अपने जीवन को साधना से तेजस्वी बनाएँ

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अपने जीवन को साधना से तेजस्वी बनाएँ

सूर्यनगर।
साध्वी अणिमाश्री जी का उपनगरों में भ्रमण के क्रम में सूर्यनगर में पदार्पण हुआ। ज्ञान, ध्यान की दृष्टि से पंच दिवसीय प्रवास विशेष फलदायी रहा। इस प्रवास में साध्वीश्री जी का द्वि-दिवसीय प्रवचन स्थानक में एवं द्वि-दिवसीय प्रवचन विद्या भारती स्कूल के सुरम्य प्रांगण में हुआ। विद्या भारती स्कूल प्रांगण में साध्वीश्री जी ने सकल समस्या समाधायक अनुष्ठान करवाया, जिसमें विशाल उपस्थिति ने मंत्रोच्चार से उत्पन्न विशिष्ट ऊर्जा का अनुभव किया।
साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि संत आगम सुक्त के आधार पर विचरण करते हैं। अपनी साधना जागरूकता के साथ करते है किंतु श्रावक समाज को दिशा बोध देने एवं उनके आत्म उत्थान के लिए प्रयत्नशील रहते हैं। पूज्य गुरुदेव ने महत्ती कृपा कर इस बार हमें दिल्ली महानगर में काम करने का अवसर प्रदान किया है। दिल्ली में विचरण करते-करते सूर्यनगर में प्रवेश हुआ है। हम अपने जीवन को सूर्य की तरह तेजस्वी बनाएँ। हम हमारी संसारपक्षीय भानजी अशोक-अंजु नाहटा के निवास में आए हैं। अच्छी सेवा की है, करती रहे। पूरा श्रावक समाज हमारे प्रवास का खूब लाभ उठाए। डॉ0 साध्वी सुधाप्रभा जी ने अपने भावों की प्रस्तुति दी एवं तत्त्वज्ञान का प्रशिक्षण दिया। साध्वी कर्णिकाश्री जी ने रात्रिकालीन कार्यक्रम का संचालन किया। साध्वी समत्वयशा जी ने गीतों की धार बहाई। साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने आगम-वाणी का रसपान कराया।
विद्या भारती स्कूल के सेक्रेटरी आलम अली ने साध्वीश्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि आज हमारी स्कूल में ऊर्जाप्रदायी अनुष्ठान करवाकर नई ऊर्जा का संचार किया है। महेंद्र घीया, अशोक नाहटा, सीमा खन्ना, गाजियाबाद सभा के अध्यक्ष सुशील सिपानी ने विचार व्यक्त करते हुए प्रवास के लिए अहोभाव प्रकट किया। अंजु नाहटा, अभिषेक सेठिया, अशोक, आयुष, हर्षा नाहटा ने स्वागत गीत गाया। भीखमचंद सुराणा, करण चोरड़िया, अशोक नाहटा, अनिल लुणिया, महेंद्र घीया ने लाभ दिराने के लिए साध्वीश्री जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।