मासखमण तप अभिनंदन
गंगाशहर
शांति निकेतन सेवा केंद्र में तेरापंथी सभा द्वारा मासखमण तप करने वाली तपस्विनी बहन भारती दफ्तरी का तप अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी पावनप्रभा जी ने कहा कि तप एक मंगल है, तपस्या करने वाले भाई-बहन के भाव, भाषा और मन की शुद्धि होने से वह मंगलमय बन जाता है। साध्वीश्री जी ने कहा कि दफ्तरी परिवार व पुगलिया परिवार दोनों ही संघ व संघपति के प्रति समर्पित परिवार है। साध्वी रम्यप्रभा जी ने मासखमण तप का महत्त्व बताया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण से किया गया। साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभा जी से प्राप्त संदेश का वाचन किया गया। ललिता दफ्तरी ने तपस्विनी के बारे में उद्गार व्यक्त किए। तपस्विनी बहन के पारिवारिक जनों में से भीखमचंद पुगलिया, सुशील बैद, सुषमा देवी ने अपने विचार व्यक्त किए। तेममं की अध्यक्षा ममता रांका, तेयुप के मंत्री देवेंद्र डागा, तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमरचंद सोनी तथा आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष महावीर रांका ने तपस्या की अनुमोदना करते हुए तपस्विनी का अभिनंदन किया। सेवा केंद्र में विराजित साध्वियों तथा तपस्विनी के पीहर पक्ष पुगलिया परिवार की तरफ से सामुहिक गीतिका का संगान किया गया। तपस्विनी भारती दफ्तरी का महिला मंडल अध्यक्ष ममता रांका व मंत्री कविता चोपड़ा ने पताका व माल्यार्पण करके, तेयुप अध्यक्ष विजेंद्र छाजेड़ व मंत्री देवेंद्र डागा ने साहित्य भेंट कर तथा तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमरचंद सोनी व उपाध्यक्ष नवरतन बोथरा तथा सहमंत्री पवन छाजेड़ ने अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मान किया। इस अवसर पर संपत देवी भंसाली तथा मुस्कान बोथरा ने 13 की तपस्या का प्रत्याख्यान साध्वीश्रीजी द्वारा करवाया गया। तपस्विनी की तरफ से कन्या मंडल की पूर्व संयोजिका गरिमा सेठिया ने अपने उद्गार व्यक्त किए। इस अवसर पर साध्वी पावनप्रभा जी की प्रेरणा से तपस्विनी के पारिवारिकजनों ने 9 तेले करने का संकल्प लेकर तप द्वारा तप अभिनंदन करने का उदाहरण प्रस्तुत किया।