वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन
मंडिया।
अभातेयुप के निर्देशन में तेयुप द्वारा साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में प्रथम वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें सभा अध्यक्ष नरेंद्र दक, विशेष उपस्थित अभातेयुप के सदस्य मुकेश गुगलिया, ललित मेहर व बड़ी संख्या में बच्चों, युवाओं, ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं, श्रावक-श्राविकाओं की सहभागिता के साथ, जीवन जीने की दिशा को समझने हेतु एक सफल मार्गदर्शन प्राप्त किया।
सर्वप्रथम साध्वीश्री जी के नमस्कार महामंत्र के संगान द्वारा कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। मंगलाचरण तेममं ने किया। विजय गीत का संगान तेयुप, मंडिया द्वारा किया गया। श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन सभा अध्यक्ष नरेंद्र दक ने किया। स्वागत वक्तव्य तेयुप अध्यक्ष प्रवीण दक ने किया। साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी ने वीतराग पथ क्या और क्यों के बारे में समझाया। बचपन से माता-पिता बच्चों को संयम के संस्कार दें। वे श्रमण बन सकें तो अच्छा है, नहीं तो अच्छा श्रावक अवश्य बने। सभी को सामायिक करने की प्रतिज्ञा लेने के लिए कहा। साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि हम चाहे कितने ही बड़े स्टेट्स के साथ जी रहे हों, मगर जिंदगी का सुकून त्याग में ही मिलता है। धार्मिक संस्कार हमें मोह से निर्मोही बनाते हैं। साध्वी मेरुप्रभा जी, साध्वी दक्षप्रभा जी ने गीतिका का संगान किया।
ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक गीत द्वारा प्रस्तुति दी। तेयुप द्वारा ‘सुख क्या है’ विषय पर एक शॉर्ट वीडियो क्लिप दिखाई गई। अभातेयुप सदस्य मुकेश गुगलिया ने कहा कि वीतराग पथ कार्यशाला गुरु इंगित एक आयाम है। इस पथ पर चलते हुए हम सब संयम की ओर बढ़ सकते हैं। ललित मेहर ने अपने विचार व्यक्त किए। सभा अध्यक्ष नरेंद्र दक ने भी अपनी भावना व्यक्त की। जैन पटके द्वारा विशिष्ट व्यक्तियों का सम्मान माणकचंद भंसाली, प्रकाश भंसाली द्वारा किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ श्रावक उगमराज आच्छा, चंदनमल, तेजराज भंसाली, सतीश, पारसमल गुंदेचा, बाबूलाल भटेवरा सहित अनेक पदाधिकारीगण एवं गणमान्य जनों की उपस्थिति रही। आभार ज्ञापन तेयुप मंत्री कमलेश गोखरू द्वारा किया गया। अध्यक्ष प्रवीण दक ने संचालन किया।