सकते है। साध्वी अणिमाश्रीजी ने कहा- भगवान महावीर का जन्म एक व्यक्ति का जन्म नहीं सृष्टि के समस्त सद्गुणों का जन्म है। मानवता के महामंगल का जन्म है। जातिवाद एवं दासप्रथा के अंधकार को दूर करने वाले महासूर्य का जन्म है। भगवान महावीर ने कहा- एका माणुस्स जाई। मानव मात्र का कल्याण, उत्थान विकास होना चाहिए। ऐसी ऊंची सोच के धनी हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। उन्होंने जी 20 में टेगलाईन दी- वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्युचर। हमारे गौरवशाली प्रधानमंत्री सचमुच राजर्षि के तुल्य हैं।
साध्वी सुलक्षणा जी ने कहा, भगवान महावीर ने वैभव से वैराग्य की और प्रस्थान किया। भगवान महावीर ने नारी सशक्तिकरण पर बल दिया। उन्होंने चन्दनबाला को साध्वी समाज की प्रमुखा बनाकर नारी को सम्मान दिया। यही काम हमारे माननीय प्रधानमंत्री कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में तेरापंथ समाज के भाई, बहनों ने मंगल संगान कर प्रधानमंत्री सहित विशाल जनमेदिनी को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्कूली बच्चों द्वारा भगवान महावीर पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर परम श्रद्धास्पद पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमणजी का संदेश भी स्क्रीन पर दिखाया व सुनाया गया। इस कार्यक्रम की सफलता में दिल्ली सभा के अध्यक्ष सुखराज सेठिया एवं वरिष्ठ श्रावक के. एल. जैन आदि श्रावकों का सराहनीय श्रम रहा। महावीर मेमोरियल समिति के अध्यक्ष के. एल. जैन ने प्रधानमंत्री का सम्मान किया। इस कार्यक्रम में महासभा अध्यक्ष मनसुख सेठिया, अभातेयुप अध्यक्ष रमेश डागा, अणुव्रत विश्व भारती अध्यक्ष अविनाश नाहर, महासभा के महामंत्री विनोद बैद आदि अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।