अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अन्तर्गत विभिन्न आयोजन

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अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अन्तर्गत विभिन्न आयोजन

अणुव्रत विश्व भारती सोसाइटी द्वारा निर्देशित उदबोधन सप्ताह के प्रथम दिवस को 'सांप्रदायिक सौहार्द दिवस' के रूप में मनाया गया, जिसका आयोजन अणुव्रत समिति दिल्ली ट्रस्ट ने साध्वी संगीतश्रीजी के सान्निध्य में विवेक विहार के ओसवाल सामुदायिक भवन में किया। कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र से हुई और समिति के सदस्यों ने अणुव्रत गीत की प्रस्तुति दी। साध्वी संगीतश्री जी ने अपने प्रवचन में कहा कि प्रत्येक संप्रदाय में प्रेम और स्नेह का वातावरण बने, मानव पहले मानव बने। उन्होंने आचार्य तुलसी द्वारा प्रतिपादित अणुव्रत आंदोलन की जानकारी दी। दिल्ली समिति के अध्यक्ष मनोज बरमेचा ने सभी धर्मों के प्रतिनिधियों और श्रावक समाज का स्वागत किया। अणुव्रत विश्व भारती सोसाइटी के महामंत्री भिखम चंद सुराणा ने उद्बोधन सप्ताह के प्रथम दिवस की शुभकामनाएँ दी और अणुव्रत के विभिन्न प्रकल्पों की जानकारी प्रदान की। सिख समाज के प्रतिनिधि पद्मश्री जितेंद्र सिंह शंटी ने कहा कि हमें मानव सेवा में सदैव तत्पर रहना चाहिए। आर्य समाज के प्रतिनिधि डॉ. नरेंद्र वेदालंकार ने कहा कि धर्म हमें आपस में बैर करना नहीं सिखाता, बल्कि हमें हर धर्म का सम्मान करना चाहिए। योगा रिसर्चर डॉ. गोपाल ने कहा कि भले ही हर धर्म की पूजा पद्धति अलग हो, जीवन जीने की पद्धति ऐसी होनी चाहिए जो इंसान को इंसान बनाए। मुस्लिम समुदाय के हाफिज ज़मील रहमान ने कहा कि हमें खुद को किसी एक संप्रदाय तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि वे कार्य करने चाहिए जो इंसानियत का भला करें, जो अणुव्रत सिखाता है। ब्रह्मकुमारी आश्रम की क्षीरा दीदी ने बताया कि हम अपने जीवन को मानवता में लगा कर उसे पवित्र बना सकते हैं। क्रिश्चियन समाज के प्रतिनिधि डॉ. एम.डी. थॉमस ने कहा कि हमें एक-दूसरे के पंथ का सम्मान करना चाहिए और एक-दूसरे के काम आना चाहिए। अणुव्रत से जुड़े वरिष्ठ व्यक्तित्व डॉ. नलिन शास्त्री ने आचार्य श्री तुलसी और अणुव्रत आंदोलन पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि अणुव्रत जाति, वर्ण, और संप्रदाय से ऊपर उठकर कार्य करता है और न केवल मानवता का संदेश देता है, बल्कि नशामुक्ति और पर्यावरण जागरूकता का भी संदेश देता है। साध्वीवृंद ने सांप्रदायिक सौहार्द पर एक सुंदर गीतिका प्रस्तुत की। शाहदरा सभा के अध्यक्ष राजेंद्र सिंघी और ओसवाल समाज के अध्यक्ष आनंद बुच्चा ने दिल्ली समिति के कार्यों की सराहना की। निवर्तमान अध्यक्ष शांति लाल पटावरी, प्रदीप चोरडिया, वैभव जैन और मोहित शर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। आभार ऋषभ बैद ने किया।