अनुपम आभा से आभामंडित व्यक्तित्व का नाम है-गुरुदेव तुलसी
कृष्णानगर, दिल्ली।
साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में गुरुदेव श्री तुलसी का 27वाँ महाप्रयाण दिवस तुलसी भक्तों की उपस्थिति में तप-जप एवं श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया। साध्वीश्री जी की प्रेरणा से दिल्ली महानगर में पहली बार 1557 एकासन के द्वारा श्रावक-श्राविकाओं ने गुरुदेव तुलसी को तप का श्रद्धा अर्घ्य समर्पित किया। साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि अनुपम आभा से आभामंडित एक विराट व्यक्तित्व का नाम हैµगुरुदेव तुलसी। युवा दहलीज पर पाँ रखते ही जिसने शासन की बागड़ोर संभाली उस युवराजयोगी का नाम हैµगुरुदेव तुलसी। गुरुदेव तुलसी ने अपनी सूझबूझ से धर्मसंघ को व्योमस्पर्शी ऊँचाइयाँ प्रदान की। जिनशासन के नक्शे में धुँधले से दिखाई देने वाले तेरापंथ को सूर्य की तरह तेजस्वी बना दिया। महान सृष्टा, महान सृजनहार, महान निर्माता गुरुदेव तुलसी को उन्हीं की कृतियों का श्रद्धासिक्त अभिवंदन।
साध्वीश्री जी ने कहा कि छब्बीस वर्षों में यह पहला महाप्रयाण दिवस है जहाँ हमारे सान्निध्य में पहली बार 1557 एकासन हुए हैं। डॉ0 साध्वी आरती ज्योति जी म0सा0 ने कहा कि माँ की वह कोख धन्य होती है, जिस कोख से तुलसी जैसे कोहिनूर पैदा होते हैं। कोहिनूर की तरह अपनी साधना को चमकदार बनाया। साध्वी कर्णिकाश्री जी ने संकल्प पुरुष के रूप में उनकी अभिवंदना करते हुए कहा कि आपके सपने हमारे संकल्प बनें, हम भी धर्मसंघ की प्रभावना करें।
डॉ0 साध्वी सुधाप्रभा जी ने कहा कि आचार्य तुलसी प्रयोगधर्मा थे। अध्यात्म के विशिष्ट प्रयोक्ता थे। उन्होंने धर्मसंघ को प्रयोगों की नवीनतम प्रयोगशाला बनाया। साध्वी समत्वयशा जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने मंच का संचालन किया। गांधीनगर सभाध्यक्ष कमल गांधी, शाहदरा सभा अध्यक्ष पन्नालाल बैद, दिल्ली सभा के उपाध्यक्ष सुभाष सेठिया, गाजियाबाद सभा के सहमंत्री ललित डागा, तेयुप अध्यक्ष विकास सुराणा, विकास मंच के महामंत्री महेंद्र श्यामसुखा, डॉ0 कुसुम लुणिया ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। ज्ञानशाला के बच्चों ने मोहक प्रस्तुति दी। महिला मंडल ने सुमधुर गीत के द्वारा मंगल संगान किया। अनेक संस्थाओं के पदाधिकारियों सहित श्रावक-श्राविका समाज की सहभागिता रही।