अर्हम्

अर्हम्

तेरापंथ धर्मसंघ के एक विशिष्ट ज्ञानी संत, धर्म और विज्ञान का तुलनात्मक अध्ययन करने वाले बहुश्रुत परिषद् के संयोजक, आगम मनीषी, मानद प्रोफेसर मुनि महेंद्र कुमार जी स्वामी का अकस्मात् देवलोकगमन सुनकर हम स्तब्ध रह गए। व्यक्ति जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्म से महान होता है। अपने व्यक्तित्व से नई लकीरें खींचता है और ऐसे ही एक व्यक्तित्व हुएµमुनि महेंद्र कुमार जी स्वामी। जिन्होंने गृहस्थ जीवन में बी0एस0सी0 की डिग्री प्राप्त कर संयम जीवन की ओर चरण बढ़ा दिए। उस समय बी0एस0सी0 डिग्रीधारी संत धर्मसंघ में वे एक ही थे। गुरुदेव श्री तुलसी से संयम प्राप्त कर आचार्यश्री महाप्रज्ञजी और आचार्यश्री महाश्रमणजी के नेतृत्व में जिन्होंने आगम का बहुत कार्य किया और अंतिम समय तक भी वे वह कार्य पूर्ण निष्ठा के साथ करते रहे। उनकी उर्वरा मेधा शक्ति ने तेरापंथ धर्मसंघ को अनेक प्रकार की सेवाओं द्वारा नए कीर्तिमान स्थापित किए। तीनों ही आचार्यों का उनके सर पर सदैव वरदहस्त रहा। स्वास्थ्य की प्रतिकूलता होने पर भी उनका मनोबल मानो शिखर पर था। छोटी सी वेदना पर व्यक्ति टेंशन से घिर जाता है वहीं पर मुनिश्री का मुख मंडल हमेशा मुस्कान लिए हुए था। तेरापंथ धर्मसंघ में प्रोफेसर की उपाधि प्राप्त करने वाले वे एकमात्र संत थे। उन्हें अनेक भाषाओं पर अधिकार प्राप्त था।
गुरुदेव के पावन दर्शन करने हेतु गुजरात की ओर प्रस्थित थे, तब हमने मुंबई में मुनिश्री के दर्शन करने व उनसे ऊर्जा प्राप्त करने के लिए 50 किलोमीटर का अतिरिक्त मार्ग तय किया और मुनिप्रवर ने भी स्वास्थ्य की प्रतिकूलता को गौण कर हमें अपना असीम वात्सल्य प्रदान किया। हम मुनिश्री की कृपा से अभिभूत हैं। सभी संतों का अपनत्व भाव हृदय को गद्गद् करता है। तपस्वी मुनिश्री अजीत कुमार जी स्वामी ने भी लंबे समय तक मुनिश्री के तन का कपड़ा बनकर, तपस्या के साथ सेवा की है। जो अपने आप प्रेरणादायी है, उदाहरण है। ऐसे सेवाभावी संतों पर हम नाज करते हैं। मुनि जम्बू कुमार जी, मुनि अभिजीत कुमार जी, मुनि जागृत कुमार जी और मुनि सिद्ध कुमार जी सभी संतों ने अपनी सेवा से उनके चित्त को समाधि प्रदान की है। मुनिश्री मुंबई में काफी वर्षों से प्रवासित थे, मुंबईवासियों को भी इस सेवा का दुर्लभ अवसर प्राप्त हुआ। अंतःकरण के भावों से यही मंगलकामना मुनिश्री की पावन आत्मा अपने परम लक्ष्य को शीघ्र प्राप्त करे और उनके गुणों की सुवास सभी के जीवन में सुवासित होती रहे।