तेरापंथ किशोर मंडल के 17वें राष्ट्रीय अधिवेशन का भव्य आयोजन
परम पूज्य आचार्य प्रवर की पावन सन्निधि एवं उद्बोधन से तृप्त हुए किशोर
छापर।
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में तेरापंथ किशोर मंडल का 17वां राष्ट्रीय अधिवेशन दिनांक 29-30-31 जुलाई 2022 को छापर एवं लाडनूं में आयोजित हुआ, जिसमें देश भर के 80 किशोर मंडलों से लगभग 700 किशोरों की उपस्थिति रही। तेरापंथ की राजधानी और जैन विश्व भारती के पवित्र प्रांगण में दिनांक 29 जुलाई 2022 को प्रातः 9.30 बजे अभातेयुप के कर्मठ एवं ऊर्जावान राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पंकज डागा द्वारा जैन ध्वजारोहण के साथ अधिवेशन का आगाज हुआ। अभातेयुप के उपाध्यक्ष प्रथम श्री रमेश डागा, महामंत्री श्री पवन मांडोत, सहमंत्री प्रथम श्री अनंत बागरेचा, कोषाध्यक्ष श्री भरत मरलेचा, संगठन मंत्री श्री श्रैयाँस कोठारी, प्रबुद्ध विचारक श्री नवीन बैंगानी, आचार्य तुलसी डायग्नोस्टिक सेंटर के राष्ट्रीय प्रभारी व तेरापंथ किशोर मंडल के पूर्व राष्ट्रीय प्रभारी श्री अर्पित नाहर, तेरापंथ किशोर मंडल के राष्ट्रीय प्रभारी श्री विशाल पितलिया, राष्ट्रीय सहप्रभारी श्री मयंक धाकड़ आदि की गरिमामय उपस्थिति में अधिवेशन का शुभारंभ हुआ।
सुधर्मा सभा में आयोजित उद्घाटन सत्र में अध्यक्षीय उद्बोधन प्रदान करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पंकज डागा ने देशभर से उपस्थित किशोरों का अभातेयुप परिवार की ओर से स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने किशोरों को जीवन में संस्कारों के साथ आगे बढ़ते हुए संघ व संघपति के प्रति सदैव समर्पित रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने किशोरों को संगठन की विभिन्न आध्यात्मिक और सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से अपना व्यक्तित्व निखारने की बात कही। अभातेयुप के सक्रिय महामंत्री श्री पवन मांडोत ने कहा कि अधिवेशन के माध्यम से किशोरों को गुरु सन्निधि का तो विशेष लाभ प्राप्त होगा ही, इसके साथ ही इस बार लाडनूं में अधिवेशन होने के कारण सहज ही अनेकों किशोरों को प्रथम बार जैन विश्व भारती एवं अभातेयुप के केंद्रीय कार्यालय, भवन आदि के अवलोकन का अवसर प्राप्त हो रहा है। उपस्थित किशोर अपने जीवन में सर्वांगीण विकास का संकल्प ग्रहण करें। फनप्रवीवसपब शीर्षक से विभिन्न ज्ञानवर्धक प्रतियोगिताएं आयोजित हुई। 5 राउण्ड मंे आयोजित इन प्रतियोगिताओं में 500 से अधिक किशोरों ने भाग लिया। शीर्ष 3 टीमों का चयन किया गया। फाइनल में प्रत्येक टीम में पैन इंडिया के 3 किशोर थे। दर्शकों की ओर से चयनित सबसे सक्रिय किशोर मण्डल को पुरस्कृत किया गया। उत्साह और रोमांच से भरी प्रतियोगिताओं के साथ प्रथम सत्र का समापन हुआ।
एक सत्र ।र्क ंच शीर्षक से मार्केटिंग पर आधारित एक इवेंट के रूप मंे आयोजित किया गया। जिसमें किशोरों के कौशल व क्षमता को किसी उत्पाद विशेष हेतु टैग लाइन बनाने, किसी विशेष उत्पाद को बेचने के लिए अधिनियम बनाने आदि के बारे में प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें किशोरों की रचनात्मकता, प्रदर्शन और समय के उपयोग के आधार पर मूल्यांकन किया गया। इस प्रतियोगिता के विजेता के रूप में शीर्ष तीन टीमों को पुरस्कृत किया गया। अभातेयुप के पदाधिकारियों ने अलग-अलग विषयों पर किशोरों को प्रेरित किया।
रात्रिकालीन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती नीलमजी सेठिया ने जैन दर्शन, अनेकान्तवाद, तत्त्वज्ञान आदि के बारे में बताते हुए किशोरों को अपने जीवन को अध्यात्म के साथ जोड़ने तथा जैन धर्म के मूलभूत सिद्धांतों को जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी। रात्रिकालीन भक्ति संध्या में छोटे-छोटे किशोरों ने शास्त्रीय संगीतमय प्रस्तुतियां दीं। संगीत की जुगलबंदी में अनेक किशोर गायकों ने भाग लिया। प्रमुख गायक श्री ऋषि दूगड़, श्री दर्शन चोपड़ा, श्री दर्शन भंडारी एवं श्री प्रवीण मालू ने अपनी मधुर अध्यात्ममय स्वर लहरियों से किशोरों को मंत्रमुग्ध कर दिया। द्वितीय दिवस का प्रारम्भ ‘फिट युवा: हिट युवा’ के अन्तर्गत प्रेक्षाध्यान के प्रयोगों के साथ हुआ। प्रथम सत्र छापर में परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी के पावन सान्निध्य में आयोजित हुआ। सफेद कुर्ता-पायजामा एवं रंग-बिरंगें दुपट्टों में राजस्थानी परिवेश में सजे सैंकडों किशोर एक भव्य रैली के साथ जब पूज्य चरणों में पहुंचे तो प्रवचन पंडाल ‘जय जय ज्योति चरण: जय जय महाश्रमण’ के उद्घोष से गूंज उठा।
17वें राष्ट्रीय तेरापंथ किशोर मण्डल के अधिवेशन के संदर्भ में तेरापंथ किशोर मण्डल के राष्ट्रीय प्रभारी श्री विशाल पितलिया ने अवगति प्रदान की। भीलवाड़ा वर्चुअल अधिवेशन के अवसर पर परम पूज्य आचार्य प्रवर की पावन प्रेरणा के अनुसार तेरापंथ किशोर मण्डल के किशोरों ने ’चर्चा धारो रे’ प्राचीन गीत का संगान किया। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पंकज डागा एवं महामंत्री श्री पवन मांडोत ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। साध्वीप्रमुखाजी ने भी किशोरों को उत्प्रेरित किया। मुख्यमुनिश्री ने भी किशोरों को संबोधित किया। परम पूज्य आचार्य प्रवर को तेरापंथ किशोर मंडल का वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन निवेदित किया गया।
परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी ने किशोरों को विशेष प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि किशोरावस्था ज्ञानार्जन, चारित्रिक निर्माण और विकास की अच्छी संभावना वाली होती है। किशोरों के अच्छे संस्कारों का विकास हो तो उनकी स्वयं की आत्मा के साथ दूसरों के लिए भी अच्छी बात हो सकती है। स्कूली शिक्षा के साथ धर्म और अध्यात्म की शिक्षा का विकास हो तो अच्छी बात हो सकती है। विद्वता, गुणवत्ता के साथ सभ्यता और संस्कारों का विकास हो तो विशेष बात हो सकता है। तीन वर्षों बाद किशोरों को अच्छा अवसर मिला है। हमारे सामने इतने किशोर बैठे हैं, वे स्कूल और कॉलेजों आदि में पढ़ते हैं। वे समय निकालें और जैन दर्शन के सिद्धांतों को जानने का प्रयास करें। आचार्य महाप्रज्ञ की पुस्तक जैन दर्शन: मनन को मीमांसा उससे भी अनेक जानकारियां भी प्राप्त की जा सकती हैं। किशोर मण्डल के किशोरों में बुद्धि और प्रतिभा हो सकती है तो वे समय निकालकर जैन दर्शन, तेरापंथ के इतिहास आदि के सिद्धांतों को जानने और पढ़ने का प्रयास करें और जैन दर्शन के अच्छे जानकार, विद्वान, प्रवक्ता भी बनें और हिन्दी अथवा अंग्रेजी में भाषण दे सकें। ऐसे किशोर सामने आएं तो जैन दर्शन के विद्वान, प्रवक्ता बनने का प्रयास करें। किशोरों द्वारा प्रस्तुत गीत के लिए परम पूज्य आचार्य प्रवर ने आशीर्वाद प्रदान करते हुए पुनः तीन प्राचीन गीतों को कंठस्थ करने की प्रेरणा प्रदान की।
मध्यान्ह सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर श्री संजयजी रावल ने ‘जीवन’ को व्याख्यायित करते हुए किशोरों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में यह समझाने का प्रयास किया कि सर्वांगीण विकास करते हुए किस प्रकार जीवन जीया जाये।
सायंकालीन सत्र के अन्तर्गत जैन विश्व भारती स्थित आचार्य तुलसी स्मारक पर 7 से 8 बजे शनिवारीय सामूहिक सामायिक का क्रम रखा गया। सभी किशोरों ने उसमें अपनी सहभागिता दर्ज की।
रात्रिकालीन सत्र मंे अलग-अलग क्षेत्रों के चार सुप्रसिद्ध व्यक्तित्वों से पैनल चर्चा का क्रम आयोजित किया गया। जिसमें प्रसिद्ध युवा भारतीय क्रिकेटर श्री श्रेयश गोपाल, प्रख्यात लेखक डॉ. नंदीतेश निलय, अभातेयुप के पूर्व अध्यक्ष और चार्टर्ड अकाउंटेंट श्री बी. सी. जैन (भलावत) एवं अभातेयुप के पूर्व अध्यक्ष और बिल्डर श्री विमल कटारिया से उनके जीवन के बारे में चर्चा की गई एवं उनसे जाना गया कि कैसे उन्होंने अपने जीवन में प्रगति केे पायदानों को स्पर्श करते हुए व्यापक प्रतिष्ठा और प्रसिद्धि हासिल की। उनके साथ पैनल चर्चा किशोरों के लिए बहुत उपयोगी साबित हुई। इस सत्र में अभातेयुप के निवर्तमान अध्यक्ष श्री संदीप कोठारी भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
किशोरों को राजस्थान की लोक संस्कृति से परिचित कराने के उद्देश्य से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। किशोरों ने विभिन्न रचनात्मक तरीकों से अपने-अपने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। तृतीय दिवस का प्रथम सत्र तेरापंथ टास्क फोर्स के प्रशिक्षण सत्र के रूप में आयोजित किया गया, जिसमें प्रशिक्षक श्री श्रेणिक कुचेरिया द्वारा किशोरों को आपात स्थिति में कुछ प्राथमिक चिकित्सा तकनीकों के बारे में बताया गया। ‘खतरों के खिलाड़ी’ शीर्षक से किशोर को अनेक मुश्किल टास्क दिए गए जिन्हें तय समय में पूरा करना था। सहभागी किशोरों ने बहुत उत्साह और बहादुरी का परिचय देते हुए अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन देने का प्रयास किया। चयनित शीर्ष 10 प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
लाडनूं में आयोजित विभिन्न सत्रों में जैन विश्व भारती सेवा केन्द्र में विराजित मुनिश्री विजयकुमारजी, अभातेयुप के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनिश्री योगेशकुमारजी आदि मुनिवृंद का पावन सान्निध्य एवं पाथेय प्राप्त हुआ। मुनिश्री योगेशकुमारजी ने किशोरों को प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि किशोरावस्था निर्माण की अवस्था होती है। इस अवस्था में सद्संस्कारों से जीवन की सही दिशा प्रशस्त की जा सकती है। हमें तेरापंथ जैसा गौरवशाली धर्मसंघ और परमपूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी जैसे महातपस्वी आचार्य प्रवर का पावन साया और आध्यात्मिक संरक्षण प्राप्त है। ऐसे संघ और संघपति के प्रति प्रत्येक किशोर पूर्ण समर्पित रहे और अपने जीवन में अन्य क्षेत्रों में विकास के साथ समन्वित रूप से अध्यात्म की दिशा में भी विकास करते रहें। वार्षिक अधिवेशन में किशोरों को पूज्य प्रवर की पावन सन्निधि और उद्बोधन का लाभ मिलता है, जो पूरे वर्ष भर के लिए आपको ऊर्जा से भर देता है। मुनिश्री विजयकुमारजी ने उद्बोधन प्रदान करते हुए किशोरों को जीवन मंे सद्संस्कारी बने रहने की प्रेरणा दी।
मध्यान्ह एवं समापन सत्र के अन्तर्गत ‘शार्प टैंक’ शीर्षक से कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें अभातेयुप के पूर्व अध्यक्ष श्री बी.सी. जैन (भलावत), पूर्व अध्यक्ष श्री विमल कटारिया एवं सीपीएस के मुख्य प्रशिक्षक श्री अरविंद मांडोत ने अपनी स्टार्टअप्स की यात्रा के बारे में बताया और निर्णायक के रूप में उपस्थित तेरापंथ किशोर मंडल के पूर्व राष्ट्रीय प्रभारी श्री अर्पित नाहर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभी के प्रति आभार ज्ञापन के साथ अधिवेशन का समापन हुआ।
देशभर के तेरापंथ किशोर मंडलों में से गत वर्ष सेवा, संस्कार और संगठन के क्षेत्र में से उत्कृष्ट कार्य करने वाले तेरापंथ किशोर मंडलों को सम्मानित किया गया। 1 से 25 किशोरों की संख्या वाले किशोर मंडलों में सेवा में श्रीडूंगरगढ़, संस्कार में खारगढ़ एवं संगठन में लूणकरणसर विजेता रहे। 25 से 75 किशोरों की संख्या वाले किशोर मंडलों में सेवा में बारडोली, संस्कार में रायपुर एवं संगठन में एच.बी.एच.टी. विजयी रहे। 75 से अधिक किशोरों की संख्या वाले किशोर मंडलों में सेवा में उधना, संस्कार में चेन्नई एवं संगठन में जयपुर विजयी रहे। सभी कार्यों में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु सेवा में भीलवाड़ा, संस्कार में पर्वत पाटिया एवं संगठन में दक्षिण मुंबई विजेता रहे। सेवा, संस्कार एवं संगठन तीनों में सर्वश्रेष्ठ तेरापंथ किशोर मंडल, सूरत रहा। विजेता किशोर मंडलों को मोमेन्टो प्रदान कर सम्मानित किया गया।
अधिवेशन में समागत किशोरों की आवास, भोजन, आयोजन आदि व्यवस्थाओं में जैन विश्व भारती के अध्यक्ष श्री मनोज लूनिया के नेतृत्व में सभी कार्यरत कर्मियों का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। आवास की अन्य व्यवस्थाओं में रोहिणी भवन के लिए अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती नीलम सेठिया, आचार्य तुलसी भवन के लिए तेरापंथी सभा-लाडनूं के अध्यक्ष श्री प्रकाशचन्द बैद, हरियाणा भवन के लिए हरियाणा प्रांतीय तेरापंथी सभा के अध्यक्ष श्री मखनलाल गोयल, घोसल गेस्ट हाउस के लिए श्री सुरेन्द्र घोसल आदि का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। अभातेयुप के सहमंत्री एवं अभातेयुप के संयोजक श्री अनंत बागरेचा के कुशल निर्देशन एवं तेरापंथ किशोर मंडल के राष्ट्रीय प्रभारी श्री विशाल पितलिया, सह-प्रभारी श्री मयंक धाकड़ के प्रबन्धन में ब्लू ब्रिगेड टीम ने विभिन्न व्यवस्थाओं के नियोजन में निष्ठापूर्ण श्रम किया। अभातेयुप लाडनूं कार्यालय टीम का पूर्ण सहयोग रहा।