संत होते है जागृति के प्रतीक

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संत होते है जागृति के प्रतीक

युग प्रधान आचार्यश्री महाश्रमण के सुशिष्य मुनिश्री चैतन्य कुमार अमन ने अपने सहवर्ती मुनि श्री प्रबोध कुमार के साथ तेरापंथ भवन गंगा शहर से एक भव्य रैली के साथ तेरापंथ भवन भीनासर में चातुर्मासिक प्रवेश किया। भव्य रैली में तेरापंथी सभा, तेरापंथ युवक परिषद्, तेरापंथ महिला मंडल-गंगाशहर-मीनासर के व्यावक-श्राविकाएं उपस्थित थे। रैली महावीर चौक, सदर बाजार से होती हुई भीनासर तेरापंथ भवन में आकर सभा के रूप में परिणत हुई। इस अवसर पर मुनिवृन्द का स्वागत समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुनिश्री चैतन्य कुमार अमन ने उपस्थित श्रावक समाज को सम्बोधित करते हुए कहाµसंत जागृति के प्रतीक होते है। जागृति का सन्देश देते हुए वे जनता में ज्ञान का संचार करते है। चतुर्मास के दौरान संत एक स्थान पर रहकर आत्म साधना करते है तथा ज्ञान-ध्यान-तप-त्याग की प्रेरणा देकर जन मानस को आगे बढ़ाने का प्रयास करते है। मुनि अमन ने आह्वान करते हुए कहाµआचार्य श्री महाममण ने जो चातुर्मास के लिए हमें भेजा है तो श्रावक समाज को भी उसका भरपूर लाभ उठाने का प्रयास करना होगा। अपनी समझशक्ति श्रमशक्ति और समय का पूरा उपयोग करना होगा तभी सन्तों के चातुर्मास की सार्थकता हो पाएगी।
इस अवसर पर तेरापंथी सभा की ओर विमल बैद, तेरापंथ युवक के अध्यक्ष मोहित सेठिया, तेरापंथी सभा गंगाशहर के अध्यक्ष अमर चन्द सोनी, ने मुनिवृन्द के स्वागत में विचार व्यक्त किए। महिला मंडल-भीनासर ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। मुनिश्री श्रेयांस कुमार जी, मुनि विमल बिहारी जी, मुनि प्रबोध कुमारजी ने अपनी भावनाएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा मोनिका सेठिया ने कार्यक्रम का संचालन किया।