Lessons of Life with Science वर्कशॉप का भव्य आयोजन
मुनि मोहजीत कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम, चिकमंगलूरु द्वारा Lessons of Life with Science वर्कशॉप का आयोजन हुआ। मुख्य वक्ता मुनि जयेश कुमारजी ने विज्ञान के प्रायोगिक धरातल पर प्रस्तुति देते हुए कहा विज्ञान का अर्थ है - विशेष ज्ञान। इसका यह अर्थ नहीं कि विज्ञान सिर्फ ग्रह, नक्षत्रों, तारों और ब्रह्मांड के गंभीर संदर्भों को जानने के लिये ही उपयोगी है अपितु विज्ञान की हर थ्योरी जीवन में नई प्रेरणा का जागरण करने वाली है। महान् वैज्ञानिकों के बारे में जब पढ़ते हैं तो पता चलता है कि अनेक असफलताओं और संघर्ष से जूझने के बावजूद वे कभी हताश नही हुए। निरंतर प्रयास करते रहे।
आज कल तो व्यक्ति एक-दो बार असफल होते ही हार मान लेता है। सोचता है मेरे भाग्य में यह होना लिखा ही नहीं है। पर वैज्ञानिकों के तो एसे अनगिनत उदाहरण हैं जहां सैकडों-हजारों बार असफल होने पर भी उन्होंने प्रयास करना नहीं छोड़ा। संपूर्ण विश्व को अपने महान् अवदानों से उपकृत कर दिया। दुनिया में सबसे बड़ी शक्ति विश्वास है। कई वैज्ञानिक ईश्वर या किसी अदृश्य शक्ति पर विश्वास नहीं करते। पर उनका आत्मविश्वास इतना बेजोड़ होता है कि असंभव प्रतीत होने वाला कार्य भी साकार हो जाता है। व्यक्ति किसी पर विश्वास करे या न करे पर अपने आप पर तो पूर्ण विश्वास रखे। यह मानकर चले दुनिया में ऐसा कुछ नही जो मै ना कर सकूं। इस दृढ़ निश्चय से व्यक्ति सफलता के शिखरों को छू सकता है।
इस अवसर पर मुनि जयेश कुमार जी ने अपनी विज्ञान यात्रा के संदर्भ में जानकारी देते हुए उसमें विशिष्ट योगदान देने वाले मुनि सुखलाल जी एवं वैज्ञानिक करण सिंह सिंघवी का विशेष उल्लेख किया। कार्यक्रम की शुरुआत टी.पी.एफ.की महिला सदस्याओं द्वारा मंगलाचरण से हुई। उपाध्यक्ष शिल्पा गादिया ने स्वागत किया। मंत्री निखिल गादिया ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। आभार अशोक गादिया ने किया।