वीतराग पथ कार्यशाला का सफल आयोजन
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान में तेरापंथ युवक परिषद् बेंगलुरु ने 'राग से विराग की ओर' विषय पर वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन किया। इस अवसर पर साध्वी उदितयशा जी ने वीतराग मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए जीवन में आवश्यक कदमों पर विचार साझा करते हुए कहा कि वीतराग पथ पर आगे बढ़ने की शुरुआत हमें अपने घर से करनी चाहिए। हमारे जीवन और परिवार में जैन संस्कारों का समावेश हो।
साध्वीश्री ने बताया कि हमारी दिनचर्या की शुरुआत परमेष्ठी वंदना के साथ होनी चाहिए। हमारे खान-पान, आचरण और सोच में जैन धर्म के आदर्श झलकने चाहिए। उन्होंने कहा कि माता-पिता को आधुनिकता की अंधी दौड़ और मोबाइल के नशे से बचकर बच्चों के लिए आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए। जब अभिभावक किटी पार्टी और क्लब पार्टी जैसी गतिविधियों से स्वयं को दूर रखेंगे, तभी वे बच्चों को सही दिशा में प्रेरित कर सकेंगे। बच्चों में जैन धर्म और वीतराग पथ के प्रति रुचि जगाने की आवश्यकता है। साध्वी संगीतप्रभा जी ने वीतराग पथ पर चलने की प्रेरणा गीतिका के माध्यम से दी। साध्वी भव्ययशा जी ने वीतराग बनने की प्रक्रिया और इसकी महत्ता को रोचक और सरल शब्दों में समझाया।
कार्यक्रम में श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन दिनेश पोखरणा ने किया। ज्ञानशाला परीक्षा में 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 100 से अधिक बच्चों को सम्मानित किया गया। पूर्व अध्यक्ष माणकचंद संचेती, सभा मंत्री विनोद छाजेड़ और बेंगलुरु ज्ञानशाला प्रशिक्षिका नीता गादिया ने बच्चों को ज्ञानशाला से जुड़ने के लिए प्रेरित किया और संस्कारों की महत्ता पर बल दिया। कार्यक्रम में तेरापंथ युवक परिषद् के अध्यक्ष विमल धारीवाल, पदाधिकारी, किशोर मंडल सह संयोजक गगन बच्छावत एवं अन्य सदस्य उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन और आभार ज्ञापन मंत्री राकेश चौरड़िया ने किया। इस कार्यशाला में लगभग 250 श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लिया।