पर्युषण पर्वाराधना का कार्यक्रम

संस्थाएं

पर्युषण पर्वाराधना का कार्यक्रम

रायचूर
युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के पावन आशीर्वाद से एवं महासभा उपासक श्रेणी के राष्ट्रीय संयोजक सूर्यप्रकाश सामसुखा के निर्देशानुसार रायचूर कर्नाटक में पर्युषण आराधना करवाने हेतु हैदराबाद से दो उपासिका बहिनें रंजू बैद व अंजू बैद उपस्थित हुई। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, रायचूर के तत्वावधान में पर्युषण के सभी दिवसों के कार्यक्रमों को बहुत ही उत्साह के साथ व्यवस्थित रूप में आयोजित किया गया। सर्वप्रथम तेरापंथी सभा के अध्यक्ष माणकचन्द मरोठी ने उपासिकाओं का स्वागत किया। उपासिका बहिनों के साथ सभी परिवारों की परिचय गोष्ठी रखी गई। रायचूर में तेरापंथ के 10 परिवार प्रवासित हैं। सभी देव-गुरु-धर्म के प्रति पूर्ण निष्ठावान व श्रद्धाशील हैं।
पर्युषण पर्व का शुभारंभ जप-तप से किया गया। गुरुदेव द्वारा निर्देशित आठों दिवसों के बारे में उपासिका बहिनों ने जानकारी दी। प्रतिदिन किये जाने वाले कार्यक्रमों की संक्षिप्त रुपरेखा उपासिका रंजू बैद ने उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं के बीच रखी। महासभा द्वारा निर्देशित उपासक आचार-संहिता व श्रावक-निष्ठा पत्र का वाचन उपासिका अंजू बैद ने किया। प्रवचन के समय उपासिका रंजू बैद ने तीर्थंकर परम्परा के अन्तर्गत कालचक्र, छह आरे, तीर्थंकर परंपरा व भगवान महावीर के सताईस भवों एवं सात दिन तक जैन जीवन शैली के नौ सूत्रों की क्रमशः बहुत सुंदर व्याख्या करते हुए सारगर्भित वक्तव्य दिये। इसी क्रम में प्रतिदिन के निर्धारित विशेष आठों दिवसों के विषयों पर उपासिका अंजू बैद ने प्रभावी प्रस्तुति दी एवं ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित आख्यान सुनाये।
प्रतिदिन प्रेक्षाध्यान का अभ्यास व विषय पर गीत संगान करवाया जाता। प्रातः गुरु वंदना, दोपहर में तत्वज्ञान की कक्षाएं व सायंकाल में प्रतिक्रमण व रात्रि में विशेष प्रवचन श्रृंखला का बहुत ही सुन्दर व ज्ञानवर्धक क्रम रहा। तेरापंथ महिला मंडल की बहिनों ने गीतिकाओं का संगान किया। ज्ञानशाला संयोजिका कुसुम नाहर के नेतृत्व में ज्ञानार्थियों ने रात्रिकालीन कार्यक्रमों में आकर्षक प्रस्तुति दी। ध्यान दिवस के दिन स्थानीय प्रेक्षा प्रशिक्षक रेणु मरोठी ने प्रेक्षाध्यान के प्रयोग करवाये। जप दिवस के दिन श्रावक-श्राविकाओं ने 13 घंटे का अनुष्ठान रखा। पर्युषण के दौरान एक अठाई, संवत्सरी को लगभग 70 उपवास व 9 पौषध हुए। सामूहिक खमत-खामणा का कार्यक्रम रखा गया, जिसमें उपासिकाओं के प्रति आभार ज्ञापन किया गया।