धर्माराधना का सर्वोत्कृष्ट पर्व है- पर्युषण
कृष्णानगर, दिल्ली
उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमारजी के पावन सान्निध्य में पर्युषण महापर्व की आराधना की गई। पर्युषण महापर्व के प्रथम दिवस खाद्य संयम दिवस पर मुनिश्री ने भगवान महावीर के जीवनी पर व्याख्यान आरम्भ करते हुए फरमाया कि पर्युषण आत्मा के समीप रहने का समय है। श्रावक इस समय अधिक से अधिक जप-तप-संयम की आराधना का लक्ष्य बनाये। तेरापंथ युवक परिषद् ने गीतिका का संगान किया, रात्रिकालीन कार्यक्रम में मुनिश्री के सान्निध्य में खाद्य संयम पर विशेष वक्तव्य रखा गया, जिसका संचालन अरिहंत सुराणा ने किया।
द्वितीय दिवस स्वाध्याय दिवस पर पूर्वी दिल्ली तेरापंथ महिला मंडल द्वारा गीतिका का संगान किया गया एवं रात्रि में स्वाध्याय पर विशेष वक्तव्य रखा गया, जिसका संचालन हितेश दुगड़ ने किया। तृतीय दिवस सामायिक दिवस के अवसर पर मुनिश्री ने अभिनव सामायिक का प्रयोग करवाया एवं श्रावक के जीवन में सामायिक की महत्ता से अवगत करवाया। तेरापंथ युवक परिषद् की आयोजना में सामायिक हुई। तेयुप द्वारा सामायिक गीतिका का संगान किया गया। साथ ही साथ तपस्वी मुनि नमिकुमारजी की 37 की तपस्या का तप-अनुमोदन का कार्यक्रम भी आयोजित हुआ। रात्रि के समय सामायिक पर विशेष वक्तव्य रखा गया, जिसका संचालन अनिल बोथरा ने किया।
चतुर्थ दिवस वाणी संयम दिवस के अवसर पर ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं द्वारा सुमधुर गीतिका का संगान हुआ। रात्रि के समय सामायिक पर विशेष वक्तव्य रखा गया, जिसका संचालन बजरंग कुण्डलिया ने किया। पंचम दिवस अणुव्रत चेतना दिवस पर विकास मंच के द्वारा गीतिका का संगान हुआ। रात्रि के समय अणुव्रत पर विशेष वक्तव्य रखा गया, जिसका संचालन पवन जैन ने किया।
पर्युषण के षष्ठम दिवस जप दिवस पर मुनिश्री ने सुमधुर गीतिका का संगान करते हुए जप की जीवन में महत्ता के बारे में बताया। रात्रि के समय जप पर विशेष वक्तव्य रखा गया, जिसका संचालन राकेश बैद ने किया। सप्तम दिवस ध्यान दिवस पर मुनिश्री ने फरमाया कि ध्यान के महत्व को बताते हुुए कहा कि ध्यान करने से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है।
अष्टम दिवस संवत्सरी महापर्व पर मुनिश्री ने अपने अथक प्रवचन में भगवान महावीर के जीवन, दिगम्बर, मूर्तिपूजक, स्थानकवासी परम्पराओं का बोध देते हुए, तेरापंथ धर्मसंघ के यशस्वी आचार्यों की जीवन गाथाओं की क्रमशः जानकारी करवायी। साध्वी प्रमुखाओं एवं विशिष्ट साधु-साध्वियों की जीवन व घटनाओं के श्रवण से श्रावक समाज लाभान्वित हुआ।
क्षमापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुनिश्री ने आचार्य प्रवर, साध्वी प्रमुखाश्रीजी, मुख्यमुनिश्री, साध्वीवर्याजी एवं समस्त चारित्रात्माओं सहित श्रावक समाज से खमत खामणा किया। सभी श्रावकों ने मुनिश्री एवं सहवर्ती संतों से खमत-खामण किया। इस अवसर पर विकास मंच अध्यक्ष दीपचंद सुराणा एवं गाँधीनगर सभाध्यक्ष कमल गांधी द्वारा सभी संस्थाओं की तरफ से सभी को खमत-खामणा किया गया। मुनिश्री के बहुमूल्य श्रम एवं पावन प्रेरणा एवं कार्यकर्ताओं के निष्काम सहयोग से पर्युषण महापर्व की आराधना में श्रावकों ने बढ़-चढ़ कर सहभागिता की।