अक्षय तृतीया दिवस पर आयोजित िवभिन्न कार्यक्रम
सिवांची मालाणी तेरापंथ संस्थान भवन में आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती 'शासनश्री' मुनि हर्षलाल जी, मुनि यशवंतकुमारजी एवं मुनि मोक्षकुमार जी के सान्निध्य में अक्षय तृतीया महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 85 तपस्वी भाई बहनों में 67 उपवास व 18 एकासन के वर्षीतप शामिल थे। सर्वप्रथम मुनिश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। कन्या मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया। मुनि हर्षलाल जी ने कहा कि भगवान ऋषभ ने कर्म युग का प्रवर्तन किया, असि, मसि और कृषि की शिक्षा दी उसके बाद राजा ऋषभ ने धर्मयुग के प्रवर्तन के लिए संन्यास जीवन को अंगीकार कर लिया। संन्यास लेने के बाद एक वर्ष तक उनको आहार पानी नहीं मिला, वैशाख शुक्ला तीज के दिन भगवान को राजकुमार श्रेयांस द्वारा इक्षु रस के रूप में आहार दान प्राप्त हुआ। उसी दिन को हम आज अक्षय तृतीया के रूप में मना रहे हैं। मुनि यशवंतकुमारजी ने कहा कर्म किसी को भी नहीं छोड़ता है, अनंत शक्ति के धारक भगवान भी इससे अछूते नहीं रहते हैं। मुनि मोक्षकुमारजी ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में सिवांची मालाणी संस्थान अध्यक्ष डूंगरचन्द सालेचा ने विचार व्यक्त करते हुए तपस्वी भाई बहनों का स्वागत अभिनंदन किया। मुमूक्षु दीप्ति वेदमुथा व मुमूक्षु शेफाली चोपड़ा ने अपने विचार रखे। तेरापंथ महासभा सदस्य गौतमचंद सालेचा, पचपदरा विधायक अरुण चौधरी एवं नगर परिषद चेयरमैन सुमित्रादेवी जैन ने अपने विचार रखते हुए सभी तपस्वियों के प्रति शुभकामनाएं व्यक्त की। महिला मंडल एवं तेयुप द्वारा सामूहिक गीतिका की प्रस्तुति दी गई। प्रकाश श्रीश्रीमाल, सालेचा परिवार, कावेरी ग्रुप की ओर से गीत की प्रस्तुति दी गयी। कार्यक्रम के प्रायोजक मूलचंद गौतमचंद डूंगरचंद सालेचा परिवार जसोल द्वारा सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में सिवांची मालानी क्षेत्र की विभिन्न सभाओं के अध्यक्ष, मंत्री, पदाधिकारी व सदस्यों के साथ ही सैकड़ों श्रावक-श्राविका उपस्थित हुए। भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित बालोतरा के विजय राघव गोयल का संस्थान की ओर से सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में तेरापंथ युवक परिषद, महिला मंडल, किशोर मंडल, कन्या मंडल, संस्थान टीम व सदस्यों का पूर्ण सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के मंत्री ललित श्रीश्रीमाल ने किया।