अनुभव के क्षण
मुत्यु कब किसके द्वार पर दस्तक देती है, पता नहीं चलता। साध्वी धैर्यप्रभाजी का इस तरह तपस्या में दिवंगत होना प्रायः सबके लिए आश्चर्य का विषय बना। सूरतवासी आकर पूछने लगे, क्या हुआ था? क्या वे अस्वस्थ थी?
साध्वी धैर्यप्रभाजी ने अपने जीवन में प्रभु महावीर की वाणी- “समयं गोयम! मा पमायए” को चरितार्थ किया है। संयम जीवन की छोटी सी पर्याय में प्रायः तपस्या कर आत्म उज्जवलता को प्राप्त किया। तप के प्रति उनका अधिक रूझान था। उन्होंने उपवास, वर्षीतप, एकासन, नीवी, आयंबिल, प्रहर, 6 विगय वर्जन आदि तप किए। उन्होंने संयम जीवन में जागरूक रहकर आत्मोत्थान के लिए अच्छा प्रयत्न किया।
पूना यात्रा के अनुभव–
पूना यात्रा के दौरान मुझे उनके साथ रहने का अवसर मिला। वे अपने ढंग से जीवन जीती थी। उनको पदार्थों के प्रति कोई आकर्षण नहीं था। उन दिनों उन्हें पात्री पर रखने के लिए एक प्लेट की आवश्यकता थी। जब हम गोचरी के लिए एक घर में गए वहां हमने एक प्लेट देखी। प्लेट उनकी पात्री पर फिट बैठ रही थी और वजन में भी हल्की थी। मैंने उनसे कहा, आपको प्लेट चाहिए तो ये प्लेट ले लो, आपके उपयोगी रेहगी। उनके एक संकल्प था कि प्रातिहारिक वस्तु भी मांगकर नहीं लेती थी, कोई भावना भाता तो ग्रहण कर लेती। धैर्यप्रभाजी ने मुझसे कहा, मुझे अपेक्षा तो है लेकिन आपने इस प्लेट के बारे में सामने से पूछा है, इसलिए यह मेरे संकल्प के अनुसार ग्रहण करने योग्य नहीं है।
कुछ दिन बाद एक भाई ने एक कार्टून को भावना भाई। धैर्यप्रभाजी ने उसे तत्काल जांच लिया और उस कार्टून से दो ढ़क्कन बनाए और प्लेट के स्थान पर इस कार्टून के ढ़क्कन का उपयोग किया। इस प्रकार वे अपने संकल्प के प्रति दृढ़ थी।
उन्होंने संकल्प किया कि जब में आचार्य प्रवर के दर्शन मुम्बई में करूं तो मुझे भेंट स्वरूप एक रजोहरण तैयार करना है। रजोहरण तैयार करने के लिए वह बड़ी जागरूक बन गई। विहार के बाद विश्राम न करके वे रजोहरण बनाने में अपना समय लगाती थी।
वे इस कार्य में इतनी लीन हो जाती थी कि उन्हें पता ही नहीं चलता कि जिस स्थान पर वो बैठी हैं वहां धूप आ गई है। वे धुन की धनी थी। आखिर आचार्यप्रवर के दर्शन से एक दिन पूर्व उन्होंने रजोहरण तैयार कर दिया था। दृढ़ संकल्पित होने के कारण वे अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर पाई। मै उस दिवंगत आत्मा के प्रति मंगलकामना करती हूं कि वह अध्यात्म की दिशा में अग्रसर होकर अपने लक्ष्य को शीघ्र ही प्राप्त करें।