मंत्र दीक्षा के विविध आयोजन

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मंत्र दीक्षा के विविध आयोजन

जलगाँव
अभातेयुप के तत्त्वावधान में संपूर्ण भारत देश व विदेश की 357 शाखाओं में एक साथ मंत्र दीक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जलगाँव में मुनि आलोक कुमार जी आदि के सान्निध्य में मंत्र दीक्षा कार्यक्रम का आयोजन अणुव्रत भवन में किया गया। सर्वप्रथम मुनि आलोक कुमार जी ने मंत्रों के उच्चारण द्वारा संस्कार निर्माण की जरूरत पर अपने विचार सदन के समक्ष प्रस्तुत किए। मुनिश्री ने बताया कि नवकार महामंत्र के रोज जप करने से हम अपने कर्मों की कर्म निर्जरा कर सकते हैं। भौतिकवाद की चकाचौंध में बच्चों में संस्कार निर्माण हेतु ज्ञानशाला शुरू की गई एवं मंत्र दीक्षा में मंत्रों द्वारा संस्कारों का एक सुरक्षा कवच बच्चों में निर्माण किया जाता है। बचपन में ही बच्चों में संस्कार निर्माण हो जाए तो भविष्य में वे भौतिक चकाचौंध से अपनी सुरक्षा कर सकते हैं।
मुनि हिम कुमार जी ने नवकार मंत्र के सुंदर गीत की प्रस्तुति प्रस्तुत की। अपने वक्तव्य में मुनिश्री ने एक बंदर की सुंदर कहानी बताकर रोज नवकार मंत्र के जप करने की महानता के बारे में बताया।
मुनि लक्ष्य कुमार जी ने ‘नवकार महामंत्र मासखमण’ करने की सभी ज्ञानार्थी बच्चों को प्रेरणा प्रदान की। रोज सुबह, दोपहर, शाम को भोजन से पहले 11 नवकार मंत्र का जप करना है। ऐसे रोज के 33 बार नवकार महामंत्र का जप 5 माह तक करना है तभी आपका नवकार महामंत्र मासखमण माना जाएगा।
जलगाँव ज्ञानशाला के ज्ञानार्थी बच्चों द्वारा सबके समक्ष विशेष प्रस्तुति प्रस्तुत की गई। मुनिश्री ने नवम आयु वर्ष के 4 ज्ञानार्थी बच्चों को मंत्र दीक्षा व अन्य ज्ञानार्थी बच्चों को मंगल पाथेय प्रदान किया।
तेयुप अध्यक्ष सुदर्शन बैद ने अपने वक्तव्य में गणाधिपति आचार्यश्री तुलसी का स्मरण करते हुए बताया कि ज्ञानशाला यह उपक्रम आचार्यश्री तुलसी के द्वारा शुरू किया हुआ उपक्रम है। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थी श्रेयांश जयेश लोढ़ा के 7 का उपवास है, यह ज्ञानशाला के ही संस्कार हैं। मुनि आलोक कुमार जी, ज्ञानशाला के ज्ञानार्थी बच्चों के अभिभावकों व ज्ञानशाला की सर्व प्रशिक्षकों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।
मंत्र दीक्षा के कार्यक्रम में जलगाँव, भुसावल व नशीराबाद के कुल 60 ज्ञानार्थी बच्चे उपस्थित थे।
आयोजन की सफलता हेतु ज्ञानशाला प्रशिक्षिका मैना छाजेड़, रोनक चोरड़िया, सुषमा चोरड़िया, दक्षता सांखला, रीतु छाजेड़, ज्ञानशाला मुख्य प्रशिक्षिका विनीता समदरिया, तेरापंथ सभा से ज्ञानशाला प्रभारी नौरतमल चोरड़िया, तेयुप से उपाध्यक्ष-प्रथम रितेश छाजेड़ आदि अनेक गणमान्यजनों का सहयोग रहा।