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गणाधिपति आचार्य श्री तुलसी के महाप्रयाण दिवस पर विविध आयोजन
अणुव्रत प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी के 29वें महाप्रयाण दिवस का आयोजन मुनि दीप कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा-कांचीपुरम द्वारा किया गया। मुनिश्री ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा - आचार्य श्री तुलसी निर्माण के पुरोधा थे। उन्होंने जितना साहित्य का निर्माण किया, उतना ही साहित्यकारों का भी निर्माण किया। आचार्य तुलसी विराट पुंज थे। उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए, जो आज समाज के लिए वरदान सिद्ध हो रहे हैं। तेरापंथ के आचार्यों में सबसे अल्प आयु में वे आचार्य बने। धर्मसंघ में ज्ञान और ध्यान की सुरसरिता प्रवाहित की। साधु-साध्वियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया और इसके लिए भारी परिश्रम किया। आचार्य तुलसी के जीवन में अनेक संघर्ष आए, जिनका उन्होंने साहसपूर्वक सामना किया। उन्होंने नारी जाति के उत्थान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा रूढ़ि उन्मूलन का क्रांतिकारी कार्य किया। आचार्य तुलसी ऐसे क्रांतिकारी महापुरुष थे, जिन पर आने वाली सदियां गर्व करेंगी। मुनि काव्य कुमार जी ने संचालन करते हुए कहा - आचार्य तुलसी का भाग्य प्रबल था और उन्हें अपने पुरुषार्थ पर गहरा विश्वास था। उन्होंने जो सोचा और कहा, वह करके दिखाया। तेरापंथ सभा कांचीपुरम के अध्यक्ष इंदरचंद धोका ने भाव व्यक्त किए। तेरापंथ महिला मंडल कांचीपुरम की बहनों ने भावपूर्ण गीत की प्रस्तुति दी। नवनीत कांठेड़ ने गीत का संगान किया। तेरापंथी सभा पल्लावरम के मंत्री राकेश रांका ने अपने विचार व्यक्त किए।