पद को भार नहीं, उपहार समझें

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पद को भार नहीं, उपहार समझें

मुनि जिनेशकुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ युवक परिषद कोलकाता मेन, साउथ हावड़ा, साउथ कलकत्ता, हिंदमोटर, उत्तर कोलकाता व लिलुआ का सामूहिक शपथ ग्रहण समारोह का भव्य आयोजन उत्तरपाड़ा स्थित गणभवन ऑडिटोरियम में किया गया। इस अवसर पर उपस्थित युवाशक्ति को संबोधित करते हुए मुनि जिनेशकुमार जी ने कहा- संगठन को दीर्घजीवी बनाने के लिए गुरुदेव तुलसी ने निष्ठाशील, श्रमशील, सहनशील, अनुशासनशील, विनयशील नामक पंचशील दिए। प्रत्येक व्यक्ति को देव, गुरु, धर्म के प्रति आस्था रखनी चाहिए। अकर्मण्य का जीवन नहीं, कर्मण्य का जीवन चाहिए। हर परिस्थिति में सहनशीलता रखनी चाहिए, वैचारिक सहिष्णुता के साथ-साथ कष्ट सहिष्णुता का भी विकास करना चाहिए। विनयशील व्यक्ति उन्नति व सफलता को प्राप्त होता है, अविनम्रता वह पाठशाला है जहां मिटना सिखाया जाता है। संघ, गुरु और समाज के प्रति समर्पण का भाव होना चाहिए। युवा व्यसन, फैशन और आडम्बर से दूर रहें। युवा वायु की तरह गतिशील रहे, जोश के साथ होश रखे।
मुनिश्री ने आगे कहा कि परिषदों की शपथ विधि का समायोजन हुआ। पद को भार नहीं, उपहार समझें। दायित्व लेना सरल है, निर्वहन करना कठिन है। सब निष्ठा के साथ आत्म आराधना करते हुए संघ की सेवा करें। इस अवसर पर मुनि कुणालकुमार जी द्वारा गीत का संगान किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल उत्तर पाड़ा के मंगलाचरण से हुआ। ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा महाश्रमण अष्टकम् का संगान किया गया। स्वागत भाषण उत्तर पाड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष निकेश सेठिया ने दिया। नगरपालिका के चेयरमेन दिलीप यादव अपने विचार व्यक्त किये। शपथ ग्रहण समारोह का शुभारंभ तेयुप के विभिन्न शाखाओं के अध्यक्ष मंत्रियों के विजय गीत के संगान से हुआ । अभातेयुप के पूर्व अध्यक्ष युवक रत्न रतन दुगड़ ने 6 परिषदों के अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी को शपथ ग्रहण कराते हुए प्रेरणादायी वक्तव्य प्रदान किया। इस अवसर पर तेयुप कोलकाता मेन के अध्यक्ष विवेक सुराणा ने विचार व्यक्त किए। तेयुप साउथ हावड़ा अध्यक्ष गगनदीप बैद, तेयुप साउथ कलकता अध्यक्ष मोहित बैद, तेयुप हिंद‌मोटर के अध्यक्ष पंकज बैद, तेयुप उत्तर कोलकाता के अध्यक्ष मनीष बरडि‌या, तेयुप लिलुआ अध्यक्ष अमित बांठिया ने अपनी कार्यकारिणी की घोषणा की। आभार ज्ञापन प्रकाश गिड़िया ने किया। संचालन मुनि परमानंद जी ने किया।