धर्म की कमाई है कल्याणकारी : आचार्यश्री महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

धर्म की कमाई है कल्याणकारी : आचार्यश्री महाश्रमण

दादर, 14 दिसंबर, 2023
महामनीषी आचार्यश्री महाश्रमण जी आज प्रातः विहार कर बांद्रा ईस्ट से दादर पधारे। पावन प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए आचार्यप्रवर ने फरमाया कि आदमी चिंतन रखने वाला प्राणी होता है, जिसके पास मति, श्रुत की शक्ति होती है। सबका चिंतन एक समान न भी हो, कई अविकसित भी हो सकते है फिर भी सामान्यतया मनुष्य में विचारशक्ति होती है। बुद्धिमान व्यक्ति ऐसे कार्य को करना स्वीकार नहीं करेगा, जहाँ लाभ कम नुकसान ज्यादा होता हो। इस बात को धर्म के संदर्भ में समझें कि ठगी करने से पैसा ज्यादा आ भी गया पर पाप कर्म का बंध हो गया। दूसरी तरफ आपने किसी को धोखा दिया है, तो वह भी आपके साथ धोखा कर सकता है। ठगी करने वाले के व्यवहार में विश्वसनीयता भी नहीं रहती है।
ठगी से आत्मा मलिन होती है। ईमानदारी से आत्मा निर्मल रहती है। पैसा यहीं रह जाने वाला है, किसी के साथ एक नया पैसा भी जाने वाला नहीं है। धर्म की कमाई कोई कभी नहीं छीन सकता है। हमें मानव जीवन मिला है, इसमें ज्यादा से ज्यादा धर्म-अध्यात्म की कमाई करने का प्रयास करना चाहिए। जीवन की आवश्यकताएँ व्यापार-नौकरी हो सकती है, पर ये मूल हमारा साध्य नहीं है। हमारा मूल साध्य है कि आत्मा का कल्याण कैसे हो। जीवनशैली पर थोड़ा ध्यान दें, दिनचर्या के प्रथम चरण में एक सामायिक सुबह-सुबह हो जाए। धार्मिक साधना में कुछ समय अवश्य लगाने का प्रयास करना चाहिए। जिंदगी में धर्म की कमाई करें, यह कल्याणकारी हो सकती है।
साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी ने कहा कि भारतीय परंपरा में तीर्थ यात्रा का अपना महत्त्व होता है। तेरापंथ धर्मसंघ में गुरुदर्शन ही तीर्थयात्रा है। गुरुदर्शन करने का चिंतन करने से ही फल मिलने लग जाता है। उपवास से लेकर मासिक तपस्या का फल मिल सकता है। हमें परम पूज्य के दर्शन का लाभ मिल रहा है, जो हमें अपनी मंजिल तक ले जाने वाला होगा। पूज्यप्रवर ने स्कूल के विद्यार्थियों को ड्रग्स सेवन से मुक्त रहने का संकल्प करवाया। पूज्यप्रवर की अभिवंदना में स्वागताध्यक्ष नवरत्नमल कोठारी, तेममं, सभाध्यक्ष गणपत मारू ने अपनी भावना अभिव्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया।