ज्ञानशाला दिवस के कार्यक्रम
विद्याधर नगर, जयपुर
ज्ञानशाला गणाधिपति पूज्य गुरुदेव श्री तुलसी की समाज को एक अभिनव देन है। उगती पौध को सत्संस्कारों से आप्लावित करके समाज में नई जागृति लाने का पूज्यप्रवर श्री का उद्देश्य था।महासभा के निर्देशन में ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाएँ एवं साधु-साध्वियाँ प्रशिक्षण देकर संस्कारी बच्चों का निर्माण करते हैं तथा गुरुदेव का स्वप्न साकार करते हैं। शासनश्री साध्वी मधुरेखा जी के सान्निध्य में ज्ञानशाला दिवस पर साध्वी मधुयशा जी द्वारा बच्चों को संवाद, कव्वाली, समुह गीत, प्रश्न-उत्तर आदि का प्रशिक्षण दिया गया।
साध्वी मधुयशा जी ने पूरा श्रम तथा समय लगाकर बच्चों को तैयार किया। बच्चों ने सुंदर कार्यक्रम की प्रस्तुति देकर सभी से शुभ आशीष प्राप्त किया। सभा के सहमंत्री सुरेंद्र सेखानी, तेयुप के मंत्री अविनाश छाजेड़, महिला मंडल की मंत्री रेखा बोकड़िया, ज्ञानशाला प्रशिक्षिका प्रीति पारख ने बच्चों को शुभकामनाएँ दी। कार्यक्रम का संचालन रेखा लुणिया ने किया। इस असर पर साध्वीश्री जी ने कहा कि बच्चों को संस्कारी बनाने का गुरुदेव श्री तुलसी तथा आचार्यश्री महाश्रमण जी की दूरदर्शिता की सोच का परिणाम है। बच्चे संस्कारी बनकर अच्छे परिवार, समाज तथा देश का निर्माण कर सकते हैं। अच्छा बच्चा अच्छा श्रावक बनकर धर्मसंघ को सेवा देकर कृतज्ञता का अनुभव करता है तथा आचार्यप्रवर के सपनों को साकार करने में अहम भूमिका निभाता है।