त्रिदिवसीय बाल संस्कार निर्माण आवासीय शिविर ‘अरुणोदय’ का आयोजन
सिकंदराबाद।
साध्वी डाॅ0 मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा, सिकंदराबाद के तत्त्वावधान में डी0वी0 काॅलोनी तेरापंथ भवन में त्रिदिवसीय बाल संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र में मंगलाचरण के रूप में बच्चों द्वारा ज्ञानशाला गीत का संगान किया गया। ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं ने भी गीत का संगान कर किया।
इस अवसर पर साध्वीश्री जी ने कहा कि बाल संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन चातुर्मासकाल में एक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिससे कि हमारे संघ की नन्ही पौध को संस्कारों का सिंचन मिले। साध्वीश्री जी ने कहा कि ऐसे शिविरों के आयोजन का उद्देश्य हैµभावी पीढ़ी सुयोग्य बने। उन्हें समीचीन मार्गदर्शन मिले, जीवन विकास के सूत्र मिलें। बीज बोते ही फल नहीं मिलता, सिंचन के प्रति भी जागरूकता रहनी चाहिए। तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में आयोजित इस शिविर में प्रशिक्षिकाएँ निःस्वार्थ भाव से धार्मिक संस्काररूपी अमूल्य विरासत को सहेजने में, निखारने में तन-मन से जुड़ी हैं। शिविर की सफल आयोजना में सबका श्रम सार्थक हुआ है। साध्वीश्री जी ने आगे कहा कि हमारे संघ की यह बाल पीढ़ी कीमती पूँजी है, इनकी सुरक्षा करना समाज और परिवार का परम दायित्व है। भविष्य में सभी को इस ओर ध्यान देना है, यह उपक्रम निरंतर आगे चलता रहे।
स्वागतीय वक्तव्य में क्षेत्रीय संयोजक संगीता गोलछा ने साध्वी डाॅ0 मंगलप्रज्ञा जी की प्रेरणा व उनके कल्पनाशील विशिष्ट चिंतन के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि पहली बार भाग्यनगर में बाल संस्कार निर्माण आवासीय शिविर आयोजित हुआ है। साध्वी डाॅ0 मंगलप्रज्ञा जी ने ‘स्माॅल किड्स, बिग क्वेश्चन्स्’ के तहत नन्ही जिज्ञासाएँ शांत की। साध्वी सुदर्शनप्रभा जी ने ध्यान के प्रयोग, साध्वी सिद्धियशा जी ने आसन प्रणायाम, साध्वी राजुलप्रभा जी ने कायोत्सर्ग, ‘ग्रो विद जैन विज़डम’, साध्वी चैतन्यप्रभा जी ने दृष्टांतों तथा कथानकों के द्वारा संस्कार प्रशिक्षण, साध्वी शौर्यप्रभा जी ने ‘स्केल अप योर प्यूरिटिज़ विद कलर्स’ आदि विषयों पर वक्तव्य दिए। जीवन विज्ञान के राष्ट्रीय प्रशिक्षक राकेश खटेड़ ने जैन विज्ञान, हाॅलिस्टिक एपरोच, एक्सेल एवरीव्हेयर आदि विषयों पर, राजेश खटेड़ ने तत्त्वज्ञान पर क्विज के माध्यम से, ट्रेनर रुचि सेठिया और सृष्टि जैन ने मनोरंजक गु्रप एक्टिविटीज़ के साथ कम्यूनिकेशन स्किल पर, कोमल सेठिया ने बेस्ट आउट आॅफ वेस्ट पर आर्ट, ग्राॅफोलोजिस्ट मोनिका खटेड़ ने हस्लेखन पर, इंदु कातरेला ने एरोबिक्स-जुम्बा पर सेशन लिया। किशोर मंडल ने लाफ्टर थैरेपी, बिग बाॅस, ट्रेजर हंट करवाया।
समापन सत्र में शिविरार्थियों के द्वारा आभार स्वरूप गीत का संगान किया गया और भक्तामर स्तोत्र, पच्चीस बोल, 24 तीर्थंकरों का उच्चारण द्वारा संक्षिप्त झलकियाँ प्रस्तुत की। संगीता गोलछा ने साध्वीश्री जी के चिंतन के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि इस शिविर के सफल आयोजन में साध्वीवृंद का श्रम के प्रति नतमस्तक हूँ। शिविर में लगभग 62 प्रशिक्षिकाएँ, किशोर मंडल की टीम जुड़ी है। सभाध्यक्ष बाबूलाल बैद ने कहा कि हमने कल्पना नहीं की थी कि यह असाध्य कार्य सिद्ध हो गया, यह सुखद आश्चर्य के साथ प्रसन्नता का भी विषय है। समापन समारोह में बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत मंच पर आकर्षक प्रस्तुतियाँ दी।
इस शिविर में लगभग 213 शिविरार्थी, 62 प्रशिक्षिकाएँ आदि का संपूर्ण टीमवर्क, आंचलिक संयोजक, तेरापंथ किशोर मंडल के कुशाल भंसाली व टीम में सभी का श्रम और उत्साह परिलक्षित हुआ। कार्यक्रम में तेरापंथी सभा के अध्यक्ष बाबूलाल बैद, सुशील संचेती, आंचलिक संयोजक सीमा दस्साणी, आंचलिक सह-संयोजक सरोज लोढ़ा, क्षेत्रीय संयोजक संगीता गोलछा, सह-संयोजक यशोदा कोठारी, सरिता नखत, कविता आच्छा, ज्ञानशाला विभाग संयोजक सुनील बोहरा व तेरापंथ किशोर मंडल आदि अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। सभी ट्रेनर्स का साहित्य द्वारा सम्मान किया गया। विविध सत्रों का संचालन साध्वी शौर्यप्रभा जी व डिंपल बैद ने किया। सरिता नखत ने आभार ज्ञापन किया।