अध्यात्म है राग-द्वेष का चिकित्सक: आचार्यश्री महाश्रमण
कालबादेवी, 19 दिसंबर, 2023
भगवान महावीर के सक्षम प्रतिनिधि आचार्यश्री महाश्रमण जी ने पावन प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए फरमाया कि हमारी दुनिया में सुख भी है, तो दुःख भी है। दुःख एक ऐसा तत्त्व है, जिसके कारण आदमी को अच्छी प्रेरणा भी प्राप्त हो सकती है। आदमी को संभलने का मौका भी मिल सकता है। कभी व्यक्ति में मोह के प्रभाव से संभलने की बात ओझल सी हो जाती है। अध्यात्म का मंतव्य है कि शरीर और आत्मा दो चीजें हैं। जो हमें दिखाई देता है, वह स्थूल शरीर है। इस शरीर के अलावा दो शरीर और हैं सूक्ष्म और सूक्ष्मतर जैन दर्शन की भाषा में उनका नाम हैµतेजस और कार्मण शरीर। कार्मण शरीर सारे दुखों का कारण बनता है। राग और द्वेष कर्म के बीज हैं और दुखों का कारण है।
रोगों का इलाज तो हो सकता है, पर राग-द्वेष का इलाज होना मुश्किल है। पूर्वजन्म में किए गए कर्मों का वर्तमान में उदय आने पर कष्ट हो सकता है। शारीरिक कष्ट का संबंध हमारी चेतना के साथ जुड़ा है। मृत्यु आने पर मोक्ष न होने तक आत्मा दूसरा शरीर धारण कर लेती है। जन्म-मरण के कारण यह राग-द्वेष हैं। राग-द्वेष को क्षीण कर दें तो दुःख का कारण दूर हो जाएगा। राग-द्वेष की चिकित्सा अध्यात्म के द्वारा हो सकती है। ध्यान योग व संवर-निर्जरा से राग-द्वेष को दूर किया जा सकता है। आध्यात्मिक चिकित्सा हेतु जीवन में ईमानदारी, अहिंसा, संयम एवं नशामुक्ति का समावेश होना चाहिए।
अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी द्वारा आयोजित Elevate : Say Yes To Life-No To Drugs के संदर्भ में पूज्यप्रवर ने कहा कि व्यक्ति ड्रग्स से बचने का प्रयास करे। शराब, गुटखा, ड्रग्स आदि का नशा व्यक्ति को पतन की ओर ले जाता है। मेडिकल साइंस से संबंधित व्यक्ति Prevention and Cure पर ध्यान दें और अध्यात्म से जुड़े व्यक्ति राग-द्वेष को दूर करने का प्रयास करें तो व्यकित का शारीरिक एवं भावनात्मक दोनों प्रकार का स्वास्थ्य अच्छा रह सकेगा। कार्यक्रम संयोजक डॉ0 गौतम भंसाली, मुंबई के ज्वाइंट सी0पी0 सत्यनारायण चौधरी, एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती, लीवर स्पेशलिस्ट डॉ0 फारूख उदवाड़िया, डॉ0 एस0वी0 खाडीकर (बोम्बे हॉस्पिटल, न्यूरो सर्जन), कमीशनर एमएमआरडीए संजय मुखर्जी, कमीशनर बीएमसी इकबाल चहर, मुख्य अतिथि चेयरमैन बोम्बे हॉस्पिटल बी0के0 तापड़िया, अभिनेता सुनील सेट्टी, संगीतकार अनु मलिक, सुमति गोठी, अविनाश नाहर ने अपने विचार व्यक्त किए।
अणुविभा के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि मनन कुमार जी, मुनि अभिजीत कुमार जी, मुनि जागृत कुमार जी ने भी अपनी भावना अभिव्यक्त की। अशोक कोठारी ने अणुविभा की ओर से सभी का आभार व्यक्त किया। आज का यह विशेष कार्यक्रम बोम्बे हॉस्पिटल के प्रांगण में हुआ। अणुविभा द्वारा म्समअंजम पर डोक्यूमेंटरी फिल्म का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया।