ज्ञानशाला दिवस के विभिन्न आयोजन
गुलाबबाग
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, गुलाबबाग के तत्वावधान में मुनि रमेशकुमारजी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन स्थित प्रज्ञा सभागार में ज्ञानशाला दिवस आयोजित हुआ। इस समारोह में बिहार क्षेत्र के गुलाबबाग, कटिहार, फारबिसगंज, किशनगंज, अररिया कोर्ट, कटिहार, मधुबनी-भट्टा बाजार , खुश्कीबाग आदि क्षेत्रों से 35 प्रशिक्षिकाएं एवं लगभग 160 बच्चों ने भाग लिया। मुख्य समारोह से पूर्व ज्ञानशाला की रैली निकाली गई।
मुख्य समारोह में मुनि रमेशकुमारजी ने ज्ञानशाला का महत्व बताते हुए कहा- ‘संस्कार मानव जीवन की अमूल्य निधि है, जिसकी आवश्यकता हर युग में होती है। ज्ञानशाला भावी पीढी. की निर्माणशाला है। जब ज्ञानार्थी अच्छे संस्कारों से युक्त बनते हैं तो अच्छे संस्कारों की सुवास सभी ओर फैलती है। संस्कार पुष्ट होने से ही वे बच्चे आगे चलकर परिवार, समाज और राष्ट्र के कर्णधार बनते हैं। सफल नेतृत्व भी कर सकते हैं।’
मुनि रत्नकुमारजी ने कहा- ‘ज्ञानशाला के इस स्वरुप को देखकर मुझे लग रहा है कि आचार्यश्री तुलसी का स्वप्न पूर्ण हो गया। ज्ञानशाला के माध्यम से समाज की नन्ही-नन्ही कलियों का बहुत अच्छा विकास हो रहा है।’
गुलाबबाग के ज्ञानार्थियों ने अर्हं-अर्हं की वंदना से मंगलाचरण किया एवं महाश्रमण अष्टकम् का संगान किया। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष सुशील संचेती ने समागत सभी क्षेत्रों के लोगों का स्वागत किया। तेरापंथी महासभा के उपाध्यक्ष नेमचंद बैद ने महासभा की गतिविधियों को बताते हुए कहा कि ज्ञानशाला महासभा की प्रमुख गतिविधि है, जिसके माध्यम से संस्कारयुक्त भावी पीढी तैयार हो रही है। बिहार प्रांत के आंचलिक संयोजक धर्मचन्द श्रीमाल ने ज्ञानशाला की एकरुपता एवं ज्ञानशाला की संपूर्ण गतिविधियों की जानकारी दी। सभी क्षेत्रों की ज्ञानशालाओं के ज्ञानार्थियों एवं प्रशिक्षिकाओं ने विविध रूपों में अपनी रोचक प्रस्तुतियां दी। गुलाबबाग ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं ने सुमधुर गीत प्रस्तुत किया। मुख्य प्रशिक्षिका रीना संचेती ने आभार ज्ञापित किया। उपासिका सीमा डूंगरवाल और श्रीती चौपड़ा ने समारोह का संचालन किया।
मुनि रमेशकुमारजी के सान्निध्य में आज तेरह दिन की तपस्या करने वाली तपस्विनी अनूप देवी संचेती का तेरापंथ सभा की ओर से तप अभिनंदन भी किया गया। तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा शांता संचेती ने समाज की सभी संस्थाओं की ओर से तप अभिनंदन किया। परिवार की बहनों ने सामूहिक तप गीत प्रस्तुत किया। नन्हीं बालिका पहल संचेती ने अपनी दादी मां की तपस्या पर विचार व्यक्त किये।