त्रिदिवसीय बाल संस्कार निर्माण आवासीय शिविर ‘अरुणोदय’ का आयोजन
साहूकारपेट।
तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में आयोजित ‘अरुणोदय’ ज्ञानशाला के त्रिदिवसीय शिविर में साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि ज्ञानशाला तेरापंथ धर्मसंघ की अनमोल विरासत और गुरुदेव श्री तुलसी द्वारा प्रदत्त ऐसा वरदान है जो पीढ़ी दर पीढ़ी संघ संवर्धन में योगभूत बन रहा है। ऐसे शिविरों के माध्यम से बाल जीवन को पोषण मिलता है, संघीय संस्कारों को पुष्ट रखने की प्रेरणा मिलती है। साध्वीश्री जी ने आगे कहा कि ज्ञानार्थी ज्ञान के साथ विनय-विवेक संपन्न बने। अपने अभिभावकों के प्रति सम्मान और आदर की भावना रखें। भगवान महावीर जैसा बनने के लिए सहनशीलता का विकास करना चाहिए। जितना हो सके अनावश्यक हिंसा से बचने का प्रयास हो। साध्वीश्री जी द्वारा बच्चों को वैराग्य पथ पर बढ़ने की प्रेरणा प्रदान की गई।
प्रशिक्षिकाओं ने संगान किया। तेरापंथ सभाध्यक्ष उगमराज सांड ने शुभभावना व्यक्त की। सभा मंत्री अशोक खतंग ने विचार प्रस्तुत किए। हिमांशु डूंगरवाल ने ज्ञानार्थियों के परिचय सत्र का संचालन किया। किशोर मंडल ने ‘बिग बॉस’ कार्यक्रम एवं अनेक ग्रेम्स से बच्चों का मन मोहा। बबीता बोकड़िया एवं सेजल समदड़िया ने आसन-प्राणायाम करवाया। How to control anger कक्षा साध्वी डॉ0 शौर्यप्रभा जी ने ली। साध्वी डॉ0 राजुलप्रभा जी ने जैन दर्शन का प्रायोगिक प्रशिक्षण एवं साध्वी चैतन्यप्रभा जी के तत्त्वज्ञान का प्रायोगिक/सैद्धांतिक प्रशिक्षण दिया। टीपीएफ अध्यक्ष राकेश खटेड़ ने ‘जीवन में जैनत्व को कैसे जीएँ’ इसके टिप्स बताए। साध्वीवृंद द्वारा कायोत्सर्ग, ध्यान, मुद्रा आदि के प्रयोग भी करवाए गए। ममता, माही मूथा ने ‘मिड ब्रेन एक्टीवेशन’ करवाया।
संयोजकद्वय नरेंद्र भंडारी व मनोज गादिया के साथ मनोज डूंगरवाल राजेश सांड, मनोज सेठिया, ताराचंद बोहरा आदि कार्यकर्ताओं की भूमिका रही। बसंता बाबेल, अर्चना कटारिया, अनिता तातेड़, सुभद्रा लूणावत आदि ने दायित्व निभाया। चेन्नई ज्ञानशाला प्रभारी सुरेश तातेड़ का श्रम रहा। सभी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। शिविर में आयोजित प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया एवं विशेष प्रशिक्षण प्रदाता शिक्षकों का सम्मान किया गया।