महिला मंडल के विविध आयोजन
ईरोड
अभातेममं के निर्देशानुसार तेममं, ईरोड द्वारा साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में ‘माँ का दिशाबोध, बेटी की उड़ान’ कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला दो चरण में रखी गई, जिसमें पहले चरण में माताओं को एवं दूसरे चरण में माँ और बेटी दोनों को जोड़ा गया। पहला चरणµकार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र के साथ हुई। बहनों द्वारा प्रेरणा गीत के माध्यम से मंगलाचरण कर, महिला मंडल की अध्यक्षा पिंकी भंसाली के स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम को गति प्रदान की। साध्वी मयंकप्रभा जी ने छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से ‘माँ बेटी का रिश्ता कैसा होता है’ समझाया। संस्कारों की पौध इस तरह से वपन करें कि बेटियों का जीवन एक वटवृक्ष का रूप ले सके। साध्वी मेरुप्रभा जी व साध्वी दक्षप्रभा जी के ‘माँ एवं परिवार’ की गीतिका से पूरा भवन मंत्रमुग्ध हो गया। साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी ने बताया कि किस प्रकार संस्कारों का सही निर्माण बेटियों को सही दिशा दे सकता है। बदलते हार्मोंस की वजह से रिश्ते में एक