मंगलभावना समारोह के विविध आयोजन

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मंगलभावना समारोह के विविध आयोजन

साउथ कोलकाता
मुनि जिनेश कुमार जी के चातुर्मास की परिसंपन्नता पर तेरापंथ सभा द्वारा द्विदिवसीय मंगलभावना समारोह का प्रथम चरण तेरापंथ भवन में आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि मनुष्य विकसित प्राणी है। विकास के तीन सूत्र हैं-आरोग्य, बोधि, समाधि। संयम से बोधि, आरोग्य और समाधि की प्राप्ति होती है। संयम से अनासक्ति का विकास होता है। अनासक्ति का महत्त्वपूर्ण सूत्र है- पदयात्रा। साधुओं के लिए विहार-चर्या को प्रशस्त बताया गया है। संतों का आगमन जहाँ क्षेत्र के लिए सौभाग्य सूचक होता है, वहीं निर्गमन विश्व बंधुत्वता का भाव लिए होता है। मुनिश्री ने आगे कहा कि मंगल भावना विनयशीलता, ग्रहणशीलता, प्रमोद भावना का सूचक है। गुरुदेव की कृपा से पाँच महीने तक ज्ञान अध्यात्म की गंगा बही, आप लोगों ने अच्छा लाभ लिया। लोगों में श्रद्धा भक्ति अच्छी है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि गुरु आज्ञा से आए और अब विहार की तैयारी है। सबसे हम खमतखामणा करते हैं, विदाई सद्गुणों को नहीं अव गुणों को देना। चातुर्मास के बाद धर्माराधना चलती रहे। मुनि परमानंद जी ने कहा कि यहाँ धर्म ध्यान का अच्छा क्रम चला। मुनि कुणाल कुमार जी ने गीत का संगान किया। इस अवसर पर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष विनोद चोरड़िया, तेरापंथ महासभा के पूर्व ट्रस्टी भंवरलाल बैद, तेरापंथ भवन के प्रधान ट्रस्टी तुलसी दुगड़, तेयुप के अध्यक्ष राकेश नाहटा, टीपीएफ के अध्यक्ष प्रवीण सिरोहिया, अणुव्रत समिति, कोलकाता के मंत्री नवीन दुगड़ आदि सभा-संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं गणमान्यजनों ने अपने विचार रखे। तेममं व कन्या मंडल ने प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का शुभारंभ तेममं की बहनों के मंगल गीत से हुआ। संचालन तेरापंथ सभा के मंत्री कमल सेठिया ने किया।