जेबीएन तथा टीपीएफ के संयुक्त तत्वाधान में गोष्ठी का आयोजन
नई दिल्ली। साध्वी कुन्दनरेखा के सान्निध्य में एवं जे.बी.एन तथा टी.पी.एफ. के संयुक्त तत्वावधान में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जे.बी.एन. नार्थ जोन के वाइस चेयरमैन रमन जैन ने अपने संस्था का परिचय देते हुए कहा जीतो जे.बी.एन. शिक्षा, चिकित्सा एवं व्यवसाय पर फोकस कर रही है। जे.बी.एन शिक्षा के क्षेत्र में यू.पी.एस.सी. की तैयारी करवाना, उच्चस्तरीय पढ़ाई के लिए चयनित बच्चों को विदेश भेजना, व्यवसाय में जैन समाज में व्यवसायिक शक्ति को बढ़ाना हमारा मोटिव है। दिगम्बर श्वेताम्बर की सभी शाखाओं के श्रावक गण इस संस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। दिल्ली टी.पी.एफ अध्यक्ष राजेश गेलड़ा ने आगन्तुक सभी का अपनी संस्था की तरफ से स्वागत किया। टी.पी.एफ. के श्रील लूंकड ने टी.पी.एफ. की गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारी संस्था स्प्रिीच्युअल, हेल्थ, इन्टैलक्चुअल, नेट वकिंर्ग और एजुकेशन पर अपने गुरू की आज्ञा से कार्यरत है। लगभग 14000 सदस्यों की टीम के साथ संपूर्ण भारत में इसकी शाखाएं कार्यरत हैं। यही कारण है कि तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम अपनी अलग पहचान बना रहा है। आज दो संस्थाओं का मिलन होकर कुछ अलग करने को आतुर है।
साध्वी कुन्दनरेखा ने कहा टी.पी.एफ. तेरापंथ धर्म की बौद्धिक, प्रबुद्ध श्रावकों की एक बड़ी संस्था है। जहां अध्यात्म गतिविधियों के साथ स्वास्थ्य और बौद्विक क्षमताओं का आकलन करता है। नेट वर्किंग एवं एजुकेशन के क्षेत्र में बच्चों को सहयोग करना इस संस्था का मुख्य कार्य है। आचार्य महाश्रमण का आशीर्वाद और आचार्य महाप्रज्ञ का वरदान है। जी.बी.एन. भी एक बहुत बड़ी संस्था है, विशेष रूप से यू.पी.एस.सी जैसे बड़ी पढ़ाई के लिए बच्चों को प्रेरित करता है और सहयोग भी करता है। व्यवसाय के क्षेत्र में भी अनेक श्रावकों का नेटवर्क के द्वारा प्रचार एवं परिचय भी इस संस्था को आगे बढ़ा रहा हैं। आज दो संस्थाएं, लगभग एक जैसा लक्ष्य लेकर चल रही हैं। गूरुदेव तुलसी के द्वारा प्रदत्त नारे की याद दिलाता है- दोनों हाथ एक साथ। यह संगोष्ठी जैन समाज के लिए नया संदेश देगी और अनेक उलझी गुत्थियों को सुलझा कर समाज के लिए बड़ा कार्य कर सकती है। जैन एकता का यह बड़ा आधार बन सकता है।