योग बनाएँ स्वस्थ और भगाए रोग

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योग बनाएँ स्वस्थ और भगाए रोग

चंडीगढ़।
मनीषी मुनि विनय कुमारजी ‘आलोक’ एवं योग गुरु बाबा रामदेव का पतांजलि योगपीठ, हरीद्वार में मधुर मिलन हुआ। इस अवसर पर दोनों संतों के बीच वार्तालाप में योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि हमारी इंद्रियाँ अक्सर सुस्त हो जाती हैं, तब ध्यान तनावपूर्ण दुनिया में विश्राम और जागरूकता के लिए समय प्रदान करता है। ध्यान करने से अस्थायी तनाव से राहत की अधिक संभावना होती है। ध्यान करने की विविधता से पता चलता है कि व्यक्तित्व या जीवनशैली के आधार पर हर व्यक्ति के लिए ध्यान की अलग-अलग शैली है। जो ध्यान करता है, उसका अभ्यास करने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
बाबा रामदेव ने कहा कि योगाभ्यास शरीर को स्वस्थ बनाता है, क्योंकि यह हमें रोगों से लड़ने की शक्ति देता है। हृदय रोग, मधुमेह और अस्थमा जैसी कई अन्य बीमारियों के लिए योग की सलाह दी। योग रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। दुनिया में अस्सी प्रतिशत आबादी मोटापे से ग्रस्त है। हालाँकि योग को अपनी जीवनशैली में शामिल करके हम मोटापे को नियंत्रित कर सकते हैं। योग करने से शरीर लचीला बनता है। यह हमारी मांसपेशियों को मजबूत करता है और शरीर से अतिरिक्त चर्बी को कम करता है।
मनीषी मुनि विनय कुमारजी ‘आलोक’ ने कहा कि ध्यान धर्म और योग की आत्मा है। लेकिन ध्यान से जो अलग है बुढ़ापे में उसे वह सारे भय बताते हैं, जो मृत्यु के भय से उपजते हैं। अंत काल में उसे अपना जीवन नष्ट ही जान पड़ता है। इसलिए ध्यान करना जरूरी है। ध्यान से ही हम अपने मूल स्वरूप या कहें कि स्वयं को प्राप्त कर सकते हैं अर्थात हम कहीं खो गए हैं। स्वयं को ढूँढ़ने के लिए ध्यान ही एकमात्र विकल्प है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि इंसानों पर ध्यान का प्रभाव लंबे समय तक रहता है। ये इंसानों के सोचने की तरीकों को भी प्रभावित करता है। जिससे नए विचार आते हैं। यदि आप योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं तो आप तनाव मुक्त जीवन जी सकते हैं। आज हर दूसरा व्यक्ति तनाव में है जब हम योग करते हैं तो मांसपेशियों में मरोड़ और खिंचाव जैसी कई क्रियाएँ होती हैं। इससे हमारे शरीर की थकान दूर होती है और हम हमेशा तरोताजा महसूस करते हैं। यदि आप नियमित रूप से योग करते हैं तो आपके शरीर में ऊर्जा का संचार होगा।