योग देता है जीवन जीने की कला

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योग देता है जीवन जीने की कला

चंडीगढ़
मुनि विनयकुमारजी आलोक ने गोयल भवन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर संबोधित करते हुए कहा कि योग मानसिक, आध्यात्मिक और शारीरिक पथ के माध्यम से जीवन जीने की कला सिखाता है। यह शांति प्राप्त करने अनुमति देता है। यह सीखने में भी मदद करता है कि कैसे मन, भावनाओं और कम शारीरिक जरूरतों की खींचातानी से ऊपर उठकर दैनिक जीवन की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। योग एक शरीर, मन और ऊर्जा के स्तर पर काम करता है। हमें योग के प्रति धैर्य रखना चाहिए। लोग आमतौर पर वजन कम करने के लिए दवाई, स्टेरॉयड या सर्जरी के उपयोग जैसे शॉर्टकट पसंद करते हैं, जो स्पष्ट रूप से समय की अवधि में बुरा प्रभाव डालते हैं।
मुनिश्री ने आगे फरमाया कि योग सभी के जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शरीर और मन के बीच संबंधों को संतुलित करने में मदद करता है। यह व्यायाम का प्रकार है जो नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक अनुशासन सीखने में मदद करता है। इसकी उत्पत्ति भारत में बहुत समय पहले प्राचीन समय में हुई थी। प्रकार के योग हैं राज योग, ज्ञान योग, भक्ति योग, कर्म योग, हठ योग। कार्यक्रम में चंडीगढ, पंचकूला, मोहाली सहित पंजाब व हरियाणा से श्रावक- श्राविकाओं ने हिस्सा लिया।