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जीवन रूपी गाड़ी में ब्रेक लगाने की कला विकसित करें
आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के तत्वावधान में अणुव्रत समिति, गंगाशहर द्वारा बुद्धिजीवी सम्मेलन का आयोजन आशीर्वाद भवन के प्रांगण में ‘शासनश्री’ साध्वी बसंतप्रभा जी के सान्निध्य में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मंगल मंत्रोच्चार के पश्चात् समिति की महिला प्रकोष्ठ द्वारा मंगलाचरण से हुई। वक्ताओं का परिचय उपाध्यक्ष मनोज सेठिया ने दिया। स्वागत एवं विषय प्रवेश वक्तव्य प्रतिष्ठान के कोषाध्यक्ष भैरूदान सेठिया ने दिया। समिति के अध्यक्ष भंवर लाल सेठिया ने बताया कि कार्यक्रम में 112 विद्यालयों और संस्थानों के प्रतिनिधि, शहर के जाने माने कवि, साहित्यकार आदि लगभग 350 व्यक्तियों ने शिरकत की। साध्वी बसंतप्रभाजी के सान्निध्य में साध्वी संकल्पश्री जी ने कहा कि इंद्रियों और मन को संयम से नियोजित करें। अपनी जीवन रूपी गाड़ी में ब्रेक लगाने की कला विकसित करें।
डॉ. धनपत सिंह रामपुरिया ने पर्यावरण विषय पर अपने वक्तव्य में कहा कि हमें प्रकृति से सभी चीजें मिलती है परंतु अनावश्यक दोहन और अतिक्रमण समस्या की जड़ है। डॉ. चक्रवर्ती नारायण श्रीमाली ने नशे के संबंध में अपने वक्तव्य में कहा कि नशा संस्कारों को गर्त में ले जा रहा है, विवेक और सद्संगति ही इसका उपचार है। साध्वी कल्पमाला जी एवं साध्वी रोहितयशा जी ने गीतिका प्रस्तुत की। कार्यक्रम के अंतिम चरण में मुख्य वक्तागण और नवमनोनीत भाजपा जिलाध्यक्ष सुमन छाजेड़ सम्मान आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष गणेश बोथरा, मंत्री दीपक आंचलिया, समिति अध्यक्ष भंवरलाल सेठिया ने किया।
आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के मीडिया संयोजक धर्मेंद्र डाकलिया ने बताया कि अणुव्रत काव्य धारा के अंतर्गत काव्य रचना करने वाले रचनाकारों का साहित्य और पताका भेंट कर हंसराज डागा, किशन बैद, जतन दुग्गड एवं समिति की महिला प्रकोष्ठ ने सम्मान किया। कार्यक्रम के दौरान अणुव्रत गीत संगान में सहभागी विद्यालय और संस्थानों को भी सम्मानित किया गया। आभार ज्ञापन अध्यक्ष भंवर लाल सेठिया ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन समिति के मंत्री मनीष बाफना ने किया। अंतिम चरण में अहमदाबाद में विमान हादसे में मृतक आत्माओं के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप 1 मिनट का मौन रखा गया।