भाषा को बनाएं जीवन की कला : आचार्यश्री महाश्रमण
सूरत शहर को पवित्र बना भुज मर्यादा महोत्सव के लिए गतिमान अणुव्रत यात्रा प्रवर्तक आचार्यश्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ ओलपाड पधारे। आगामी 1 जनवरी 2025 को नववर्ष का कार्यक्रम डोलीया में तथा 31 जनवरी से 16 फरवरी 2025 में भुज में मर्यादा महोत्सव का आयोजन संभावित है। ज्योतिचरण ने पावन प्रेरणा प्रदान कराते हुए फरमाया कि हमारे पास भाषा की लब्धि है। भाषा हमारे व्यवहार में बहुत काम आती है। अपने विचारों को दूसरे तक पहुंचाना है तो हम बोलकर या लिखकर भाषा का उपयोग करते हैं।
मनुष्य की भाषा काफी विकसित भाषा प्रतीत हो रही है। भाषाएं भी बहुत है। मनुष्य जगत में भाषा का बहुत विकास है। एक-एक भाषा में कितने कितने शब्द हैं। मनुष्य की भाषा समृद्ध भाषा है। भाषा को कैसे प्रस्तुत करें, कब बोलें, कब न बोलें? कहीं न बोलना अच्छा होता है तो कहीं बोलना अच्छा होता है। यह विवेक महत्वपूर्ण होता है। कितना बोलना इसका भी विवेक हो। मुखरता छोटा बनाने वाली होती है तो मौन ऊपर उठाने वाला होता है। नुपुर बोलता रहता है अतः उसका स्थान पैरों में व हार बोलता नहीं, अतः उसका स्थान गले में होता है। बोलना एक कला बन जाए। भाषा को कला बनाने का पहला सूत्र है- मित भाषिता। कम बोलो, अनावश्यक मत बोलो। वाणी के दो दोष होते हैं- बात को लंबा कर देना और बिना सार की बात करना। वाणी का गुण है- सीमित बोलना और सारपूर्ण बोलना। दूसरा सूत्र है- यथार्थ भाषिता।
बोले तो सच बोलें। झूठा आरोप न लगाएं, कटु भाषा न बोलें। पहले तोलें फिर बोलें, गुस्से में न बोलें। गुस्सा करना एक प्रकार की हार है। शान्ति, क्षमा उपहार है। खुद झुकें, फिर दूसरों को झुकाएं, यह सरल मनोविज्ञान है। हम बड़ों के प्रति नम्रता रखेगें तो बड़े भी हमारे प्रति वत्सलता रखेंगे। नम्रता से आदमी बड़ा बन सकता है। हमारे बोलने में मित भाषिता, यथार्थता, अकटु भाषिता होती है तो हमारा बोलना कलापूर्ण होता है। उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमारजी ने अपनी भावना अभिव्यक्त की। पूज्यवर के स्वागत में गुजरात के वन एवं पर्यावरण मंत्री मुकेश पटेल, ओलपाड समाज से भेरूलाल दक, अशोक दक, मुकेश दक, महिला मंडल, ओसवाल साजनान संघ अध्यक्ष बाबूलाल मेहता, विधि मुकेश शाह, क्रिनव बोल्या ने अपनी भावना अभिव्यक्त की। महिला मंडल एवं कन्या मंडल की बहनों ने प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेशकुमारजी ने किया।