गणाधिपति आचार्य श्री तुलसी के महाप्रयाण दिवस पर विविध आयोजन

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यशवंतपुर, बैंगलोर

गणाधिपति आचार्य श्री तुलसी के महाप्रयाण दिवस पर विविध आयोजन

शहर के गंगानगर स्थित जैन स्थानक में साध्वी सोमयशाजी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा यशवंतपुर द्वारा आचार्यश्री तुलसी की 29वीं पुण्यतिथि विसर्जन दिवस के रूप में श्रद्धापूर्वक मनाई गयी। साध्वी सोमयशाजी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “आचार्य तुलसी का युग स्वर्णिम युग के नाम से जाना जाता है। उन्होंने भूतकाल की रूढ़ियों, वर्तमान की समस्याओं तथा भविष्य की संभावनाओं पर गंभीर चिंतन किया। उनका नाम विश्वगुरु के रूप में लिया जाता है। हर श्रावक का उनसे आत्मीय संबंध था। आपने पद विसर्जन जैसी अनूठी परंपरा को निभाया और तीन साध्वी प्रमुखाओं का चयन कर समाज में नारी नेतृत्व का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने नारी समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न की और अर्हत वंदना के माध्यम से आगमवाणी को घर-घर पहुँचाया। ऐसे महापुरुषों को त्यागमय श्रद्धांजलि अर्पित की जानी चाहिए।” साध्वी डॉ. सरलयशाजी ने कहा, “जैन साधु-साध्वियों के लिए शोध क्षेत्र में सुगमता आचार्य तुलसी की ही देन है। उनका आगम भाष्य व संशोधन में अपूर्व योगदान रहा। वे सहज योगी थे, उनके कार्य अद्वितीय थे।” साध्वी ऋषिप्रभाजी ने सुन्दर संचालन करते हुए गुरुदेव श्री तुलसी के गुणों को व्याख्यायित किया। कार्यक्रम में “महाप्राण गुरुदेव” गीत का सामूहिक संगान हुआ। कार्यक्रम का मंगलाचरण महिला मंडल अध्यक्ष मीना दक एवं सभा मंत्री अनिल दक द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। सभा अध्यक्ष सुरेश बरडिया ने परिषद का स्वागत करते हुए आचार्यश्री के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। यशवंतपुर महिला मंडल की बहनों—संगीता बाबेल, टीना पितलिया, सोनु दक और आशा पितलिया—द्वारा सुंदर शब्दचित्र प्रस्तुत किया गया। ज्ञानशाला ज्ञानार्थी मनन और दिवित ने “तुलसी तुलसी मेरे राम” की मनमोहक प्रस्तुति दी। कंचन समदडिया, सीमा चोरडिया, सुमन बाफना, उपासक चंद्रप्रकाश मेहता सहित अनेक श्रद्धालुओं ने भावांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का आभार ज्ञापन सभा मंत्री अनिल दक ने किया। आयोजन में बड़ी संख्या में जैन श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति रही।