जीवन निर्माण कार्यशाला में शुभ भविष्य निर्माण के सूत्रों की व्याख्या

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जीवन निर्माण कार्यशाला में शुभ भविष्य निर्माण के सूत्रों की व्याख्या

श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा गंगाशहर के तत्वावधान में विद्यार्थियों के जीवन निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत तेरापंथ युवक परिषद् गंगाशहर ने विजय गीत से की। स्वागत वक्तत्वय तेरापंथी सभा गंगाशहर के निवर्तमान अध्यक्ष अमरचन्द सोनी ने दिया। आयोजन प्रभारी जैन लूणकरण छाजेड़ ने कहा कि विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल बने। हर नया दिन हमें एक नई शुरुआत करने का अवसर देता है। जब हम भविष्य की बात करते हैं, तो हमारे सामने कई चुनौतियां और संभावनाएं होती हैं। परंतु, यह हमें तय करना होता है कि हम इन चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं और इन संभावनाओं को कैसे साकार करते हैं।
साध्वी चरितार्थप्रभा जी ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को जापान में पाई जाने वाली एक प्रकार की मछली के उदाहरण के साथ बताया कि उसे जितने साईज के टब या तालाब में या समुद्र में रखें वह उसी के बराबर अपने शरीर को विस्तार दे देती है। उसी प्रकार आपके भीतर भी अनन्त क्षमताएं हैं, आप जो चाहो वो पा सकते हो। आपका संकल्प मजबूत है तो सब कुछ है। आप सब अपने आप में यूनिक हैं, बस लक्ष्य निर्धारित करें और उसे अनुरूप आगे बढ़ें। साध्वी प्रांजलप्रभा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि यदि आपको अपना फ्यूचर ब्राइट बनाना है तो अपना नजरिया अलग रखना होगा। संसाधन कम हो या ज्यादा यह मायने नहीं रखता, आपका नजरिया और आपका काम डिफरेंट हो। काम ऐसा करो कि काम से आपकी पहचान बन जाए। समाज, परिवार, आपके दोस्त व हर व्यक्ति के दिल से आपका नाम आए। साध्वी श्री ने सुनहरे भविष्य के लिए तीन सूत्र दिए - सी डिफ्रेंट्ली, स्पीक डिफ्रेंट्ली, एक्ट डिफ्रेंट्ली। साध्वी चरितार्थप्रभा जी ने बच्चों के प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया।