अशुद्ध साधन के द्वारा नहीं हो सकती साध्य की प्राप्ति

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अशुद्ध साधन के द्वारा नहीं हो सकती साध्य की प्राप्ति

साध्वी डॉ. गवेषणाश्रीजी ठाणा-4 के सान्निध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में निर्देशित तमिलनाडु स्तरीय भिक्षु दर्शन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा की अध्यक्षता में तेरापंथ युवक परिषद चेन्नई ने आयोजित किया। कार्यक्रम की शुरुआत सामूहिक मंगलाचरण एवं विजय गीत से हुई। तत्पश्चात अध्यक्ष संदीप मुथा ने सभी का स्वागत एवं अभिनंदन किया।
साध्वीश्री ने श्रावक समाज को आचार्य भिक्षु के जीवन दर्शन से अवगत करवाते हुए कहा- आचार्य भिक्षु रहस्य पुरुष थे, उनके विचारों की गहराई विहंगावलोकन से नहीं मापी जा सकती।
उन्होंने जो व्याख्याएं दी उनमें वास्तविक सच्चाई है। आचार्य भिक्षु की सिद्धांत वाणी का स्पर्श किया जाए तो उनके मौलिक निष्कर्ष थे- धर्म अधर्म का मिश्रण नहीं होता, अशुद्ध साधन के द्वारा साध्य की प्राप्ति नहीं हो सकती। सिद्धांतों का विस्तार से विश्लेषण करते हुए साध्वीश्री ने कहा, बड़े जीवों के लिए छोटे जीवों का घात करना पुण्य नहीं है, अहिंसा और दया सर्वथा एक है। हिंसा से धर्म संभव नहीं।
साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा- आचार्य भिक्षु संघ व्यवस्था के महान प्रवर्तक थे। संघ व्यवस्था पर अवलंबित है। आचार्य भिक्षु ने तेरापंथ संघ को संगठित किया, उसकी सुव्यवस्था के लिए अनेक मर्यादाएं निर्धारित की, जैसे अपने शिष्य-शिष्या ना बनाएं, सब साधु साध्वियां एक आचार्य की आज्ञा में रहे। साध्वी मेरूप्रभा जी ने 'यह संघ हमारा मथुरा काशी, अखंड तीर्थ समाये' सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की। साध्वी दक्षप्रभा जी ने आचार्य भिक्षु के सिद्धांतों से संबंधित गीतिका का संगान किया।
साध्वीश्री के वक्तव्य के पश्चात भिक्षु दर्शन से संबंधित प्रतियोगिता में आयोजित की गई जिसमें सबसे ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले दस प्रतियोगियों को सम्मानित किया गया। कोलकाता से पधारे कार्यशाला के राष्ट्रीय सहप्रभारी सूर्यप्रकाश डागा, मदुरै से पधारे परिषद प्रभारी नितेश कोठारी एवं माधावरम ट्रस्ट के अध्यक्ष घीसुलाल बोहरा, अभातेयुप सदस्य कोमल डागा, संतोष सेठिया, दिलीप गेलड़ा सहित
कई संघीय संस्थाओं एवं परिषदों के पदाधिकारी गण, तेयुप चेन्नई के अनेक कार्यकारिणी सदस्य एवं किशोर मंडल के किशोरों सहित काफी संख्या में श्रावक समाज की उपस्थिति रही। मदुरै से 71 श्रावकों का समूह इस कार्यशाला में भाग लेने के लिए आया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन संयोजक दिलीप गेलड़ा ने किया। कार्यक्रम के अंत में मंत्री सुरेश तातेड ने आभार प्रकट किया।