भगवान महावीर के अर्थशास्त्र पर कार्यशाला

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भगवान महावीर के अर्थशास्त्र पर कार्यशाला

टी-दासरहल्ली।
तेरापंथ सभा भवन में शासनश्री साध्वी कंचनप्रभाजी ने सभा के तत्त्वावधान में आयोजित ‘महावीर के अर्थशास्त्र’ कार्यशाला में कहा कि भगवान महावीर धर्म के प्रवक्ता थे। उन्होंने मानवीय मूल्यों को सर्वाधिक मूल्य दिया। आज बाजार का एक ही उद्देश्य है, पैसे का अधिकाधिक अर्जन। इसके लिए मानवीय मूल्यों को तिलांजलि दी जा रही है। यही वर्तमान की सर्वाधिक समस्या है। आचार्यश्री महाप्रज्ञजी ने भगवान महावीर की वाणी के आधार पर गृहस्थ में जीने वाले भाई-बहिनों के लिए भौतिक विकास के साथ नैतिक विकास व आध्यात्मिक विकास की प्रेरणा दी। यही है महावीर का अर्थशास्त्र।
शासनश्री साध्वी मंजुरेखाजी ने कहा कि भगवान महावीर के द्वारा प्राप्त संदेश प्रासंगिक हैं। जिन्होंने कहा कि इच्छाओं का सीमाकरण ही आधुनिक जमाने में शांति का उपहार हैं। साध्वी कंचनप्रभाजी द्वारा मंगलमंत्रोच्चार से कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ। साध्वी मंजुरेखाजी, साध्वी उदितप्रभाजी, साध्वी निर्भयप्रभाजी, साध्वी चेलनाश्रीजी नें मधुर गीत का संगान किया। संस्थापक अध्यक्ष लादूलाल बाबेल, अध्यक्ष नवरतन गांधी, तेयुप अध्यक्ष दिलीप पोखरणा ने भाव व्यक्त किए। इस अवसर पर तेरापंथ सभा ट्रस्ट परिवार, तेममं परिवार, तेयुप परिवार एवं दासरहल्ली व निकटतम क्षेत्रों से सकल जैन समाज के श्रावक-श्रविकाओं की उपस्थिति रही। संचालन सभा मंत्री प्रवीण बोहरा ने किया।