सीपीएस कार्यशाला का दीक्षांत समारोह

संस्थाएं

सीपीएस कार्यशाला का दीक्षांत समारोह

राजनगर।
साध्वी परमयशा जी के सान्निध्य में सीपीएस कार्यशाला का दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम का आयोजन हुआ। डाॅ0 साध्वी परमयशा जी ने कहा कि हर इंसान जिंदगी में सफलता की उड़ान भरना चाहता है। उसके लिए हर कार्य में चातुर्य हो, चिंतन में गांभीर्य हो, व्यवहार में माधुर्य हो, अंतःकरण में सौंदर्य हो, अध्यात्म का ऐश्वर्य हो। कोई भी व्यक्ति जन्म से विद्वान और वक्ता नहीं बनता, एक दिन में कोई आचार्य सिद्धसेन और समंतभद्र नहीं बनता। इंसान के पास असीम ऊर्जा का पावर हाउस है। हमारे भीतर प्रतिभा है, उसे प्रोत्साहन, प्रेरणा, पुरुषार्थ प्रयत्न से तराशने-संवारने की जरूरत है। माचिक की तिली कभी न बने। अगरबत्ती की तरह सुवास फैलाएँ। 
साध्वीश्री जी ने आगे कहा कि 25 प्रतिशत ऊर्जा काम में लेने वाला न कुछ के बराबर होता है, 50 प्रतिशत ऊर्जा काम में लेने वाला कुछ सफल हो जाता है, 100 प्रतिशत ऊर्जा से व्यक्ति देश और दुनिया में छा जाता है। वह हर सपना साकार कर सकता है। ऐसे प्राणवान गतिमान इंसान आॅल दा बैस्ट बन जाता है।
सीपीएस कार्यशाला अभातेयुप का एक आयाम है। यह सीपीएस प्रशिक्षण का बहुआयामी प्रकल्प है। जो गुड को बैस्ट बनाता है, साधारण को असाधारण, जीरो को हीरो की पहचान देता है। इतिहास लिखने के लिए कलम नहीं हौसलों की जरूरत होती है। तेयुप, राजनगर ने हौंसलों से उड़ान प्रारंभ की। कार्यक्रम का शुभारंभ तेयुप द्वारा विजय गीत से हुआ। श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने किया।
साध्वीवृंद ने गीत का संगान किया। तेयुप के अध्यक्ष भूपेश धोका ने सबका स्वागत किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा, मुख्य अतिथि सुरेश चंद्र कावड़िया, सीपीएस के राष्ट्रीय सह-प्रभारी कुलदीप कोठारी, ट्रेनर अखिल मारू, शाखा प्रभारी जितेश पोखरना ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। इस कार्यशाला में 33 प्रतिभागियों ने भाग लिया। अंत में तेयुप, राजनगर के मंत्री कपिल बड़ोला ने आभार ज्ञापन किया।