ज्ञानशाला दिवस  के विभिन्न आयोजन

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ज्ञानशाला दिवस के विभिन्न आयोजन

उदयपुर
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा द्वारा ज्ञानशाला दिवस का आयोजन तेरापंथ भवन में साध्वी डॉ. परमप्रभाजी के सान्निध्य में किया गया। नमस्कार महामंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। ज्ञानशाला परामर्शक फतहलाल जैन ने स्वागत किया। मंगलाचरण ज्ञानशाला के बच्चों ने किया। साध्वी डॉ. परमप्रभाजी ने गांधीजी के जीवन का उदाहरण देते हुए कहा कि बच्चों को अपने संस्कारों की धरोहर को संभाल कर रखते हुए उस सौरभ को चहूं और फैलाना है। उन्होंने अभिभावकों को अपने भविष्य के लिए जागृत रहने की प्रेरणा दी। साध्वी प्रेक्षाप्रभाजी ने गीतिका का संगान किया। मुख्य अतिथि डॉ. एल. एल. धाकड़ ने अपने वक्तव्‍य में कहा कि किसी भी संगठन को सुचारू रूप से चलाने के लिए पांच बातों की आवश्यकता होती है- अच्छी सोच, लक्ष्य, बेहतर कार्य योजना, कड़ी मेहनत, प्रबल आत्मविश्वास। प्रशिक्षिकाओं ने जिस तरह से बच्चों को ढाला है, वह बेमिसाल है। विशिष्ट अतिथि शांतिलाल सिंघवी ने ज्ञानशाला परिवार को शुभकामनाएं प्रेषित की। तेरापंथी सभाध्यक्ष अर्जुन खोखावत ने ज्ञानशाला के अतीत के पन्नों को पलटते हुए ज्ञानार्थियों एवं प्रशिक्षिकाओं के प्रयत्नों की सराहना करते हुये उदयपुर ज्ञानशाला राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम प्रदर्शित करे, ऐसी आशा व्यक्त की। मेवाड़ समन्वय समिति के अध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने कहा कि ज्ञानशाला बच्चों में ज्ञानार्जन के साथ संस्कारों को जन्म देती है। अभातेयुप के मंत्र दीक्षा सहप्रभारी अजीत छाजेड़, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा सीमा बाबेल, तेयुप अध्यक्ष विक्रम पगारिया, ज्ञानशाला संयोजिका सुनीता बैंगानी आदि ने अपनी भावा-भिव्‍यक्तियां दी। बच्चों ने एक्शन सोंग, आठ कर्म, महाप्रज्ञ अष्टकम पर नाटक की प्रस्तुतियां दी। चौबीस प्रशिक्षिकाओं ने गीतिका की सामूहिक प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर महासभा के कार्यकारिणी सदस्य महेंद्र सिंघवी, तेरापंथी सभा मंत्री विनोद कच्छारा, सभा कोषाध्यक्ष भगवतीलाल सुराणा, तेरापंथ महिला मंडल मंत्री ज्योति कच्छारा, तेयुप मंत्री भूपेश खमेसरा, अभातेयुप सम्यक दर्शन कार्यशाला सहप्रभारी संदीप हिंगड़ आदि गणमान्य श्रावक-श्राविकागण की उपस्थित रही। आभार ज्ञापन मुख्य प्रशिक्षिका प्रतिभा इंटोदिया एवं कार्यक्रम का संचालन कविता बड़ाला ने किया।