पंचदिवसीय बालिका संस्कार निर्माण शिविर का समापन समारोह

संस्थाएं

हैदराबाद।

पंचदिवसीय बालिका संस्कार निर्माण शिविर का समापन समारोह

आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या डॉ. साध्वी गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में पंचदिवसीय ' कन्या संस्कार निर्माण शिविर' का आयोजन हुआ। सिकंदराबाद तेरापंथ सभा के तत्वावधान में आयोजित इस शिविर का उद्घाटन मंगलाचरण से हुआ। डॉ. साध्वी गवेषणाश्री जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह शिविर सभी के पुरुषार्थ, सम्यक् योजना और सहयोग से सफल हुआ है। उन्होंने बालिकाओं को जीवन में प्राप्त ज्ञान और संस्कारों को आचरण में लाने की प्रेरणा देते हुए कहा कि जिंदगी जीने के लिए आगे देखना चाहिए और समझने के लिए पीछे भी झांकना आवश्यक है।
इस शिविर में तेरापंथ सभा, महिला मंडल, युवक परिषद, कन्या मंडल, किशोर मंडल एवं ज्ञानशाला सहित विभिन्न संस्थाओं का सहयोग उल्लेखनीय रहा। शिविर के दौरान बालिकाओं ने अनेक शिक्षाप्रद, रचनात्मक और प्रेरक सत्रों में भाग लिया। स्पीकर कार्तिकेय ने ऑनलाइन फ्रॉड से बचाव के उपाय बताए। हेयर एंड ब्यूटी एक्सपर्ट दीपिका बैद ने बालों की देखभाल और हेयर कलर से होने वाले नुकसान की जानकारी दी। इवेंट ऑर्गनाइजर सुप्रिया बैद ने टीमवर्क बढ़ाने वाले रचनात्मक खेलों के माध्यम से बालिकाओं को आनंदित किया। मोटिवेशनल स्पीकर सरला भूतोड़िया ने रिश्तों की महत्ता को मनोरंजक खेलों के माध्यम से समझाया। डांसर पूजा बोहरा ने जुंबा और एरोबिक्स की क्लास लेकर वातावरण को ऊर्जा से भर दिया।
सीपीएस ट्रेनर प्रांजल दूगड़ ने ' सुपर पावर' विषय पर क्विज और डिबेट के माध्यम से बालिकाओं की प्रतिभा को मंच प्रदान किया। मोटिवेशनल स्पीकर नमिता सिंघी ने ' पॉजिटिव माइंडसेट' विषय पर प्रशिक्षण देते हुए आत्मविश्वास व सकारात्मक सोच के साथ लक्ष्य प्राप्त करने के सूत्र बताए। धार्मिक विषयों के साथ-साथ वर्तमान समय की चुनौतियों को भी इस शिविर में समाहित किया गया। प्रेक्षाध्यान और योग सत्र साध्वीश्री जी सहित इंदु कातरेला, रीता सुराणा, डिम्पल बैद और प्रेम संचेती द्वारा संचालित किए गए। शिविर में अंताक्षरी, भाषण प्रतियोगिता, क्विज, आर्ट एंड क्राफ्ट, ट्रेजर हंट जैसे रचनात्मक और मनोरंजक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। खुला मंच सत्र में साध्वी डॉ. गवेषणाश्री जी ने कन्याओं के सवालों का समाधान कर उन्हें मार्गदर्शन दिया। मुमुक्षु वीनू संकलेचा ने पारमार्थिक संस्था का अनुभव साझा किया और डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से प्रेरित किया। साध्वी मेरुप्रभा जी, साध्वी दक्षप्रभा जी, सरला पी. भूतोड़िया, हर्षलता दूधोड़िया व वीनू नाहटा द्वारा गीतिकाएं प्रस्तुत की गईं। शिविरार्थियों की मंचीय प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया।
समापन समारोह में सभा अध्यक्ष सुशील संचेती, महेंद्र भंडारी (चेयरमैन, जैन फाउंडेशन), तेयुप अध्यक्ष अभिनंदन नाहटा, शिविर संयोजक लक्ष्मीपत बैद, शिविर संयोजिका संगीता गोलछा, अणुव्रत समिति से प्रकाश भंडारी आदि प्रमुख रूप से मंचासीन रहे। महेंद्र भंडारी ने उद्घाटन एवं समापन सत्र के बीच हुए परिवर्तन की सराहना की। सुनील सुराणा ने कहा कि यदि जीवन में लक्ष्य बदलें और दृष्टिकोण बदलें तो परिवर्तन अवश्य संभव है। योगेश सिंघवी ने शिविर को समय की आवश्यकता बताया। शिविर संयोजिका संगीता गोलछा ने विस्तृत विवरण देते हुए कहा कि टीम वर्क और आपसी समझ से बड़ी से बड़ी उपलब्धि प्राप्त की जा सकती है। पांच दिवसीय शिविर में पूर्वा सुराणा और सुरभि बोथरा को ' श्रेष्ठ कन्या' , ऋजुता जैन और यशस्वी बरडिया को ' अनुशासित कन्या' , तथा निहारा बरडिया और गरिमा आंचलिया को ' संस्कारी कन्या' के रूप में सम्मानित किया गया। शिविर में प्रचार-प्रसार की भूमिका जेएनटी आंध्र-तेलंगाना प्रभारी मीनाक्षी सुराणा ने निभाई। कार्यक्रम का संचालन साध्वी मयंकप्रभा जी द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया। लगभग 100 बालिकाओं ने इस शिविर में भाग लिया और संस्कार, शिक्षा तथा आत्मविकास की नई प्रेरणा लेकर विदाई ली।