तनाव मुक्ति कार्यशाला का आयोजन

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तनाव मुक्ति कार्यशाला का आयोजन

छापर।
शासनश्री मुनि विजय कुमार जी के सान्निध्य में कालू कल्याण केंद्र सभागार में ‘तनाव मुक्ति कार्यशाला’ का आयोजन किया गया। जिसमें अणुव्रत बाल भारती विद्यालय, मंूधड़ा उच्च माध्यमिक विद्यालय, देवाणी उच्च माध्यमिक विद्यालय के लड़के-लड़कियों के अलावा स्थानीय श्रावक-श्राविकाओं ने उत्साह के साथ अच्छी संख्या में भाग लिया। योग गुरु हुक्माराम बरबड़ ने प्रशिक्षण में पूरा समय लगाया।
इस अवसर पर शासनश्री मुनि विजय कुमार जी ने कहा कि तनाव आधुनिक जीवनशैली का पर्यायवाची शब्द बन गया है। बच्चे, युवक व वृद्ध सभी इस महामारी के चंगुल में फँसे हुए हैं। यह तनाव भी बहुरूपिया है। अनेकों रूपों में यह मानव के साथ जुड़ा रहता है। तनाव के मुख्य तीन प्रकार देखने को मिलते हैं-शारीरिक तनाव, मानसिक तनाव, भावनात्मक तनाव। इन तीनों प्रकारों में सभी तनावों का समावेश हो जाता है। तनाव उत्पत्ति के कारणों की चर्चा करते हुए मुनिश्री ने कहा-दमित भावनाएँ, आर्थिक संकट, परस्पर बहम, घर का वातावरण, लुकाव-छिपाव, अतिक्रोध, अव्यवस्थित जीवन शैली, अतृप्त आकांक्षाएँ आदि अनेक कारण तनाव की उत्पत्ति में निमित्तभूत देखे जा सकते हैं। शासनश्री ने तनाव शमन के आध्यात्मिक उपायों की चर्चा की और उनका प्रयोग भी संभागियों को करवाया। मुनिश्री ने गीत का संगान करके कार्यशाला की उपयोगिता बताई। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों को पानपराग, गुटका आदि व्यसनों से बचे रहने की प्रेरणा दी।
चर्चा-परिचर्चा सत्र का प्रारंभ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुआ। अणुव्रत बाल भारती विद्यालय की छात्राओं ने अणुव्रत गीत का संगान किया। सरपंच गोपालपुरा सविता राठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थी। तनाव के संदर्भ में प्रेरणादायी बातें उन्होंने बताई। अणुव्रत समिति के मंत्री विनोद नाहटा, मूंदड़ा उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल मंगेजाराम, कन्हैयालाल पटवारी, रेखाराम गोदारा, गजराज जैन, लीलू, सृष्टि, सुनीता पटवारी व महिमा ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। अणुव्रत समिति के अध्यक्ष प्रदीप सुराणा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथी सभा के मंत्री चमन दुधोड़िया ने किया।