भाई-बहन के त्यौहार रक्षाबंधन पर विविध आयोजन

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भाई-बहन के त्यौहार रक्षाबंधन पर विविध आयोजन

उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमार जी स्वामी के सानिध्य में रक्षाबंधन कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ युवक परिषद द्वारा डोंबिवली सभा भवन में किया गया। इस अवसर पर मुनिश्री ने अपने विचार प्रकट करते हुए फरमाया कि जैन संस्कार विधि परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री तुलसी के युग में प्रारंभ हुई। इस विधि का मूल उद्देश्य है कि सांसारिक उत्सवों को मनाते हुए भी हिंसा से अहिंसा की ओर, असंयम से संयम की ओर, भोग से त्याग की ओर गतिमान बने रहना और हमारे मांगलिक कार्यों में भी जैनत्व झलके। आज रक्षाबंधन की कार्यशाला रखी गई है, रक्षाबंधन पर्व सदियों से चला आ रहा है पर हम समझें कि इसका क्या महत्व है? यह भाई बहन से संबंधित पर्व है। भाई बहन का निर्मल प्रेम बना रहे। भाई-बहन शिशु, किशोर, युवा, प्रौढ, वृद्ध किसी भी अवस्था के हो सकते हैं। अक्सर बहन भाई के घर राखी बांधने आती है, उसके पीछे यह राज रहता है कि मेरा भाई शक्तिशाली हो, उसकी उज्जवलता बढ़े, सबके साथ मधुर व्यवहार हो ताकि समय आने पर मेरी भी रक्षा कर सके। इस प्रकार के भावों का अगर व्यापक प्रचार प्रसार हो तो आपसी मनो मालिन्य समाप्त हो सकता है। कार्यशाला में ठाणे कोपरी से समागत संस्कारक दिनेश चोरड़िया व कमलेश दुग्गड ने जैन संस्कार विधि से रक्षाबंधन का डेमो प्रदर्शित किया। कस्टम ऑफिसर सारिका जैन की भी उपस्थिति रही। युवक परिषद मंत्री संजय खाब्या ने आभार ज्ञापन किया।