‘फ्यूजन ८ - नेटवर्क एंड ग्रो-सोपान’ कार्यशाला का आयोजन

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‘फ्यूजन ८ - नेटवर्क एंड ग्रो-सोपान’ कार्यशाला का आयोजन

सिकन्दराबाद
तेरापंथ भवन, सिकन्दराबाद में तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम, हैदराबाद द्वारा आयोजित ‘फ्यूजन् ८ - नेटवर्क एंड ग्रो-सोपान’ कार्यक्रम में ‘करें आरोहण शिखर का’ विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन तीन चरणों में हुआ। प्रथम चरण में कार्यक्रम की शुरुआत टीपीएफ के सदस्यों ने मंगलाचरण से की। हैदराबाद टीपीएफ अध्यक्ष पंकज संचेती ने सभी का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के सत्रों का परिचय देते हुए बताया कि सोपान से नई ऊंचाइयों को कैसे छू सकते हैं एवं सभी पदाधिकारियों एवं श्रावक-श्राविकाओं का स्वागत किया। सभा अध्यक्ष बाबूलाल बैद ने सभी संस्थाओं की ओर से शुभकामनाएँ प्रेषित की। साउथ जोन अध्यक्ष मोहित बैद ने साइन के माध्यम से टीपीएफ की गतिविधियों के बारे में बताया एवं किस तरह से और कितनी दिशाओं में टीपीएफ काम करता है और सेवा देता है।
टीपीएफ नॉलेज बैंक चेयरमैन दीपक संचेती ने तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज ओस्तवाल का परिचय देते हुए उनके समर्पण, सकारात्मक दृष्टिकोण और सफल व्यापारिक प्रयासों के बारे में बताया। टीपीएफ राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज ओस्तवाल ने टीपीएफ के आचार्य महाप्रज्ञ नॉलेज सेंटर, मिशन १३१३ शिक्षा सहयोग योजना एवं अन्य परियोजनाओं के बारे में बताते हुए समाज से उनमें स्वेच्छा से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने टीपीएफ को घर -घर तक पहुँचाने एवं सभी तेरापंथी प्रोफेशनल्स को जोड़ने के लिए आह्वान दिया।
साध्वीश्री डॉ0 मंगलप्रज्ञा ने मंगल उद्बोधन में कहा- तेरापंथ के शास्ता ने टीपीएफ के लिए ये आशीर्वाचन के रूप में विशेष उद्‌गार व्यक्त किए हैं, उन्होंने टीपीएफ को ‘रत्नों की माला’ कहकर इस संस्था की गरिमा बढ़ाई है। सभी सदस्य उस कृपाभाव को शिरोधार्य कर आगे बढ़ें। साध्वीश्रीजी ने बताया कि ‘सोपान’ आगे बढ़ने के लिए, सफलता प्राप्ति के लिए परम आवश्यक है। शिखर पर आरोहण के लिए कुछ सशक्त पहलू है- सफलता के लिए पहली शर्त सकारात्मक सोच है। अभाव को देखने वाला कभी विकास नहीं कर सकता है। भाव को देखने का नजरिया बनाएं। हमें भगवान महावीर के सिद्धान्त को समझना है। यदि शिखर का आरोहण करना है तो सबसे पहले लक्ष्य का निर्धारण करना आवश्यक है। बिना आत्मविश्वास किए व्यक्ति सफल नहीं हो सकता। अपनी शक्तियों को नजरंदाज न करें। यदि आप खुद पर भरोसा करेंगे तो दूसरा भी आप पर भरोसा कर सकता है।
साध्वीश्रीजी ने आज के प्रसंग पर विशेष प्रेरणा देते हुए कहा कि हर व्यक्ति टीपीएफ के लिए अपने समय, शक्ति का समायोजन करें। समाज इस संस्था से कैसे लाभान्वित हो सकता है, वैसा प्रयास होना चाहिए। संघ-संगठन समाज के लिए आश्वासन होता है। संघपति हमारे आस्था के आसमान है संघ की गरिमा बढ़ाना चतुर्विध धर्मसंघ का काम है।
साध्वी डॉ0 चैतन्यप्रभाजी ने कहा-‘अध्यात्म और विज्ञान के विकास का समन्वय व्यक्तित्व के विकास में परम सहयोगी है। विकास के सोपान पर चढ़ने के लिए भीतर और बाहर का संतुलन जरूरी है।’ इस चरण के अंत मे पधारे हुए स्पीकर एनईसी नवीन प्रोफेशनल्स का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में डॉ0 प्रिया वर्मा ने बताया कि चैट जीपीटी का कैसे प्रयोग किया जा रहा है? चैटजीपीटी सबसे लोकप्रिय रूप है। उन्होंने उदाहरण दिए कि मशीनें मानवों की तरह कैसे सीख रही हैं? वह कहती हैं कि यह अच्छा है कि रूटीन कार्यों के लिए प्रयोग किया जा रहा है। जटिल कार्यों के लिए अभी भी मानव की जरूरत है। हालांकि, आने वाले समय में कंप्यूटर और भी शक्तिशाली हो सकते हैं और मानवों को अपने कौशल को अग्रणी बनाए रखने के लिए उन्हें अपग्रेड करना होगा। डॉ0 सुरेश कोचट्टिल ने ‘डिजिटल युग में नेतृत्व: सफलता के लिए टीम को प्रेरित करना’ के बारे में समझाया। उन्होंने कहा कि हमें अपने आपको डिजिटल युग की दिशा में अपग्रेड करना चाहिए और अपनी टीम को वैसा ही सीखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हमें अपने विचार खुलकर रखने चाहिए और हर किसी को समान मानकर व्यवहार करना चाहिए।
उर्वशी बैद ने पॉवर ऑफ कम्युनीकेशन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अशाब्दिक संचार शाब्दिक संचार से 93 प्रतिशत अधिक प्रभाव डालता है। हमें अशाब्दिक संचार के प्रति अधिक जागरूक होना चाहिए। जैसे की हमारी शारीरिक मुद्रा, भाषण और क्रियावली। संचारण सतर्क और सजग होना चाहिए।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में टीपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज ओस्तवाल ने हैदराबाद शाखा के सदस्यों के साथ एक रुबरू सत्र (ओपन हाउस चर्चा) की। लगभग 60 सदस्य सत्र में उपस्थित थे। सभी सदस्यों ने परिचय देते हुए टीपीएफ के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के सुझाव बताये। पंकज ने असक्रिय सदस्यों से संपर्क में रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने टीपीएफ को समाज के लिए और उपयोगी बनाने के लिए सुझाव लिए। कार्यक्रम में टीपीएफ ओर्गनाईजेसन डेवेलपमेंट चेयरमैन ऋषभ दुगड़, एनईसी सदस्य नवीन सुराणा एवं अन्य पदाधिकारियो की उपस्थिति रही। सत्र साध्वीश्रीजी के मंगल पाठ से समाप्त हुआ। अंत में टीपीएफ मंत्री अणुव्रत सुराणा ने साध्वीश्रीजी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित श्रावक -श्राविकाओं का धन्यवाद ज्ञापन किया।